मोदी के खिलाफ बुने जाल में खुद घिर गए राहुल

Publsihed: 26.Dec.2016, 13:52

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ‘सहारा डायरियों’ वाला मुद्दा लपकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्र्ती थे, तो उन्होने सहारा इंडिया से भारी मात्रा में पैसा लिया था. अरविंद केजरीवाल यह आरोप पहले ही दिल्ली विधानसभा में और प्रशांत भूषण ये आरोप पहले ही सुप्रीम कोर्ट में ले जा चुके है, जिस का फिलहाल सुप्रीमकोर्ट ने संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था.

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लेकिन अब राहुल गांधी चौतरफा घिर गए हैं, एक तरफ तो उन्ही की पारटी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित ने सहारा डायरी को खारिज कर दिया है, तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वह फोटो घूम रही है, जिस में राहुल गांधी एक कार पर यूपी मे रोड शौ करते हुए दिखाई दे रहे हैं, वह जिस कार पर रोड शौ कर रहे हैं, ट्रांस्पोर्ट विभाग के रिकार्ड में वह कार सहारा इंडिया के लखनऊ दफ्तर की है. यानि वह खुद सहारा इंडिया की कृपा पाते रहे हैं.

तीसरा सवाल यह पूछा जा रहा है कि सहारा और बिडला की जिन डायरियो में नरेंद्र मोदी की बडी तादाद में पैसा दिए जाने का सबूत राहुल गांधी बता रहे हैं, वे सबूत यूपीए शासन काल से आयकर विभाग के पास मौजूद थे, तब के वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यो नहीं की. इस लिए नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राहुल गांधी के बोलने के बाद स्पष्ट हो गया है कि कोई भूकम्प नहीं आएगा.

 एक टीवी चैनेल के अनुसार शीला दीक्षित ने एक बयान में कहा, 'मुझे राहुल के दावे पर आश्चर्य हो रहा है कि उसमें मेरा नाम है. सहारा डायरी के दस्तावेजों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने तो पहले ही इस मामले को साफ कर दिया है.' असल मे जिस डायरी का जिक्र राहुल गांधी ने मोदी पर आरोप लगाने के लिए किया है , उस डायरी में तब की कांग्रेसी मुख्यमंत्री और अब यूपी में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की दावेदार शीला दीक्षित का नाम भी है. 

शीला के इस बयान पर बीजेपी ने कहा है राहुल गांधी गड़े मुर्दे को उखाड़ रहे हैं.बीजेपी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जा सकता है.

दरअसल इस मामले को लेकर वरिष्ठ वकील अदालत के पास पहले जा चुके हैं जिसमें एक छापे के दौरान इनकम टैक्स को  मिले कुछ दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाया था कि सहारा और बिड़ला समूह के कार्यालयों से मिली कुछ दस्तावजों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को पैसा देने की बात सामने आई है.लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया था.

इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आप प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं इसके लिए कुछ ठोस सबूत लेकर आइए.अदालत ने कहा था कि सहारा के दस्तावेज पहले भी फर्जी  पाए गए थे. कोई किसी का भी नाम कंप्यूटर में दर्ज कर सकता है. इसके बाद पूरे मामले की जांच एसआईटी से जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया.

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