कानपुर में बेबात के दंगे

Publsihed: 03.Jun.2022, 23:23

अजय सेतिया / नुपुर शर्मा ने जो बात टीवी बहस में कही थी , क्या वह गलत थी , क्या पैगंबर मोहम्मद ने 9 साल की बच्ची से निकाह नहीं किया था | यह निर्विवाद सत्य है; | हर इस्लामिक किताब में पैगंबर मोहम्मद की ग्यारह शादियों का जिक्र है | पैगंबर मोहम्मद ने ये शादियाँ अपने विरोधोयों का दिल जीतने के लिए राजनीतिक तौर पर की थीं , और इस का लाभ भी हुआ था कि जिन कबीलों से दुश्मनियाँ थीं, रिश्तों में बदल कर दुश्मनियाँ खत्म हो गईं | इन में से आशया के साथ शादी भी एक कटु सत्य है | जब इस्लामिक जगत इस बात से इनकार नहीं करता कि आयशा की उम्र शादी के वक्त 6 साल और शारीरिक सम्बन्ध बनाते वक्त 9 वर्ष थी | तो यह बात कहना पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी कैसे हो गया | नुपुर शर्मा ने कोई ऐसी बात नहीं कही , जो असत्य हो | मोहम्मद जुबेर नाम के एक दंगाई शखस ने नुपुर की टीवी डिबेट में कही गई इस बात का वीडियो अपने ट्विटर हेंडल पर डाल कर मुसलमानों को भडकाया | इस के बाद कुछ अनपढ़ किस्म के मुसलमानों ने नुपुर शर्मा और उन के पारिवारिक सदस्यों को “ सर तन से जुदा” करने और बलात्कार करने की धमकियां दी हैं | नुपुर ने इस संबंध में ट्विट कर के लिखा है कि दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए | उन्होंने यह भी लिखा है अगर उन्हें या उन के परिवार के साथ कुछ होता है , मोहम्मद जुबेर जिम्मेदार होगा |

पैगंबर मोहम्मद की आयशा से शादी की चर्चा करने पर कुछ लोग विचलित या हिंसक होकर दुर्व्यवहार करते है | कानपुर शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई | जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों ने बिना वजह पत्थराव शुरू कर दिया | वे भूल गए कि 2020 में नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करते समय उन्होंने जो हिंसा की थी , उस का क्या नतीजा निकला था | उसी के बाद बुलडोजर चला था और उसी बुलडोजर ने योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा बना कर भाजपा को चुनाव जीता दिया था | हिंसा करने वालों को सबक लेना चाहिए था कि अब वह जमाना चला गया है | नुपुर शर्मा ने अगर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कुछ बात कही होगी तो क़ानून अपना काम करेगा | तीन तीन जगहों पर नुपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है | हैदराबाद के अलावा दो एफआईआर तो महाराष्ट्र में हुई हैं | जहां कांग्रेस और एनसीपी की बंधक उद्धव ठाकरे की सरकार है | लेकिन अगर मुसलमान क़ानून अपने हाथ में ले कर कानपुर की तरह दंगे करेंगे तो उस का नतीजा भुगतने को भी तैयार रहें |

 

योगी आदित्यनाथ सरकार ने कड़े एक्शन के निर्देश दे दिए हैं | सरकार ने कहा है कि कानपुर में दंगा करने और सरकारी या गैर सरकारी सम्पत्ति को नुक्सान पहुँचाने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा | जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों ने नुपुर शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ बाज़ार बंद करवाने की कोशिश की | यह बेफिजूल की बात थी , क्योंकि नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद की गुस्ताखी में ऐसा कुछ नहीं कहा था कि मुसलमानों को ठेस पहुंचे | मुसलमानों के बड़े नेताओं को समझाना चाहिए था कि इस मामले में केस दर्ज हो चुका है , क़ानून फैसला करेगा | लेकिन उन्होंने भी युवाओं को भडकाने का काम किया | अब आप इस घटना की तुलना ज्ञानवापी मंडप में मिले साक्ष्यों से करें | तहखाने में भगवान शिव का फोटो , पत्थर की दीवारों पर त्रिशूल , घंटियां , कमल का फूल और स्वास्तिक बना हुआ मिला है | इस्लाम में वह नमाज कबूल ही नहीं हो सकती जो किसी मूर्ति के सामने की गई हो | उस मस्जिद में नमाज हो ही नहीं सकती जो हथियाई गई जमीन पर बनी हो | उस पर तो मुस्लिम समाज की झूठी जिद्द है कि मंदिर तोड़ कर मस्जिद नहीं बनी | वहा तालाब में शिवलिंग मिला | इस शिवलिंग का 500 साल से अपमान हो रहा था | मुसलमान नमाज से पहले वहां हाथ पैर धोते थे | क्या यह हिन्दुओं के आराध्य देव का अपमान नहीं | हिन्दुओं ने तो दंगे शुरू नहीं किए | वे तो कोर्ट के फैसले का इन्तजार कर रहे हैं | लेकिन पैगंबर मोहम्मद के बारे में तथ्यात्मक बात कहने पर उन की भावनाओं को ठेस पहुंचती है और वे दंगे शुरू कर देते हैं |

 

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