अजय सेतिया / अपनी निगाह बंगाल पर टिकी हुई थी ,और इस बीच पता ही नहीं चला कि केरल में भी दलबदल शुरू हो चुका है | बंगाल में तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ मची है , तो केरल में कांग्रेस में भगदड़ मची है | बुधवार को पी.सी.चाको का बड़ा विकेट गिरा तो पता चला कि पिछले हफ्ते राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में 4 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था |केपीसीसी सचिव एमएस विश्वनाथन, डीसीसी महासचिव पीके अनिल कुमार , केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य केके विश्वनाथन, और महिला कांग्रेस नेता सुजाया वेणुगोपाल ने पार्टी से इस्तीफा दिया था |
कांग्रेस पुदुचेरी में फिर सत्ता हासिल करने के लिए जी-जान से मेहनत कर रही है और केरल ही एक मात्र ऐसा राज्य है , जहां उसे सत्ता हासिल होने की उम्मींद है | केरल में 6 अप्रैल को एक चरण में वोटिंग होगी जबकि 2 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे | क्योंकि केरल में एक बार कांग्रेस और एक बार वामपंथियों को बहुमत मिलता रहा है | कांग्रेस यूडीएफ और वामपंथी एलडीएफ गठबंधन बना कर चुनाव लड़ते हैं | इस समय एलडीएफ की सरकार है , तो कायदे से यूडीएफ यानी कांग्रेस गठबंधनकी बारी है , लेकिन सर्वे कहता है कि मार्क्सवादी मुख्यमंत्री के खिलाफ गोल्ड स्मगलिंग का आरोप लगने के बावजूद एलडीएफ़ का पलड़ा भारी है | सर्वे के मुताबिक़ एलडीएफ को 78-86, यूडीएफ़ को 52-60 और भाजपा को 2-3 सीटें मिल सकती हैं |
यह बात सही है कि बरसों की कोशिश के बावजूद भाजपा के वहां अभी तक पाँव नहीं जमे हैं | हालांकि इस बार 88 वर्षीय मेट्रो मेन ई श्रीधरन के कंधों पर सवार हो कर अमित शाह ने बिगुल बजाया है | लेकिन केरल में भाजपा जब तक गोवा की तरह ईसाईयों के साथ गठबंधन नहीं करेगी , बड़ी पार्टी नहीं बन सकती | केरल वह राज्य है जहां भारत में इस्लाम सब से पहले आया था | वहां इस समय 27 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है , इसी वजह से राहुल गांधी ने केरल में शरण ले कर लोकसभा का चुनाव लडा था | केरल में 54 प्रतिशत हिन्दू और 19 प्रतिशत ईसाई हैं |कांग्रेस के मुस्लिम परस्त होने के कारण हिन्दू वामपंथियों के साथ ज्यादा हैं | अलबत्ता जहां देश भर में वामपंथियों को हिन्दू विरोधी माना जाता है , वहीं केरल में वामपंथियों को हिन्दुओं की पार्टी माना जाता है |
जब तक हिन्दू भाजपा को अपनी पार्टी नहीं मानते और ईसाई भाजपा को समर्थन देने को तैयार नहीं होते , तब तक भाजपा अकेले किसी भी सीट पर चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है | भाजपा को देश भर में इस लिए सफलता मिल रही है , क्योंकि वह कांग्रेस का विकल्प है , लेकिन केरल में भाजपा को कांग्रेस का नहीं वामपंथियों का विकल्प बनना है | भाजपा चर्च के साथ गठजोड़ की कोशिश भी हो रही है , जिस दिन यह गठजोड़ हो जाएगा केरल का हिन्दू भी मुस्लिम परस्त कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए भाजपा के साथ आ जाएगा | दुनिया भर में मुस्लिम कट्टरवाद को परास्त करने के लिए ईसाई अन्य धर्मावलम्बियों के साथ मिल कर प्रयास कर रहे हैं , तो उसी तरह का प्रयोग केरल में भी हो सकता है | हिन्दू और ईसाई मिल कर ही केरल को मुस्लिम राज्य बनाने से रोक सकते हैं |
पी.सी.चाको केरल के ईसाई हैं , जो अपनी स्टूडेंट लाईफ से कांग्रेसी हैं | कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता , महामंत्री , सांसद , विधायक , मंत्री सब पदों पर रह चुके हैं | ईसाई होने के नाते 2019 में जब उन्होंने गांधी परिवार को “भारत का प्रथन परिवार” कहा था , तो बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया था | चाको ने उस समय कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की भारत के पहले परिवार के बारे में नकरात्मक राय है | वह सच में भारत का पहला परिवार है | भारत उनका आभारी है... भारत आज जो है वो पंडित जवाहरलाल नेहरू की योजना और नेतृत्व की वजह से है |" भाजपा ने गांधी परिवार के बारे में चाको के बयान की निंदा की थी | उनके इस्तीफे से अब लगता है कि पीसी चाको का गांधी परिवार से मोहभंग हो गया है | कांग्रेस पार्टी से उन का इस्तीफा केरल के ईसाई समुदाय में चल रही हलचल का संकेत देता है | हालांकि उन्होंने अभी भाजपा या अन्य किसी पार्टी में शामिल होने के संकेत नहीं दिए , लेकिन यह कह कर विकल्प जरुर खुले छोड़े हैं कि भविष्य में कुछ भी हो सकता है |
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