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लुटिया डुबो कर संसद से विदा हुए मनमोहन
किसानों की आत्महत्याएं, देश की शिक्षा व्यवस्था की ऐसी तैसी और उसका निजीकरण, सरकारी पदों और नौकरियों में गिरावट, स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण, विदेशी बैंकों और संस्थाओं की देश की व्यवस्था में घुसपैठ, धर्मांतरण को बढ़ावा, देश के संसाधनों में, रक्षा सौदों में लूट, सरहदों पर दुश्मन देशों का दबाव, बम धमाकों और दंगों का दौर और जाने क्या क्या उनके काल में इस देश ने भोगा।
पार्टियां प्रापर्टी बन गई है, तो वारिस बच्चे ही होंगे
संजय सिंह ने लिया हरिकेश बहादुर का विस्फोटक इंटरव्यू अब सिर्फ ब्रांड मोदी ही मुद्दाइंडिया गेट से अजय सेतिया /बालाकोट ने चुनाव की दिशा बदल दी है , जिस में मोदी एक भाजपा अब अपनी 162 सीटें बचाने में जुटीभाजपा की कोशिश है कि अगर इतनी सीटें बरकरार न रहें , तो नुक्सान कम से कम हो | इस लिए पंजाब में फ़िल्मी हीरो सन्नी दयोल , दिल्ली में गायक हंस राज हंस और क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गम्भीर को उतारा गया है | ताकि उतर भारत में उन आकर्षक हस्तियों का असर हो | क्या प्रचार में कांग्रेस पिछड़ गई हैनरेंद्र मोदी और अमित शाह दिन रात एक किए हुए हैं | दूसरी तरफ राहुल और प्रियंका का वैसा प्रचार दिखाई नहीं देता| चुनावों में काले धन पर प्रहारअजय सेतिया / यह एक अच्छा कदम है कि राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने के बाद जिस तरह उद्योगपतियों को सरकारी सम्पदा लुटा कर काला धन हासिल करती हैं, नेगेटिव आयकर आदर्श स्थिति होगीएयर स्ट्राईक के सबूत मांग कर बेकफुट पर आई कांग्रेस चुनावी बहस को कृषि |