अजय सेतिया / संयुक्त राष्ट्र के 1992 में पारित अल्पसंख्यकों सम्बन्धी घोषणापत्र के पहले ही अनुच्छेद में कहा गया है कि राज्य अधिकार क्षेत्र के भीतर अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय या जातीय , सांस्कृतिक , धार्मिक और भाषाई पहचान की सुरक्षा करेगा और उन परिस्थियों को बढावा देगा , जिस से वे अपनी को बनाए रख सकें | भारत में 1992 के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव से पहले से ही अल्पसंख्यकों को बढावा देने की नीति अपनाई गई , जिस कारण आज मुस्लिम समुदाय की आबादी 9 प्रतिशत से बढ़ कर 18 प्रतिशत के करीब हो गई है , जो दुगनी है | भारत में जब जब अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुल्म की खबर आती है , बहुसंख्यक समाज के लोग ही