Current Analysis

Earlier known as राजनीति this column has been re-christened as हाल फिलहाल.

पंजाब मे राहुल ने खेला कमल नाथ का उल्टा दांव

Publsihed: 16.Jun.2016, 13:55

कमल नाथ 1984 मे सीखों के नरसंहार के दोषियों मे से एक हैं। नानावटी आयोग और मिश्रा आयोग ने गुरुद्वारा रकाबगंज के सामने दो  सिखों को जिंदा जलाने के मामले मे आरोपी माना था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर सुभाष टंडन , अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर गौतम कौल के अतिरिक्त पत्रकार संजय सूरी ने भी आयोगो के सामने कमल नाथ के खिलाफ गवाही दी थी। कमल नाथ ने नानावटी आयोग के सामने स्वीकार किया था कि वह मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे। गवाहियों के मुताबिक पाँच घंटे के नरसंहार के दौरान दो घंटे तक कमल नाथ वंहा मौजूद थे और भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे।

तालिबान का नया प्रमुख मुल्लाह हैबतुल्लाह अखुंदजादा

Publsihed: 26.May.2016, 14:35

पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में तालिबान प्रमुख मुल्लाह अख्तर मंसूर के मारे जाने के बाद मुल्लाह हैबतुल्लाह अखुंदजादा को नया प्रमुख चुना गया है. पहले वह डिप्टी प्रमुख था, दूसरे डिप्टी प्रमुख सिराजुदीन हक्कानी डिप्टी प्रमुख बने रहेंगे. वह अफ्गानिस्तान के 34 राज्यों में से 15 राज्यों की तालिबान मिल्ट्री का प्रमुख होने के साथ साथ हक्कानी नेटवर्क भी चलाता है. हक्कानी नेटवर्क 2001 से ही अमेरिकी फोज पर हमले करने का काम कर रहा है. अमेरिका हक्कानी नेटवर्क से बेहद परेशान है, इसीलिए तालिबान और अफ्गानिस्तान सरकार में बातचीत करवा कर पतली गली से निकलने के पक्ष में है.

हरीश रावत नहीं दे पाये सीबीआई के सवालों का जवाब

Publsihed: 24.May.2016, 21:03

सात जून को होगी फिर पूछताछ। हरीश रावत आखिर आज सीबीआई के सामने पेश हुये । बहुत कोशिश की कि सीबीआई के सामने जाने से बचा जाए । कपिल सिब्बल भी हरीश रावत को सीबीआई से बचा नहीं पाये। आज उनसे सीबीआई ने पाँच घंटे तक पूछताछ की , हालांकि जांच से निकला कुछ भी नहीं। अब सीबीआई 7 जून को हरीश रावत से फिर पूछताछ करेगी। सीबीआई से बचने की सारी कोशिशों मे नाकाम होने के बाद रावत आज सुबह 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पँहुचे थे। फिर से मुख्यमंत्री कि कुर्सी संभालने के बाद हरीश रावत ने पहला काम यह किया था कि स्टिंग आपरेशन की जांच सीबीआई से लेने की कोशिश की

बाटला हाउस मुठभेड़ का भगोड़ा आई एस आई एस का आतंकी बना

Publsihed: 23.May.2016, 22:23

बाटला हाउस की  मुठभेड़ फिर सुर्ख़ियो मे आने वाली है। इशरत जहां मुठभेड़ को कैसे फर्जी मुठभेड़ बताया गया था। अब उसका भी भंडाफोड़ हो चुका है। साध्वी ऋतंभरा को कैसे फंसाया गया था । उसका भी खुलासा हो चुका है । कांग्रेस राज मे आतकवाद को कैसे बढ़ावा दिया गया । धीरे धीरे भडा फूट रहा है । कांग्रेस ने उस समय बाटला हाउस मुठभेड़ को भी फर्जी कहा था। अब आई एस आई एस का एक वीडियो सामने आया है। जिसमे बाटला हाउस मुठभेड़ के दोरान बच कर भाग निकला एक आतंकी दिखाई दे रहा है। उस मुठभेड़ मे दो आतंकी भाग निक

विकल्प मे नितीश पर भरी पड़ेगी जयललिता

Publsihed: 23.May.2016, 12:52

सारे रिकार्ड तोड़ते हुये जयललिता ने तमिलनाडू मे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। मद्रास विश्वविध्याल्य मे हुया शपथ ग्रहण क्लासरूम जैसा ही था। शपथ ग्रहण करने वाले मंत्री पुराने  जमाने की गुरु शिष्य परंपरा की तरह जयललिता की चरण वंदना करते दिखाई दिये । केन्द्रीय राजनीति मे ऐसी चरण वंदना कभी इन्दिरा गांधी की भी नहीं हुयी। जयललिता की तरह ममता और नितीश कुमार भी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। लेकिन जहां  तक नरेंदर मोदी के विकल्प का सवाल है जयललिता उन दोनों पर भारी पड़ सकती हैं। पहले भी 1996 मे एक  समय आया था जब जयललिता केन्द्रीय राजनीति मे सक्

हाई कोर्ट की बेजा टिप्पणियां

Publsihed: 20.Apr.2016, 09:30

जैसी कि उमींद थी नैनीताल हाइ कोर्ट की टिप्पणियाँ मर्यादाहीन हो गयी हैं। हाइ कोर्ट को राष्ट्रपति राज पर फैसला करने का हक़ है । इसलिए तो राष्ट्रपति राज को हाइ कोर्ट मे चुनोती दी गयी है। पहले भी हाइ कोर्ट राष्ट्रपति राज पर फैसले करती आई हैं। पर किसी हाइ कोर्ट को राष्ट्रपति के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने कि न हिम्मत हुयी, न जरूरत थी। यह कहना कि राष्ट्रपति राजा नहीं है, बहुद ही बेहूदा टिप्पणी है। जज को यह भी नहीं पता कि उसे बहुमत का नहीं सरकार की संवैधानिकता पर फैसला करना है ,क्योंकि सदन मे विनियोग बिल पास नहीं हुया था। लेकिन वह लगातार गलत टिप्पणियाँ कर रहे हैं। जैसे कल उन्होने कह दिया कि भरष्टा

गुटबाजी पर भारी पड़ रहे गड़करी

Publsihed: 08.Feb.2010, 09:52

नितिन गड़करी के अध्यक्ष बनते ही भारतीय जनता पार्टी की धोती उतर गई। राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, वेंकैया नायडू, जना कृष्णामूर्ति सब धोती वाले अध्यक्ष थे। सूटेड-बूटेड अध्यक्ष नितिन गड़करी ने अपनी पहली ही प्रेस कांफ्रेंस में बदली हुई भाजपा के दर्शन करवाए। प्रेस कांफ्रेंस के बाद परोसे गए दोपहर भोज में मांसाहारी व्यंजनों ने सबको चौंकाया। भाजपा दफ्तर में मांसाहारी सार्वजनिक भोजन का आयोजन पहली बार हुआ था। इससे पहले मांसाहारी भोजन के शौकीन वेंकैया नायडू साल में एक बार अपने घर पर ही दोपहर भोज का आयोजन करते थे। जनसंघ के जमाने से भाजपा दफ्तर शुध्द ब्राह्मणवादी छुआछूत के अंदाज से चल रहा था।

बंटाधार कर गए नारायणन

Publsihed: 01.Feb.2010, 05:41

चिदंबरम को आंतरिक सुरक्षा का नया ढांचा तैयार करना पड़ रहा है जिसमें आंतरिक सुरक्षा सलाहकार की भूमिका विदेशी मामलों तक सीमित कर दी जाएगी।

एमके नारायणन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से हटाए गए। या उन्होंने खुद हटाने की गुजारिश की थी। इस रहस्य को सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के सिवा कोई नहीं जानता। लेकिन यह सच है कि पी चिदंबरम के गृहमंत्री बनने के बाद वह असहज थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार के नाते उनका ओहदा राज्यमंत्री का था। राज्यपाल बनकर वह मुख्यमंत्री या केबिनेट मंत्री से भी ऊपर हो गए। नारायणन की तरक्की हुई है। इसलिए राजनीतिक, कूटनीतिक और नौकरशाही में अफवाहें थम नहीं रही।

अब फहराया जा सकेगा हुबली में राष्ट्रीय ध्वज

Publsihed: 18.Jan.2010, 05:41

श्रीनगर के लाल चौक में आतंकवादियों ने और हुबली के ईदगाह मैदान में अंजुमन-ए-इस्लाम नाम के स्थानीय संगठन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मुखालफत की थी। इस गणतंत्र दिवस से पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईदगाह मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की सारी अड़चनें दूर कर दी हैं।

अगले हफ्ते गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील इंडिया गेट पर आयोजित शानदार समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। राष्ट्रीय ध्वज फहराना क्या कभी अल्पसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हो सकता है? ऐसा सोचने पर भी रूह कांप उठती है। गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसी दो घटनाओं को याद करना बेहद जरूरी होगा। बीस साल पहले 1990 में आतंकवादियों ने लाखों कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बाहर निकालने की सफलता के बाद श्रीनगर के लाल चौक में पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया था। उन्होंने चुनौती दी थी कि कोई भी पाकिस्तानी ध्वज को उतारकर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दिखाए।

बांग्लादेश से मधुर संबंधों का वक्त

Publsihed: 11.Jan.2010, 10:05

पाक और भारत की अदालतों और राजनीतिज्ञों की मानसिकता एक सी। भारत और आस्टे्रलिया में अपराध एक से। कोपेनहेगन की गलती का एहसास धीरे-धीरे।

मेरे नाम और उल्फा उग्रवादी अनूप चेतिया के नाम में बहुत फर्क है। फिर भी 1991 में जब मैंने गुवाहटी जाने के लिए रेल टिकट आरक्षित करवाया, तो आईबी के लोग अगले दिन मेरे घर पहुंच गए थे। उन्हें लगा कि अनूप चेतिया ही नाम बदलकर टे्रन पर सफर कर रहा होगा। अब जबकि बांग्लादेश की नई प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आई हैं तो उनकी सरकार के एक मंत्री अशरफ उल रहमान ने खुलासा किया है कि कट्टरपंथी खालिदा जिया की सरकार के समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ जब ढाका आए थे, तो उन्होंने शैरटन होटल में अनूप चेतिया से मुलाकात की थी।