बनी, तो टिकाऊ होगी येदुरप्पा सरकार
कर्नाटक के सवा सौ एमएलए राष्ट्रपति भवन में परेड करके लौट गए। उसके छत्तीस घंटे बाद भी केंद्र सरकार के सिर पर जूं नहीं रेंगी। बीजेपी-जेडीएस को दावा पेश किए बारह दिन हो चुके। अगर कांग्रेस की सरकार बननी होती। तो इतनी देरी कभी नहीं होती। संघवाद पर दिल्ली में चल रही मीटिंग में गवर्नर की जगह येदुरप्पा आते। गवर्नर की रपट जगजाहिर नहीं हुई। एसेंबली बहाल कर सरकार बनाने की सिफारिश होती। तो इतनी देर नहीं लगती। गवर्नर ने फैसला केंद्र पर छोड़ा। अब निगाह केबिनेट की अगली मीटिंग पर। अगली मीटिंग में भी कर्नाटक का फैसला नहीं हुआ।