लखनऊ, यूपी में चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी बिखर गई है . मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल को पार्टी से निकाल बाहर किया और कहा कि अब मुख्यमंत्री भी वही तय करेंगे. लेकिन मुलायम के साथ मुश्किल से आधा दर्जन विधायक हैं.मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार सुबह 9 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. अखिलेश ने यह बैठक पार्टी कार्यालय पर नहीं बल्कि अपने घर पर बुलाई है.
मुख्यमंत्री के इस फैसले को सपा मुखिया के खिलाफ उठाया गया उस कदम के रूप में देखा जा रहा है जिससे मुख्यमंत्री अपने आगे की रणनीति तय करेंगे.अपने निष्कासन के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि असली समाजवादी पार्टी उनकी है, पिताजी के आस-पास के लोगों ने उन्हें गुमराह किया है. वहीं, रामगोपाल यादव ने निष्कासन को असंवैधानिक बताया है.
अखिलेश समर्थको ने किया आत्महत्या का प्रयास
मुलायम सिंह के द्वारा अखिलेश यादव को पार्टी से निष्कासित करने के बाद अखिलेश की समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा है। जिसके बाद तीन समर्थकों ने आत्मदाह का प्रयास किया, जिसमें से एक समर्थक राहुल सिंह ने खुद को आग के हवाले कर लिया. जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. अखिलेश समर्थक मुलायम सिंह के घर के सामने खड़े होकर नारेबाजी की.समर्थंकों का कहना है कि मुलायम सिंह ने जो फैसला लिया है यह पूरी तरह से गलत ह. समर्थंकों का कहना है कि नेता जी को फैसला वापस लेना होगा और अगर वह फैसला वापस नहीं भी लेंगे तो अखिलेश यादव ही पार्टी का चेहरा रहेंगे. इसके साथ इन लोगों ने यह भी कहा कि वे मुलायम सिंह के खिलाफ 1 जनवरी को होनेवाले अधिवेशन में जरूर जाएंगे.
रामगोपाल मेरे बेटे को गुमराह कर रहा: मुलायम
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अचानक प्रेस कांन्फ्रेंस बुलाई जिसमें वह भावुक हो गए. मुलायम ने कहा कि इतिहास में किसी ने भी अपने बेटे को सीएम नहीं बनाया है. लेकिन रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. अखिलेश यह समझ नहीं पा रहे. इस दौरान उनके साथ यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव भी मौजूद थे.इसके बाद मुलायम ने रामगोपाल यादव को पार्टी से बर्खास्त करने का ऐलान कर दिया. उनके ऊपर अनुशासनहीनता का आरोप का लगाया गया है.मरामगोपाल की ओर से पार्टी का आपात अधिवेशन बुलाने से नाराज मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनको पार्टी की कोई बैठक बुलाने का हक नहीं है. यह अधिकार सिर्फ अध्यक्ष के पास है.सपा सुप्रीमो ने कहा कि रामगोपाल यादव ने सीधे मेरे ऊपर हमला बोला है. इसके साथ ही मुलायम ने अपने बेटे अखिलेश को भी नसीहत देते हुए कहा कि वह पूरी बात समझ नहीं रहे हैं. वह गुटबाजी कर रहे हैं.
मुलायम को पार्टी संविधान की समझ नहीं
पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि मुलायम का फैसला असंवैधानिक है. वह सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो गए हैं. रामगोपाल ने आगे कहा कि नोटिस देने के आधे घंटे के अंदर दोनों को निकाल दिया गया. नोटिस का जवाब सुने बिना कार्रवाई करना गलत है. मुलायम सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो गए हैं. रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह पर आरोप लगाया कि पार्टी में लगातार असंवैधानिक काम हो रहा है. नेताजी को पार्टी के संविधान की समझ नहीं है.उन्होंने कहा, 'शीर्ष स्तर पर पार्टी में गलत काम हो रहे थे. अगर पार्टी अध्यक्ष ही असंवैधानिक काम करे तो सम्मेलन कौन बुलाएगा. बिना बैठक के सूची कैसे जारी हुई, उम्मीदवार कैसे घोषित हुए. सारे असंवैधानिक कार्य हो रहे थे, उन्हीं कामों को रोकने के लिए सम्मेलन बुलाया.'रामगोपाल ने कहा, 'नेताजी को पार्टी के संविधान की पूरी जानकारी नहीं है। यूपी से बाहर कहीं भी पार्टी का वैधानिक संगठन नहीं है। यूपी के डेलिगेट्स की मांग पर ही बैठक बुलाई गई। सौ परसेंट हारने वाले, जमानत नहीं बचा पाने वाले लोगों को टिकट दिया गया है। मैनपुरी में भी 4 जीतने वाले विधायकों में से 3 के टिकट काट दिए गए। फिरोजाबाद में जीतने वाली विधायक का टिकट काट दिया गया।'
'आगे का कदम एक जनवरी के बाद बताएंगे'
रामगोपाल ने कहा कि गैर-यादवों के बीच वोट मांगने जाने की जब बात आती थी तो रामगोपाल को ही याद किया जाता था। उन्होंने कहा कि चुनाव में पता चल जाएगा कि कौन कितना स्वीकार्य है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि सोमवार को लखनऊ में राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने आएं। रामगोपाल ने कहा कि हमने पार्टी को बचाने के लिए अधिवेशन बुलाया है। आपातकालीन अधिवेशन के लिए कोई वक्त नहीं होता। उन्होंने कहा कि मैं खुद को अब भी पार्टी का जनरल सेक्रटरी मानता हूं, कल भी मानता था और आगे भी मानता रहूंगा। अगला कदम एक जनवरी के बाद बताएंगे। अभी 235 की लिस्ट जारी हुई है, आगे और लिस्ट जारी होगी।
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