अजय सेतिया / अजीत जोगी का पूरा कुनबा भयंकर मुश्किल में फंसा है | खुद जोगी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है और बेटे अमित जोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है | अजीत जोगी देश में चल रही कांग्रेस संस्कृति का जीता-जागता सबूत है , जिसे नरेंद्र मोदी ने खत्म करने का बीड़ा उठाया हुआ है , लेकिन छतीसगढ़ में कांग्रेस ही मोदी की मदद कर रही है | जो भाजपा की रमन सिंह सरकार 15 साल नहीं कर सकी , उसे भूपेश बघेल सरकार ने 15 महीनों से पहले ही कर के दिखाना शुरू कर दिया है |
अजीत जोगी प्रतिभा के धनी हैं , वह इंजीनियरिंग ग्रेजुएट थे , पहले आईपीएस बने फिर आईएएस बने और बाद में राजीव गांधी के आशीर्वाद से कलक्ट्री छोड़ राजनीति में आकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक जा पहुंचे | वह जन्म से “अनुसूचित जाति से कन्वर्ट ईसाई” हैं , जिन्हें संविधान के मुताबिक़ किसी तरह का कोई आरक्षण नहीं मिलता | उन्होंने अपनी “ओबीसी से कन्वर्ट ईसाई” डाक्टर पत्नी रेनू जोगी को भी विधायक बनवाया और “अमेरिका में जन्मे” अपने बेटे अमित जोगी को भी विधायक बनवाया | पर हुआ सब कुछ फ्राड | हालांकि वह खुद को ईसाई तो कभी नहीं बताते , पर कभी सतनामी ( अनुसूचित जाति ) बताते हैं तो कभी आदिवासी | उन के पिता सतनामी अनुसूचित जाति के और मां कंवर अनुसूचित जनजाति की थी | जोगी ने अपनी मां का सर्टिफिकेट लगा कर खुद का आदिवासी प्रमाणपत्र बनवा लिया , ठीक वैसे ही जैसे रोहित वैमूला ने अपनी मां की जाति का प्रमाण पत्र लगा कर खुद का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया था | भारत में इस तरह का जुगाड़ कलेक्ट्रेट में कुछ पैसों से ही हो जाता है | जोगी की जाति को लेकर काफी पहले से विवाद होता रहा है | सब से पहले 1987 में इंदौर के वकील मनोहर दलाल ने उनकी जाति को लेकर कोर्ट में याचिका लगाई थी लेकिन वहां से जोगी को राहत मिल गई थी | कांग्रेस ने अजीत जोगी को आदिवादी घोषित किया और 1998 में आदिवासी आरक्षित सीट रायगढ़ से टिकट दे कर चुनाव लडवाया , वह सांसद भी बने |
उन की जाति के फ्राड का मामला बार बार कमेटियों और कोर्टों में जाता रहा , लेकिन जब तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और वह खुद कांग्रेसी थे , उन का बचाव होता रहा | पिछले तीन सालों में दो कमेटियों ने जांच के बाद पाया कि मां के आदिवासी होने से वह आदिवासी नहीं हो सकते | वह अभी भी आदिवासियों के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा सीट से विधायक हैं , यानी बीस साल तक संविधान के साथ फ्राड होता रहा और वह अवैध रूप से संवैधानिक पदों पर बनते चले गए | अब वह कांग्रेस में नहीं है तो कांग्रेस ने उन का राजनीतिक कैरियर हमेशा के लिए बिगाड़ने का पक्का इरादा कर लिया है , कांग्रेस सरकार की बनाई कमेटी ने उन्हें गैर आदिवासी घोषित करते हुए उन का आदिवासी जन्म प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है , उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकी है |
उधर उन के बेटे अमित जोगी ने भी “ बाप सेर तो बेटा सवा सेर ” वाली कहावत साबित की है , उन का जन्म अमेरिका में बुआ के घर पर हुआ था , वह अमेरिकी नागरिक था और वहां पर उन की नागरिकता में उन का ईसाई होना प्रमाणित है | अमित जोगी और सोनिया गांधी में एक समानता है , सोनिया गांधी ईटली की नागरिक होते हुए भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के घर में रही , जबकि अमित अमेरिकी नागरिक होने के बावजूद 2000 से 2003 तक छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री अजीत जोगी के घर रहे | अमित जोगी चुनाव लड़ने के लिए 2013 में अमेरिकी नागरिकता छोड़ कर पहली बार भारतीय नागरिक बना तो उस में अपना जन्म स्थान मरवाही बताया , एक अन्य दस्तावेज में उस ने अपना जन्म प्रमाणपत्र इंदौर का भी बनवाया हुआ है | भाजपा की उम्मीन्द्वार समीरा पैकरा ने इसे कोर्ट में चुनौती दी | हाई कोर्ट में अमित जोगी ने अपना जन्म अमेरिका में होना कबूल कर लिया था , लेकिन अदालत ने यह कहते हुए मामला ही खारिज कर दिया कि उन की विधायकी का कार्यकाल ही खत्म हो चुका है | अब चूंकि जोगी परिवार कांग्रेस में नहीं है तो भूपेश बघेल ने भाजपा उम्मीन्द्वार की ऍफ़आईआर दर्ज करवा कर अमित जोगी को गिरफ्तार कर लिया है |
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