अजय सेतिया / राहुल गांधी की राजनीति आज कल विदेशी अखबारों और विदेशी नेताओं से मिले फीडबैक के आधार पर ट्विट से चल रही है | भारत में न तो मीडिया उन्हें कोई भाव दे रहा है , न जनता कोई भाव दे रही है , और न ही खुद उन की पार्टी के क्षेत्रीय नेता अब उन को कोई भाव देते हैं | खैर अपन बात कर रहे थे राहुल गांधी के विदेशी फीडबैक पर आधारित ट्विटो की , तो चीन के साथ विवाद के समय उन के सारे ट्विट चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स से हासिल होते थे | राहुल गांधी के समर्थक मीडिया ने भी ग्लोबल टाइम्स को अपनी खबरों का स्रोत बनाया हुआ था | राहुल गांधी की यह मीडिया टीम अभी भी ताल ठोक कर कह रही है कि चीनी सेना फिंगर चार पर मौजूद है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर फब्तियां कसना और कोई भाव देना बिलकुल छोड़ दिया है , पन्द्रह अगस्त को लालकिले की प्राचीर से भी उन्होंने लद्दाख में भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ़ के पुल बांधे , यानी सरकार राहुल गांधी की उस रिपोर्ट को नकारती है कि चीन फिंगर चार पर मौजूद है | अपन यह नहीं कहते कि राहुल गांधी चीन के हाथों में खेल रहे होंगे , जैसे कि रविशंकर प्रसाद…
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