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Published: 08.May.2020, 18:56

अजय सेतिया / पिछले दो दिन में कई वारदातें हो गईं , उन में से कुछ तो दुर्घटनाएं हुई ही हैं , जैसे पंजाब के होशियारपुर में लडाकू विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना और महाराष्ट्र में सोते हुए लोगों का ट्रेन से कुचले जाना | लेकिन कुछ वारदातें कोरोना वायरस की तरह मानव निर्मित लगती हैं | बृहस्पतिवार को सुबह आंध्र प्रदेश के विजाग में एक फेक्ट्री में गैस का रिसाव हुआ , जिस में 10 लोगों की जान चली गई और एक हजार से ज्यादा मौत से जूझ रहे हैं | दोपहर को छतीसगढ़ में गैस रिसाव की घटना हुई और शाम को तमिलनाडू में गैस रिसाव की घटना हुई | ये तीनों सामान्य घटनाएं तो नहीं हो सकती और न ही इत्तेफाक लगता है |

यह भी संयोग नहीं है कि इन तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं | आशंका यह है कि अब भाजपा शासित किसी राज्य में बड़ी अनहोनी हो सकती है , ताकि उसे इसी कड़ी में जोड़ कर देख कर भी अनदेखा कर दिया जाए | इस से पहले महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की हत्या को भी गलतफहमी में हुई वारदात मानने को मन नहीं करता , जैसा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कह रहे है | अब कुछ इस तरह के खुलासे भी हो रहे हैं क…

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Published: 05.May.2020, 14:47

अजय सेतिया / सरकार के कई अधिकारी बताते हैं कि नरेंद्र मोदी की कार्यशैली के कई फायदे हैं , तो कई नुक्सान भी हैं | मौजूदा हालात के कारणों पर जाने से पहले वे नोटबंदी की याद दिलाते हैं , जब प्रधानमंत्री ने बिना किसी तैयारी के नोट बंदी का एलान कर दिया था और फिर सौ बार नियमों में बदलाव किया गया | उस के कई फायदे हुए तो कई नुक्सान भी हुए | फायदा यह हुआ कि लाखों की तादाद में चल रही फर्जी कम्पनियों का पता चल गया और उन्हें बंद कर दिया गया , इन कम्पनियों के माध्यम से हवाला का काला धंधा होता था | नुक्सान यह हुआ कि सुराखों को पहले बंद नहीं किया गया , नतीजतन धेले का भी काला धन नहीं मिला | उलटे बाज़ार में नगदी की कमी के चलते देश तब से आर्थिक तंगी को झेल रहा है |

अब वही बात नरेंद्र मोदी ने जल्दबाजी में लाकडाउन कर के दोहराई | जब इटली , फ्रांस और स्पेन की हालत देखी जा चुकी थी , तो पता था कि लाकडाउन लम्बा चलेगा , तो उस नफे नुक्सान और नुक्सान की भरपाई का आकलन होना चाहिए था | पर जैसा कि सरकारी अधिकारी बताते हैं , मोदी सलाह नहीं लेते , फैसला सुनाते हैं , तो अधिकारियों ने सलाह देना बंद कर दि…

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Published: 30.Apr.2020, 20:22

अजय सेतिया / दुनिया के हर देश में मिलने वाली लगभग हर चीज पर लिखा होता है मेड इन चाईना , यहाँ तक कि दुनिया भर में फ़ैली जानलेवा कोरोना वायरस की बीमारी भी मेड इन चाइना है , लेकिन इस बीमारी के इलाज के लिए बनी दवा पर लिखा होगा मेड इन इंडिया |

 

हालांकि पूरी दुनिया कोरोना वायरस का इलाज ढूँढने में लगी है , दुनिया के 88 देश इस प्रयास में हैं , लेकिन जो देश सब से पहले दवा बना लेगा , वह दुनिया का बादशाह कहलाएगा | उम्मींद करनी चाहिए कि वह भारत होगा , क्योंकि  जहां दुनिया के सभी देश अभी पहली स्टेज पर परीक्षण कर रहे हैं , वहीं  बंदरों पर सफल प्रयोग हो जाने के बाद भारत में दवा का निर्माण शुरू हो चुका है |

 

है ना चौंकाने वाली खबर |

 

जी हाँ आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध के आधार पर भारत के सीरम इंस्टीट्यूट, जो कि पूना में स्थित है , ने दवा का निर्माण शुरू कर दिया है | कंपनी के सीईओ और प्रमोटर आदर पूनावाला ने कहा है कि दवाई का बाकायदा ट्रायल शुरू हो चुका है  |

 

असल में आक्ल्स्फोर्ड यूनिवर्सिटी दवा…

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Published: 29.Apr.2020, 19:01

अजय सेतिया / मोदी सरकार अमेरिका के साथ दोस्ती का कितना भी दावा करे , वह भारतीय हितों की रक्षा करने में हर बार नाकाम साबित होती है , क्योंकि भारत के कम्युनिस्ट बुद्धिजीवियों ने दुनिया भर में इतने पाँव जमा रखे हैं कि वे हर मौके का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं | अब जब कि ऐसा लग रहा था कि कोरोना वायरस को ले कर भारत अमेरिका और रूस भी चीन के खिलाफ मिल कर खड़े हो सकते हैं , तो अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने भारत के खिलाफ रिपोर्ट दे दी है | हैरानी यह है कि यह रिपोर्ट नागरिकता संशोधन कानून को ले कर है | जिस के खिलाफ भारत में सब से ज्यादा विरोध कम्युनिस्टों ने किया था , इस की शुरूआत जेएनयूं से हुई थी , जो बाद में जामिया मिल्लिया में पहुंचा और फिर सारे देश में |

हालांकि यह पहले भी कई बार उजागर हो चुका है कि अमेरिकी एजेंसियां भारत में कम्युनिस्टों से जुड़े एनजीओ को फंड देते हैं , जी विकास के हर मुद्दे पर आन्दोलन कर के विकास के कार्यों में बाधा पहुंचाते हैं | भारत में घोर अमेरिका विरोधी रूख अपनाते हुए वे अमेरिकी फंड देने वाली एजेंसियों के चहेते बने हुए हैं |…

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Published: 28.Apr.2020, 19:59

अजय सेतिया / दिल्ली में दो दो सरकारें काम कर रही हैं | केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार | कोरोना वायरस को काबू में रखने के हवाई दावे दोनों ओर से हो रहे हैं | पर जमीनी हकीकत कुछ और है | पिछले दिनों 16 साल की एक लडकी ने सोशल मीडिया पर वीडियो दाल कर इस हकीकत को उजागर किया था | 16 अप्रेल को उस के बीमार होने पर उसे एक प्राईवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था | अगले दिन रात को उस का कोरोना वायरस टेस्ट पोजिटिव आया तो निजी अस्पताल ने मरीज को दिल्ली सरकार ने एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवा दिया था , जहां न तो डाक्टरों ने 36 घंटे तक उस को पूछा , न खाने को कुछ दिया ,  न उस के घर वालों को उस से मिलने दिया गया था |

वीडियो वायरल होने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी तो मरीज को तुरंत डाक्टरी सहायता उपलब्ध करवाई गई | इस के बाद दिल्ली सरकार ने उसी बच्ची से दुबारा वीडियो बनवाया कि अब उस के पिता की ठीक से देखभाल की जा रही है | फिर दिल्ली सरकार ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर दाल कर त्वरित कार्यवाही के लिए अ…

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Published: 27.Apr.2020, 20:34

अजय सेतिया / देश के किसी राज्य में हुई किसी जन आक्रोश की घटना की सलीके से जांच हो , तो उस के पीछे शहरी नक्सलियों की भूमिका निकल आती है | भीमा कोरेगांव का मामला बहुत पुराना नहीं है | मोदी सरकार ने पहली बार शहरी नक्सलियों को गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखाई तो कांग्रेस और वामपंथी दल खुल कर उन की पीठ पर खड़े दिखाई दिए | अपन इस से अंदाज लगा सकते हैं कि पिछले सत्तर साल से शहरी नक्सलियों को खाद पानी कौन दे रहा था | कांग्रेस के नेता यह कहते हुए खुल कर नक्सलवाद का समर्थन करते रहे हैं  कि उन का शोषण होता है ,वे इस लिए नक्सली बनते हैं |

भीमा कोरेगांव के बाद पालघर की घटना ने देश के खिलाफ चल रही साजिश के कई राज खोल दिए हैं | कोरेगांव की घटना ने शहरी नक्सलियों की ओर से दलितों को भारत के खिलाफ भडकाने के सबूत दिए थे , तो पालघर की घटना ने नक्सलियों-  ईसाईयों के गठजोड़ के सबूत उगलने शुरू कर दिए हैं | सोनिया गांधी की जिस गैर संवैधानिक राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद का जिक्र बार बार आता है , और जिस के कारण सोनिया गांधी को लोकसभा से इस्तीफा दे कर दुबारा चुनाव लड़ने की नौबत आई थी , उस के स…

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Published: 26.Apr.2020, 19:29

अजय सेतिया / महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने जीवन की सब से बड़ी चुनौती लाक आउट के बाद शुरू होगी | मुख्यमंत्री की कुर्सी उन को कितनी महंगी पड़ेगी , शायद इस का एहसास उन को नहीं था | कांग्रेस,एनसीपी और कम्युनिस्टों के साथ मिल कर सरकार बनाने के क्या क्या नतीजे भुगतने पड़ते हैं , इस की उन्होंने कल्पना भी नही की होगी | पालघर में हुई दो साधुओं की हत्या के तार अब सीपीएम की हिंसक राजनीति से जुड़ने शुरू हो गए हैं | कम्युनिस्ट विचारधारा के सभी संगठनों ने अपने अपने तरीके से जांच को प्रभावित करने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं , जिस से चोर की दाढी में तिनका की कहावत चरितार्थ होती दिखाई देती हैं |

एक समय में पीयूसीएल ने पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ तथ्य परक रिपोर्टें दे कर नाम कमाया था , लेकिन धीरे धीरे इसके चेहरे से नकाब उठने लगा और स्पष्ट होने लगा कि पीयूसीएल का काम विभिन्न वारदातों में दक्षिण पंथी ताकतों को कटघरे में खड़ा करना और वामपंथियों को बचाना है | आप पिछले पच्चास साल की पीयूसीएल की कोई भी रिपोर्ट उठा कर देख लीजिए , उस का लब्बोलुबाब यही होगा | अब पालघर की घटना पर…

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Published: 16.Apr.2020, 18:35

अजय सेतिया / राहुल गांधी ने नई शुरुआत की है | चीन के एप ज़ूम से एक घंटा पत्रकारों से गुफ्तगू की | बेबाक सवाल और बेबाक जवाब | कोरोना वायरस से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी को बिना शर्त समर्थन का एलान | पर साथ ही नसीहत भी कि वह जीत का एलान करने में जल्दबाजी न करें | एक सवाल जो हमेशा दिमाग में खड़ा होता है कि लाक डाउन कब तक चलेगा | और जब लाक डाउन खत्म होगा , तो क्या वायरस खत्म हो चुका होगा | उस का जवाब भी राहुल गांधी ने अपनी आशंका में दिया | उन की राय है कि लाक डाउन खत्म होगा , तो वायरस फिर से उठ खड़ा होगा |  लाक डाउन सिर्फ पाउज बटन है | सरकार उस के बाद की तैयारी करे |

वायरस की तीव्र गति से टेस्टिंग में तो हम फेल रहे ही हैं | आईसीएमआर सफेद हाथी साबित हुआ है | हमारे सारे सरकारी अदारे सच में सफेद हाथी हैं | दो दिन पहले “जिज्ञासा” के वेबिनार में अर्थशास्त्री आर.वैधनाथन कह रहे थे कि सरकार के कई मंत्रालय ही फिजूल हैं , जैसे स्टील मंत्रालय | जब कोरोनावायरस हमारे दरवाजे पर आ कर खड़ा हो गया था , तो आईसीएमआर के पास टेस्ट के लिए सिर्फ एक लैब थी | अमेरिका में जब 3 लाख से ज्यादा टेस्ट ह…

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Published: 15.Apr.2020, 20:40

अजय सेतिया / भारत अगर सच में सेक्यूलर देश होता तो कोरोनावायरस के दौरान तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने जिस तरह सामाजिक जिम्मेदारी की धज्जियां उड़ाईं , उस की चहुँ ओर निंदा होती , लेकिन पिछले छह साल से माब लिंचिंग और असहिष्युन्ता का आरोप लगाने वाले पता नहीं कहाँ गायब हो गए | शाहीन बाग़ के मंच से नागरिकता संशोधन क़ानून को भारतीय मुसलमानों के खिलाफ बताने वाले पढ़े लिखे किसी मणि शंकर अय्यर , सलमान खुर्शीद या कपिल सिब्बल का निंदा करने वाला बयान नहीं आया | किसी सीता राम येचुरी , डी .राजा , वृंदा करात का कोई बयान नहीं आया | कम्युनिस्ट पार्टी की आल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन की सुभाषिनी अली का बयान भी नहीं आया , जो शाहीन बाग़ में संविधान और सेक्यूलरिज्म की बड़ी बड़ी बातें कर रहीं थी | नसीरुद्दीन शाह, नंदिता दास , फरहान अख्तर , स्वरा भास्कर , रोमिला थापर में से भी किसी का बयान नहीं आया |

इन का सेक्यूलरिज्म , लोकतंत्र , आज़ादी और मानवाधिकार सिर्फ लोगों को सरकार के खिलाफ बहकाने के लिए है | अलबत्ता दबी जुबान से और कई बार तो झेंपते हुए टीवी चेनलों पर यह जरुर कहते हुए दिखाई दिए क…

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Published: 14.Apr.2020, 21:58

अजय सेतिया / जैसी उम्मींद थी उसी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाक आउट को बढा दिया | उम्मींद तो 30 अप्रेल तक की थी , लेकिन मोदी ने 3 मई तक बढा दिया | शायद इस का कारण यह है कि पहली मई को मजदूर दिवस की छुट्टी होती है , दो मई को शनिवार है और 3 मई को रविवार , इस लिए मोदी ने तीन दिन और जोड़ दिए | इस से कुछ लोगों को झटका लगा , जिन्होंने पहली मई से कुछ योजनाएं बना ली थीं |

अपने घरों से दूर बैठे मजदूर उम्मींद लगा कर बैठे थे कि शायद सरकार एक- दो दिनों की राहत देगी , जिस से वे अपने घर जा सकेंगे | हालांकि 14 अप्रेल की रात 12 बजे से लाक आउट खत्म होना था , लेकिन ऐसी उम्मींद तो कतई नहीं थी कि जब प्रधानमंत्री 14 अप्रेल को सुबह दस बजे राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे , तो उसी समय ट्रेने चलनी शुरू हो जाएँगी | इस लिए इस के पीछे तो कोई बड़ी साजिश लगती है कि सैंकड़ों की तादाद में मजदूर मुबंई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए | भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा |

रेलवे मंत्रालय की सब्सिडरी आईआरसीटीसी ने ट्रेनों की टिकटें बुक करनी…

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