घाटी में हिन्दुओं की हत्याओं का चीनी कुनेक्शन

Publsihed: 03.Jun.2022, 18:29

अजय सेतिया / चीन मुसलमानों के साथ जो व्यवहार कर रहा है , वह सारी दुनिया को पता है | लेकिन भारत और पाकिस्तान के मुसलमान फिर भी चीन से जुड़े हैं | अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से इस समय पाकिस्तान चीन के सर्वाधिक नजदीक है | तो क्या यह दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली वाली कहावत चरितार्थ हो रही है | क्या इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान सिर्फ इस लिए चीन के साथ खड़ा है , क्योंकि भारत का चीन के साथ भी सीमा विवाद है | सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तान के मुसलमान ही नहीं , अलबत्ता भारत के मुसलमानों के भी चीन के साथ संबंध उजागर हो रहे हैं | ईडी ने खुलासा किया है कि भारत के इस्लामिक आतंकवादी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ने आतंकी गतिविधियों के लिए चीन से भी फंड जुटाया | यह संगठन सीएए विरोधी आंदोलन को उकसाने, दिल्ली दंगे को भड़काने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है | पीएलएमए कोर्ट में दायर चार्जशीट में कहा गया है कि पीएफआइ सदस्य केए रऊफ शेरिफ का चीनी कनेक्शन है | गोपनीय ट्रेडिंग की आड़ में रऊफ को चीन से एक करोड़ रुपये मिले | ईडी के मुताबिक रऊफ रेस इंटरनेशनल एलएलसी ओमान का कर्मचारी था | रेस इंटरनेशनल के चार निदेशक हैं | इनमें दो चीनी थे और दो केरल के एनआरआइ हैं | रऊफ 2019 और 2020 में चीन गया और अपने भारतीय बैंक खाते में धन प्राप्त किया |

पिछले तीन साल से भारत में मुस्लिम आन्दोलन तेज हुआ है | इस की शुरुआत नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध से हुई | पीएफआई की इसी साल की गतिविधियाँ सब के सामने हैं | हिजाब आन्दोलन से शुरू हो कर नववर्ष और रामनवमी कृष्ण जयंती आदि पर जगह जगह हिन्दू जुलूसों पर मस्जिदों से पत्थराव | अब अचानक कश्मीर में हिन्दुओं की टार्गेट किलिंग शुरू हो गई है | मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों को नौकरी दे कर कश्मीर भेज रही है | तो मोदी सरकार की इस नीति को फेल करने के लिए पाकिस्तान और पीएफआई के साथ चीन भी जुड़ गया है | क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा तो चीन के कब्जे में है | इस के अलावा लद्दाख और अरुणांचल के बड़े हिस्से पर भी उस का दावा है | पीएफआई के माध्यम से चीन ने पाकिस्तान , कश्मीरी मुसलमानों और भारत के बाकी हिस्सों के मुसलमानों को भारत के खिलाफ अपने साथ मिला लिया है | कश्मीर में हो रही हिन्दुओं की हत्याओं को मोदी सरकार को हल्के में नहीं लेना चाहिए | असुदुद्दीन ओवेसी और राहुल गांधी का एक साथ कश्मीरी पंडितों को ले कर बयान आना कोई संयोग नहीं है | राहुल गांधी का गोपनीय चीन कुनेकशन भी कई बार मीडिया में सामने आ चुका है | चीन के साथ राहुल गांधी ने किस गोपनीय समझौते पर दस्तखत किए थे , यह आज तक उजागर नहीं किया गया है | राहुल गांधी की कैलाश मान सरोवर यात्रा में भारत और नेपाल के चीनी राजदूतों की सक्रियता | भारत के राजदूत से राहुल गांधी की गोपनीय मुलाक़ात को छुपाया जाना | नेपाल में चीन के राजदूत की बेटी से राहुल गांधी की घनिष्टता कुछ सवाल खड़े करती है |

अपन यह नहीं कह रहे कि राहुल गांधी , चीन , पाकिस्तान और पीएफआई आपस में मिले हुए हैं | लेकिन इन चारो के हित साझे हैं , और वह मोदी सरकार को टार्गेट बनाना | लेकिन भारत की जनता तब तक मोदी के साथ चट्टान की तरह खडी रहेगी , जब तक वह हिन्दू हितों की बात करेंगे | हिन्दुओं को साठ साल बाद मुस्लिम तुष्टिकरण से मुक्ति मिली है और आज़ादी के बाद वह पहली बार खुली हवा में सांस ले पा रहा है | इस लिए देश का 80 प्रतिशत हिन्दू मोदी को कश्मीर में फेल होता नहीं देख सकता | मोदी ने कश्मीर का जिम्मा उस अमित शाह को सौंपा हुआ है , जिस ने भरी संसद में कहा था कि , हाँ उन्हें गुस्सा आता है , जब कश्मीर की बात होती है | लेकिन मोदी शाह की देखरेख के बावजूद कश्मीर में 1990 की तरह हिन्दू चुन चुन कर मारे जा रहे हैं |  कश्मीर घाटी में रोजी-रोटी कमाने गए कश्मीरी हिंदुओं ने वापस अपने घरों का रास्ता पकड़ लिया है | कोई बस में सवार हो लौट रहा है तो कोई हवाई जहाज की टिकट खरीद रहा है | कई जगह प्रशासन ने कश्मीरी हिंदुओं को रोकने के लिए उनकी कालोनियों में आने-जाने का रास्ता भी बंद कर दिया है | प्रशासन कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के निकलने की खबरों को निराधार बता रहा है | जबकि इंटरनेट मीडिया पर कई जगह कश्मीरी हिंदुओं ने अपना सामान समेट कश्मीर से बाहर निकलने के अपने वीडियो भी अपलोड किए हैं | यह कश्मीर में मोदी को फेल करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश का नतीजा है | मोदी सरकार के लिए यह बड़े इंम्तिहान की घड़ी है |

 

 

 

 

 

 

 

आपकी प्रतिक्रिया