ट्रम्प के बहाने झेंप मिटाता पाकिस्तान

Publsihed: 20.Aug.2019, 12:19

अजय सेतिया / पाकिस्तान के मुताबिक़ सोमवार को नरेंद्र मोदी से बात करने के बाद ट्रम्प ने इमरान खान से भी बात की | भारत में खबर है कि ट्रम्प ने मोदी को फोन किया और आधा घंटा तक बात की | पीएमओ ने जो प्रेस नोट जारी किया , उस में ज्यादा बातें अफगानिस्तान और भारत- अमेरिका व्यापार को लेकर हुई बताई गई हैं | पर  पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने बताया कि ट्रम्प ने कश्मीर के मुद्दे पर ही इमरान खान से बात की | ट्रम्प ने ट्विटर पर बताया कि उन्होंने मोदी और इमरान से कश्मीर पर तनाव कम करने के लिए कहा है , स्थिति तनावपूर्ण है पर अच्छी बातचीत हुई |

अपन जब पाकिस्तान के “डान” अखबार में छपा पाक के विदेशमंत्री का ब्यान पढ़ रहे थे तो पाकिस्तान की बेचारगी पर तरस आया | कुरैशी ने ट्रम्प से शिकायत की कि भारतीय कश्मीर में 15 दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है , हजारों कश्मीरियों को गिरफ्तार कर के जेलों में डाल दिया गया है , कुछ को तो कश्मीर से बाहर की जेलों में डाला गया है | उन्होंने ट्रम्प से यह भी कहा कि कश्मीर में मानवाधिकारों की समीक्षा करने वाली टीम भेजी जाए | फिर उन्होंने वही पुराना राग भी अलापा कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और वायदों को निभाना चाहिए | कुल मिला कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुरी तरह मात खाने के बाद इमरान खान ने अमेरिका से भारत को समझाने बुझाने की गुहार लगाई है , क्योंकि उन्होंने 370 हटाए जाने के बाद भारत के खिलाफ जो कदम उठाए थे , उन का पाकिस्तान में उलटा असर हो रहा है | क्योंकि पाकिस्तान में भी समझदार लोग कहने लगे हैं कि जब आप ने खुद पाक अधिकृत कश्मीर में कश्मीरियों को 370 और 35ए जैसे अधिकार नहीं दे रखे , तो आप भारत के संविधान और संसद में कैसे दखल दे सकते हैं |

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे की मीटिंग में कश्मीर का मसला 48 साल बाद चर्चा का मुद्दा बना था | इमरान खान ने पाकिस्तान में इसे भी अपनी उपलब्धि और नरेंद्र मोदी की हार के तौर पर प्रचारित किया | पाक में यहाँ तक प्रचार किया गया कि सुरक्षा परिषद में भारत ने कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा मान लिया है , जब कि सच यह था कि मीटिंग में न तो भारत शामिल था और न ही पाकिस्तान | मीटिंग का हाल तो यह रहा कि सुरक्षा परिषद ने कोई बयान भी जारी नहीं किया , यह भी नहीं कहा कि दोनों आपस में बातचीत कर के समस्या का हल निकालें | यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के नए रुतबे का सबूत है | जब मीटिंग हो रही थी तब भारत के प्रतिनिधि ने यूएन मीडिया के सामने ठोक बजा कर कह दिया था कि 1972 के शिमला समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव निरस्त हो गया था , तो फिर कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा रहा ही कैसे |

अपन ने राजनाथ सिंह के बयान के हवाले मंगलवार को लिखा था कि दुनिया को दिखाने के लिए भारत भले ही कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा कहता रहे , मोदी के राज में भारत कश्मीर पर द्विपक्षीय बात भी नहीं करेगा | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह साफ़ कर दिया था कि जब भी बात होगी , पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी | पीएमओ के बयान के मुताबिक़ मोदी ने भी ट्रम्प को लगभग यही बात कही है , मोदी ने उन्हें यह नहीं कहा कि आतंकवाद बंद हो तो भारत कश्मीर के मुद्दे पर बात करने को तैयार है ,जैसा कि पहले कहता था | जब ट्रम्प ने दक्षिण एशिया में शान्ति की जरूरत पर बल दिया तो मोदी ने सिर्फ यह कहा कि जिस तरह की बयानबाजी हो रही है , वह शान्ति के लिए उचित नहीं है | मोदी का इशारा इमरान खान के ट्विटर बयानों की ओर था | साफ़ है भारत अब किसी भी दबाव में पाकिस्तान से बात करने के मूड में नहीं है , अलबत्ता भारत के आर्मी चीफ मेजर जनरल विपिन रावत ने साफ़ कह दिया है कि पाक ने अब कोई शरारत की तो युद्ध के लिए तैयार रहे | 

 

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