समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल का फैसला करने के लिए चुनाव आयोग ने दोनो गुटो की बैठक बुलाई है. अगर दोनों गुटों में सुलह नहीं होता है तो चुवान आयोग 13 जनवरी को इस मामले पर बैठक कर सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि साइकिल पर कोई भी फैसला आने तक चुनाव आयोग इस सिंबल को फ्रीज कर सकता है और दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित कर सकता है.
‘खेत जोतता किसान’ पर मुलायम की दावेदारी!
मुलायम सिंह यादव ‘खेत जोतता किसान’ पर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. दरअसल इस सिंबल से मुलायम का पुराना रिश्ता रहा है. 1980 के दशक में मुलायम सिंह जब लोकदल में हुआ करते थे तब वह इसी चुनाव चिन्ह से लड़ चुके हैं. ‘खेत जोतता किसान’ 1989 को जब्त हो गया था. सूत्र बताते हैं कि अमर सिंह और शिवपाल यादव लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह से संपर्क में भी हैं. लेकिन चुनाव आयोग के रिकार्ड में अब यह चुनाव निशान नहीं है. अगर चुनाव आयोग उन्हे हल जोतता किसान नहीं देता है तो वह जनता पार्टी का चुनाव निशान हलदर किसान भी मांग सकते हैं.
अखिलेश को मिलेगी मोटरसाइकिल?
अखिलेश गुट के करीबी नेता बताते हैं कि अगर साइकिल चुनाव चिन्ह नहीं मिलता है तो फिर प्लान बी तहत अखिलेश मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह की मांग कर सकते हैं। मोटरसाइकिल के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि एक तो साइकिल की तरह ही होगी दूसरी इससे विकास की तेज रफ्तार के प्रतीकात्मक रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
आपकी प्रतिक्रिया