अभिव्यक्ति की आज़ादी वालो का बदरंग चेहरा
चुनाव आ गए . तो ची-ची करने वाले भी आ गए . साक्षी महाराज ने ऐसा क्या कहा था. जो बवाल हुआ. साल भर पहले जो अभिव्यक्ति की आज़ादी मांग रहे थे. वही साक्षी महाराज से अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनना चाहते हैं. जो अपन ने टीवी चैनलो पर सुना. वही तो आप ने भी सुना होगा. वह मेरठ के शनिधाम मंदिर में बोल रहे थे. सुनने वाले भी सारे साधु-संत ही थे. संत समागम जो था. उन ने कहा- बच्चो का भविष्य बेहतर कैसे बने. सब से बडी समस्या तो आबादी है. जो सुरसा के मुह्न की तरह बढ रही. चार बीवी , चालीस बच्चो का जमाना नहीं रहा. अब बताईए इस में क्या गलत है. पर पिल पडे सारे अभिव्यक्ति की आज़ादी वाले.