अजय सेतिया / बलात्कार की कोई घटना अगर राजनीति का मुद्दा बन जाती है , तो मीडिया में खूब उछाली जाती है, लेकिन जो घटनाएं राजनीति के लिए महत्व की नहीं होती , वे दब कर रह जाती हैं | बलात्कार से गर्भवती होने वाली बच्चियों या महिलाओं का मसला समाज के लिए अधिक चिंता का विषय होना चाहिए , लेकिन देश , सरकार , शासन , प्रशासन और समाज शायद इसे ले कर उतने संवेदनशील अभी भी नहीं हुए है | जब कोई जज नाबालिग के बलात्कारी सरकारी कर्मचारी से यह पूछे कि क्या वह उस लडकी से शादी करेगा , जिस से उस ने बलात्कार किया था , तो समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की उम्मींद कैसे की जा सकती है | चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने मीडिया में उन की इस टिप्पणी पर मचे बवाल पर कहा है कि मीडिया ने उन की टिप्पणी को “आउट आफ प्रपोषण” पेश किया , अगर ऐसा था , तो सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को जरुर मीडिया पर कार्रवाई करनी चाहिए थी | अपन ने इस पर लिखा था कि उन्होंने एक साथ दो कानूनों की अवहेलना की थी |
लेकिन अब अपन ताज़ा मुद्दे पर आते हैं , सवाल है कि बलात्कार की शिकार नाबालिग या बालिग़ भी गर्भवती हो जाती है तो उसे गर्भपात का हक है…
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