शाही इमाम और पत्रकार वेद प्रताप वैदिक के दावे फिजूल साबित हुए हैं,जिन में कहा गया था कि उन के दखल से सपा में युद्धविराम हो गया है. प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को बडा झटका देते हुए मंत्री पवन पांडेय को सपा से बर्खास्त कर दिया और अखिलेश को पत्र लिखकर पवन को मंत्रीमंडल से भी हटाने का आग्रह किया.है .अखिलेश यादव पर यह सब से बडा हमला हुआ है, इस के तुरंत बाद अखिलेश ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर के 205 विधायको के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. इस से जाहिर है कि सपा का एक खेमा सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है.
इस से पहले शिवपाल यादव ने आज सुबह उन्हेन मंत्री के नते मिला मकान खाली कर दिया, इस से साफ है कि अखिलेश ने उन्हे फिर मंत्री बनाने से साफ इंकार कर दिया है. अखिलेश के खास मंत्री को पार्टी से निकालने का ऐलान करते उए शिवपाल ने कहा कि राज्य मंत्री पवन पांडेय को आशू मलिक के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई करने के आरोप में पार्टी से छह साल के लिए बाहर किया जाता है.शिवपाल यादव ने कहा, जो भी अनुशासनहीनता करेगा, गुंडागर्दी करेगा और जमीन पर कब्जे करेगा उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा.
टाइम्स आफ इंडिया ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम को शाहजहां और औरंगजेब करार दिया था. इस मामले को खुद अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यकारिणी में उठाते हुए अमर सिंह पर खबर छपवाने का आरोप लगाया तो शिवपाल ने अखिलेश से माईक छीन लिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहा है.
इस मामले में अखबार के मालिक को आशु मलिक ने नोटिस भेजा था. वहीं, इसी विषय को लेकर संगठन की तरफ से लखनऊ में एक बैठक बुलाई गई थी। उधर आशु से खफा कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फरनगर में सपा कार्यालय पर सपा एमएलसी आशु मलिक के फ्लेक्स फाड़़कर व पुतले को आग के हवाले कर दिया था. युवा सपा नेता मोहसिन अंसारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कहा कि आशु मलिक जनाधार विहीन चापलूस नेता हैंं और वह सपा मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सपा परिवार की लडाई में आग मे घी डालकर पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं.
बेटे की लोकप्रियता से जलन
इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है. हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की। जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए। मुलायम सिंह ने कहा कि 2012 में बहुमत मेरे नाम पर मिला।
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