चेन्नई : आज तमिलनाडु में अन्नाद्र्मुक की बैठक में पार्टी से जुड़ा हुआ बहुत ही अहम फैसला लिया गया. पार्टी की बैठक में जयलिलता की करीबी शशिकला नटराजन को पार्टी का महासचिव बनाने का फैसला लिया गया है.अब पार्टी की कमान शशिकला के हाथ में होगी. जयललिता के निधन के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि शशिकला के हाथ में पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है और आज औपचारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी गई. तमिलनाडु सीएम पनीरसेल्वम और जनरल काउंसिल मेंबर्स पार्टी की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
पहले भी एआईएडीएमके के वरिष्ठ पार्टी अधिकारियों ने दिवंगत जयललिता की सहयोगी थिरुमथि शशिकला से पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया था. पार्टी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके इसकी जानकारी दी गई थी. पार्टी की ओर से कहा गया था कि अगर पार्टी के नेताओं ने शशिकला को पार्टी की कमान संभालने के लिए आमंत्रित किया है तो कुछ गलत नहीं किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पहली बार मौजूदा सीएम पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में तमिलनाडु कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में जयललिता की सहयोग शशिकला भी शामिल हुईं. इस बैठक में ही ये फैसला हुआ कि पार्टी की कमान शशिकला को सौंपी जाए. जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि शशिकला ने अपने परिवार से सरकार और पार्टी से दूर रहने को कहा है. शशिकला को नए मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट द्वारा इतनी तवज्जो दिया जाना आलोचना के घेरे में भी आ रहा है. पार्टी के लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं. हालांकि पार्टी प्रवक्ता पोन्नाइयन से जब पूछा गया कि क्या नई सरकार अब सीधे नटराजन को रिपोर्ट कर रही है तो जवाब था कि उनके पार्टी सदस्य से मिलने में क्या बुराई है. क्या शशिकला पार्टी की महत्वपूर्ण सदस्य नहीं हैं?
सी पोन्नईयन ने पार्टी हैडक्वॉर्टर पर शशिकला के उपर उठ रहे सवालों पर पत्रकारों से कहा कि सरकार को विधायकों के द्वारा चुने गए नेता (ओ पन्नीरसेल्वम) के द्वारा चलाया जा रहा है साथ ही पार्टी को चुनी हुई समिति चला रही है. इसके अलावा पोन्नईयन ने कहा कि शशिकला पार्टी की महत्वपूर्ण सदस्य होने के साथ-साथ पार्टी की प्रवक्ता भी हैं. उन्होंने कहा कि शशिकला दिवंगत जयललिता की विश्वासपात्र थी. ऐसे में उन पर सवाल उठाना बेबुनियाद है.वहीं पूर्व सीएम जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडू में अबतक 280 लोगों की सदमे से मौत हो चुकी है. पार्टी ने सभी मृतकों के परिवारों को तीन-तीन लाख रूपये मुआवजा देने का एलान किया है.
कौन हैं शशिकला ?
शशिकला वैसे तो तमिलनाडु की राजनीति में कभी भी सक्रिय रूप में सबके सामने नहीं आईं थीं, लेकिन कहा जाता है कि पार्टी के सारे निर्णय शशिकला लेती थीं और इस हिसाब से एक तरह से सरकार के फैसलों पर भी शशिकला का ही प्रभाव होता था.जयललिता की बेहद करीबी थीं शशिकला. जयललिता के साथ हर वक्त परछाई की तरह साथ रहने वाली शशिकला तमिलनाडु की राजनीति में बेहद ही खास चेहरा हैं.22 सितंबर से जयललिता चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं, उनकी गैर मौजूदगी में शशिकला ने ही पार्टी का सारा काम संभाल रखा था. इसी वजह से माना जा रहा था कि जयललिता के बाद अब पार्टी प्रमुख शशिकला ही होंगी, भले ही मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम हों.
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