तो चुनाव का दूसरा फेज आज निपटेगा। पहले फेज का रुझान तो कांग्रेस को करंट लगा गया। खासकर आंध्र प्रदेश में। तेलंगाना में टीडीपी-टीआरएस हावी रही। अपन ने मशीनों में झांककर तो नहीं देखा। पर कांग्रेस की बेचैनी ने सब कह दिया। आज 140 सीटों पर वोट पड़ेंगे। तो उनमें 20 सीटें बाकी बची आंध्र प्रदेश की। यह बताने का मकसद भी बताते चलें। पिछली बार इनमें से 19 जीती थी कांग्रेस ने। आंध्र की 29 सीटों की बदौलत ही यूपीए सरकार बनी। अब अपना अनुमान कांग्रेस के पंद्रह पर खिसकने का। चौदह का घाटा न तो राजस्थान में पूरा होगा, न मध्यप्रदेश में। अभिषेक मनु सिंघवी ही अशोक गहलोत के टारगेट-25 की हवा निकाल चुके। जहां तक बात मध्य प्रदेश की। ज्योतिरादित्य सिंधिया तक संकट में।
कांग्रेस बढ़ेगी जरूर। पर दो-तीन सीटें। उड़ीसा जरूर कांग्रेस के फायदे वाला राज्य। पर झारखंड उतने ही नुकसान वाला। महाराष्ट्र- कर्नाटक में कोई फायदा नहीं होना। पर असम में नुकसान होगा। जहां आज दूसरे आखिरी दौर की 11 सीटें। इस बार कोर्ट ने एक्जिट पोल पर पाबंदी लगा दी। वरना प्राइवेट चैनल अपना अच्छा खासा मनोरंजन करते। मनोरंजन में एक फायदा तो था। कुछ अंदाज तो लगता। अबके तो किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा। यूपी को ही लो। मोटे तौर पर मायावती का पलड़ा भारी होने का अंदाज। पर कितना, क्या हाथी जितना? मान लो 19 से बढ़कर 36 हो गई। मुलायम 36 से घटकर 19 हो गए। तो क्या होगा। वैसे अपना अंदाज इसी के आसपास। आप सोचो यूपीए का होगा क्या। लेफ्टिए 60 से 35 पर अटके। मुलायम 36 से 19 पर अटके। लालू 24 से दस पर आ गए। पासवान तीन ले भी गए। तो सोनिया, करात, करुणानिधि, पवार, शिबू, ममता, लालू, मुलायम, पासवान मिलकर भी 272 नहीं बनेंगे। पर प्रकाश करात-ममता एक साथ होंगे। अपन को तो शक। बात करात की चली। तो बता दें- बुधवार को उनने भी पीएम पद का हैट पहन लिया। कोलकाता में बोले- 'कोई हल न निकला। तो मैं हूं थर्ड फ्रंट का पीएम।' जैसे कांग्रेस को नीतिश के साथ आने की उम्मीद। वैसे ही करात को नान कांग्रेस-नान बीजेपी गठबंधन की उम्मीद। जिसमें करुणानिधि- जयललिता साथ होंगे। मुलायम-माया साथ होंगे। लालू-नीतिश साथ होंगे। चौटाला-भजनलाल साथ होंगे। पवार-नवीन तो होंगे ही। बादल और ममता भी उनके साथ होंगे। यह बात दिन में ख्वाब देखने जैसी। पर यह ख्वाब भी तब पूरा होगा। जब बीजेपी-कांग्रेस मिलकर 272 से नीचे निपटें। नहीं, अपन को ऐसा होने की उम्मीद नहीं दिखती। दोनों 150-150 के आसपास होंगे। कांग्रेस 140, बीजेपी 150 भी ले जाए। या बीजेपी 140, कांग्रेस 150 भी ले जाए। तो भी बाकी बचेंगे 253 ही। इतने से तो प्रकाश करात पीएम नहीं बनते। यानी नौ मन तेल नहीं होगा। तो राधा नाचेगी कैसे। पर दिल बहलाने को करात का ख्याल अच्छा है। अपन नहीं जानते। आडवाणी-मनमोहन के सामने करात खुद क्यों आए। पर अपन को कोई बता रहा था- 'लेफ्ट पहले मायावती को प्रोजेक्ट करने वाला था। पर बाद में किसी ने समझाया- मायावती इंडिया गेट तुड़वाकर कांशीराम का स्मारक बनवा देगी।' इस पर करात बिदक गए। बाद में फायदा भी हुआ। जयललिता आ मिली। वरना मायावती को देखते ही बिदक जाती। जैसे सोनिया को देख बिदकती। नान कांग्रेस-नान बीजेपी के पवार, लालू, पासवान की दावेदारी भी कम नहीं। अपन को लगता है करात ने इसी उलझन को समझा। तभी अपने सिर पर दावेदारी का हैट पहन लिया।
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