अजय सेतिया / कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी नेहरू परिवार के उम्मीदवार का चयन इस बार काफी दिलचस्प हो गया था| हर दिन उम्मीदवार बदल रहा था| यह तो शुरू से ही तय था कि गांधी परिवार का कोई सदस्य अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन यह भी तय था कि अध्यक्ष वही चुना जाएगा, जिसे गांधी परिवार चुनेगा| हालांकि गांधी परिवार मल्लिकार्जुन खड्गे को परिवार का आधिकारिक उम्मीदवार बताने से हिचकिचा रहा है, बल्कि खंडन कर रहा है| कहा जा रहा है कि गांधी परिवार तटस्थ है| लेकिन जिस तरह दिग्विजय सिंह रातोंरात रेस से बाहर किए गए, हर कोई सच जान गया है| रही सही कसर सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी की जयंती पर मल्लिकार्जुन खड्गे को गांधी समाधि पर अपने साथ ले जा कर पूरी कर दी, दूसरे उम्मीदवार शशि थरूर भी साथ होते, तो मानते कि गांधी परिवार तटस्थ है| इसलिए पहली बात तो यह है कि मल्लिकार्जुन खड्गे के सामने शशि थरूर जीत नहीं सकते, जीत गए तो अध्यक्ष नहीं रह सकते| कांग्रेस इतिहास के वे चार उदाहरण हमारे सामने हैं| गांधी और नेहरू ने कभी ऐसे व्यक्ति को जीतने के बाद भी अध्यक्ष नहीं रहने दिया, जो उन की इच्छा के बिना चु…
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अजय सेतिया / नुपुर शर्मा ने जो बात टीवी बहस में कही थी , क्या वह गलत थी , क्या पैगंबर मोहम्मद ने 9 साल की बच्ची से निकाह नहीं किया था | यह निर्विवाद सत्य है; | हर इस्लामिक किताब में पैगंबर मोहम्मद की ग्यारह शादियों का जिक्र है | पैगंबर मोहम्मद ने ये शादियाँ अपने विरोधोयों का दिल जीतने के लिए राजनीतिक तौर पर की थीं , और इस का लाभ भी हुआ था कि जिन कबीलों से दुश्मनियाँ थीं, रिश्तों में बदल कर दुश्मनियाँ खत्म हो गईं | इन में से आशया के साथ शादी भी एक कटु सत्य है | जब इस्लामिक जगत इस बात से इनकार नहीं करता कि आयशा की उम्र शादी के वक्त 6 साल और शारीरिक सम्बन्ध बनाते वक्त 9 वर्ष थी | तो यह बात कहना पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी कैसे हो गया | नुपुर शर्मा ने कोई ऐसी बात नहीं कही , जो असत्य हो | मोहम्मद जुबेर नाम के एक दंगाई शखस ने नुपुर की टीवी डिबेट में कही गई इस बात का वीडियो अपने ट्विटर हेंडल पर डाल कर मुसलमानों को भडकाया | इस के बाद कुछ अनपढ़ किस्म के मुसलमानों ने नुपुर शर्मा और उन के पारिवारिक सदस्यों को “ सर तन से जुदा” करने और बलात्कार करने की धमकियां दी हैं |…
और पढ़ें →अजय सेतिया / देश की कई परंपराएं टूट रही हैं | साठ साल तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का एतराज स्वाभाविक है | वह यह दर्शाना चाहती है कि देश पर राज का हक उन्हीं का था | वैसे इंदिरा गांधी ने 1976 में लोकतंत्र को खत्म करने की योजना बनाई थीं | हालांकि वह वैसा नहीं कर सकीं | अगर वह वैसा कर लेतीं , तो भारत की हालत भी आज पाकिस्तान और म्यांमार जैसी होती | खैर नई परंपरा यह टूटी है कि केन्द्रीय एजेंसियां बिना परवाह किए मंत्रियों को गिरफ्तार कर रही है | और खुद को देश की पहली फेमिली समझने वाले परिवार को नोटिस दे कर उन के गौरख धंधों का हिसाब मांग रही हैं | सोनिया गांधी और राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में पहले ही जमानत पर हैं | अब ईडी ने दोनों को फिर समन किया है | तो कांग्रेस ने उन्हें समन किए जाने को पोलिटिकल वेंडेटा यानी राजनीतिक विद्वेष कहा है | स्मृति ईरानी इस परिवार के पीछे हाथ धो कर पड़ी है | भाजपा ने ईडी वाले मामलों पर मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी उन्हें दे रखी है | सो स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस में अब बचा ही क्या है कि हम पोलिटिकल वेंडेटा करेंगे |
वैसे भी का…
और पढ़ें →अजय सेतिया / चीन मुसलमानों के साथ जो व्यवहार कर रहा है , वह सारी दुनिया को पता है | लेकिन भारत और पाकिस्तान के मुसलमान फिर भी चीन से जुड़े हैं | अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से इस समय पाकिस्तान चीन के सर्वाधिक नजदीक है | तो क्या यह दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली वाली कहावत चरितार्थ हो रही है | क्या इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान सिर्फ इस लिए चीन के साथ खड़ा है , क्योंकि भारत का चीन के साथ भी सीमा विवाद है | सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तान के मुसलमान ही नहीं , अलबत्ता भारत के मुसलमानों के भी चीन के साथ संबंध उजागर हो रहे हैं | ईडी ने खुलासा किया है कि भारत के इस्लामिक आतंकवादी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ने आतंकी गतिविधियों के लिए चीन से भी फंड जुटाया | यह संगठन सीएए विरोधी आंदोलन को उकसाने, दिल्ली दंगे को भड़काने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है | पीएलएमए कोर्ट में दायर चार्जशीट में कहा गया है कि पीएफआइ सदस्य केए रऊफ शेरिफ का चीनी कनेक्शन है | गोपनीय ट्रेडिंग की आड़ में रऊफ को चीन से एक करोड़ रुपये मिले | ईडी के मुताबिक रऊफ रेस इंटरनेशनल एलएलसी ओमान का कर्मचारी था |…
और पढ़ें →अजय सेतिया / पूजा स्थल 1991 क़ानून कहता है कि मुगलों ने मन्दिर तोड़ कर मस्जिदें बनाईं तो उन्हें मस्जिद ही रहने दो | तीस साल तक किसी ने इस क़ानून को चुनौती नहीं दी क्योंकि तीस साल तक हिन्दुओं का ध्यान अयोध्या पर लगा था | क़ानून में अयोध्या को छूट थी , इसलिए हिन्दुओं ने सोचा कि पहले पहली लड़ाई जीत लें , जब दूसरी की बारी आएगी , तब दूसरी लड़ाई लड़ेंगे | अब वह वक्त आ गया है | अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीमकोर्ट में क़ानून को चुनौती दी है और कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया हुआ है | पर मथुरा की जिला अदालत ने 1991 के क़ानून को दरकिनार कर कृष्णजन्मभूमि के दावे पर सुनवाई शुरू कर दी है | क़ानून में से पेंच निकल आया है | क़ानून की धारा 4 (2) कहती है कि यह क़ानून उन मामलों में लागू नहीं होगा , जिन मामलों में पहले किसी कोर्ट ने , किसी ट्रिब्यूनल या प्राधिकारी ने फैसला किया हो | मथुरा के मामले में चुनौती 1968 के समझौते को दी गई है , जिस के अंतर्गत मन्दिर के ट्रस्ट ने 13.37 एकड़ में से 2.37 एकड़ जमीन ईदगाह को दे दी थी | जुगल किशोर बिडला ने यह जमीन अंग्रेजों से खरीद ली थी | उन्होंने जमीन की देखरेख के लिए…
और पढ़ें →अजय सेतिया / जो लोग अभी तक गलतफहमी में थे , उन्होंने भी पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद मान लिया है कि भाजपा अब देश की बड़ी ताकत है | लेकिन उन्हें अब आम आदमी पार्टी से उम्मींद जगने लगी है | उन्होंने यह भी कहना लिखना शुरू कर दिया है कि यह चुनाव भाजपा नहीं , आम आदमी पार्टी ने जीता है | भाजपा ने तो सिर्फ अपनी सरकारें बचाई हैं | भाजपा की सीटें घटी है , लेकिन आम आदमी पार्टी ने पंजाब में दिल्ली की तरह झाडू फेर कर खुद को भविष्य की राजनीति की धुरी बना लिया है | कुछ महीने पहले उन्हें तृणमूल कांग्रेस में उम्मींद दिखने लगी थी | तब वे ममता बेनर्जी को विपक्ष की राजनीति का केंद्र बिन्दु बना रहे थे | ये वही लोग हैं , जिन्हें पांच महीने पहले चरनजीत सिंह चन्नी का पंजाब में मुख्यमंत्री बनना कांग्रेस के तुरुप का पत्ता लगने लगा था | अब उसी कांग्रेस और चरणजीत सिंह चन्नी को हराने वाली आम आदमी पार्टी उन्हें आशा की किरन दिखाई देने लगी है | केजरीवाल विपक्ष की राजनीति के केंद्रबिंदू दिखाई देने लगे हैं | कुछ साल पहले उन्हें प्रियंका गांधी कांग्रेस के तुरुप का पत्ता दिखने लगा था | क्योंकि उन्हें प्र…
और पढ़ें →अजय सेतिया / उतर प्रदेश , उतराखंड , मणिपुर और गोवा में भाजपा की फिर से सरकार बन गई | थोड़ा बहुत सीटों का नुक्सान हुआ , लेकिन भारतीय राजनीति में स्थिरता का एक मेसेज मिल गया है | यूपी ने 37 साल बाद किसी एक पार्टी को दुवारा जनादेश दिया है | इसी तरह जब से उत्तराखंड बना है , तब से पहली बार जनता ने सत्ताधारी पार्टी को दुसरी बार चुना है | मेसेज में यह भी साफ़ है कि कांग्रेस को देश की जनता ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया | पंजाब में वह बुरी तरह चुनाव हारी है और यूपी, गोवा और मणिपुर में उस की सीटें घट गई हैं | पंजाब में काग्रेस की हार से एक मेसेज यह भी है कि जनता को जहां जहां कांग्रेस का विकल्प मिलेगा , वहां वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा | देश की आज़ादी के 20 साल बाद तक कांग्रेस लगातार हर राज्य में बिना बाधा चुनाव जीतती रही | अब वह जगह भारतीय जनता पार्टी ने ले ली है | राजस्थान , छतीसगढ़ , हिमाचल के अपवादों को छोड़ कर भाजपा उन राज्यों में वापिस आ रही है , जहां उस की सरकारें थी या 2014 के बाद बनी थीं | महाराष्ट्र को मैं इस में इस लिए शामिल नहीं कर रहा , क्योंकि वहां भाजपा का गठबंधन…
और पढ़ें →अजय सेतिया / एक तरह से यूक्रेन पर हमले की वजह खत्म हो चुकी है | यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया था | रूस का सब से बड़ा डर यह था कि नाटो गठबंधन यूक्रेन को अपना हिस्सा बना रहा था , इस लिए उस ने युद्ध किया | अब नाटो ने खुद ही कह दिया है कि वह यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बना रहा, अगर यही बात नाटो पहले ही कह देता तो युद्ध टल सकता था | रूस ने युद्ध न करने की जो तीन शर्तें रखीं थीं , उन में से एक शर्त यही थी | अगर तीन में से एक शर्त मान ली जाती , तो कूटनीतिक हल शुरू हो जाता | यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी अब कह दिया है कि यूक्रेन की नाटो के सामने झुक कर सदस्यता लेने में कोई दिलचस्पी नहीं है | उन्होंने एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह किसी ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांगे | रूस को सब से बड़ा डर तो यही था कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हो गया तो अमेरिकी फौजें उस के दरवाजे पर आ कर बैठ जाएँगी | भारत में यूक्रेन पर रूस के हमले को पसंद नहीं किया जा रहा | जैसे रूस के भीतर युद्ध…
और पढ़ें →अजय सेतिया / हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल बहलाने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है | कोई राजनीतिक दल एग्जिट पोल के नतीजों को मानने को तैयार नहीं | हो भी क्यों , दो महीनों की कमर तोड़ मेहनत पर ये टीवी चैनल वाले चार मिनट में पानी फेर देते हैं | इस से चुनाव आयोग ही अच्छा है , जो कम से कम थकान उतारने के लिए तीन दिन की मोहलत तो देता है | एग्जिट पोल में जिसे जीतता दिखाया जाता है , वह भी खुश नहीं होता , क्योंकि एग्जिट पोल उस की कम सीटें दिखा रहा होता है , हारने वाला तो एग्जिट पोल माने ही क्यों | वैसे एग्जिट पोल आम तौर पर खरे उतरते भी नहीं | सारे एग्जिट पोल यूपी में भाजपा को जीतता दिखा रहे हैं | हम यहाँ हर एक के एग्जिट पोल की चर्चा करने की बजाए सभी एग्जिट पोलों का एवरेज निकाल कर बात करते हैं , तो भाजपा को यूपी में 242 सीटें मिलती दिख रहीं हैं | यानी सरकार आसानी से बनेगी लेकिन पिछली बार से 70 सीटें कम हैं | लेकिन योगी आदित्यनाथ इस लिए एग्जिट पोल को मानने को तैयार नहीं क्योंकि उन के हिसाब से सीटें 350 आएँगी |
अखिलेश यादव ने तो एग्जिट पोल से पहले ही ट्विट कर दिया कि सभी कार्…
और पढ़ें →अजय सेतिया /पाकिस्तान में शिया सुन्नी लड़ाई का एक और मंजर देखने को मिला , जब अलगाववादी खैबर पख्तूनखवा की राजधानी पेशावर की शिया मस्जिद में जुमे की नमाज के समय एक आत्मघाती हमला हुआ | शुक्रवार 4 मार्च को दोपहर की नमाज अदा करते समय हुए इस हमले में 60 से ज्यादा शिया मुस्लिम नमाजी मारे गए | दो सौ से ज्यादा जख्मी हुए हैं, जिनमें से दर्जनों गंभीर हालत में है | यानी मरने वालों की तादाद 100 तक पहुंच सकती है | बाद में जारी सीसीटीवी में दिखाया गया काली कमीज और काली सलवार पहने एक व्यक्ति हाथ में बंदूक लिए मस्जिद में दाखिल हुआ | सब से पहले उस ने गेट पर खड़े दो पुलिस कर्मियों को गोली मारी , जिन में से एक मौके पर ही मर गया | इस के बाद आतंकी ने मस्जिद के अंदर घुस कर खुद को बम के साथ उड़ा दिया | बम पांच किलोग्राम वजन का था | पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने और सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बिना भारत का नाम लिए कहा कि इस घटना में विदेशी हाथ है | सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पेशावर की घटना एक ''बड़ी अंतर्राष्ट्रीय साजिश'' का हिस्सा है | पाकिस्तान ने पहले भी उन के मंसूबे प…
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