पीएफआई ने दी जिन्ना जैसी धमकी

Publsihed: 27.May.2022, 18:59

अजय सेतिया / पूजा स्थल 1991 क़ानून कहता है कि मुगलों ने मन्दिर तोड़ कर मस्जिदें बनाईं तो उन्हें मस्जिद ही रहने दो | तीस साल तक किसी ने इस क़ानून को चुनौती नहीं दी क्योंकि तीस साल तक हिन्दुओं का ध्यान अयोध्या पर लगा था | क़ानून में अयोध्या को छूट थी , इसलिए हिन्दुओं ने सोचा कि पहले पहली लड़ाई जीत लें , जब दूसरी की बारी आएगी , तब दूसरी लड़ाई लड़ेंगे | अब वह वक्त आ गया है | अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीमकोर्ट में क़ानून को चुनौती दी है और कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया हुआ है | पर मथुरा की जिला अदालत ने 1991 के क़ानून को दरकिनार कर कृष्णजन्मभूमि के दावे पर सुनवाई शुरू कर दी है | क़ानून में से पेंच निकल आया है | क़ानून की धारा 4 (2) कहती है कि यह क़ानून उन मामलों में लागू नहीं होगा , जिन मामलों में पहले किसी कोर्ट ने , किसी ट्रिब्यूनल या प्राधिकारी ने फैसला किया हो | मथुरा के मामले में चुनौती 1968 के समझौते को दी गई है , जिस के अंतर्गत मन्दिर के ट्रस्ट ने 13.37 एकड़ में से 2.37 एकड़ जमीन ईदगाह को दे दी थी | जुगल किशोर बिडला ने यह जमीन अंग्रेजों से खरीद ली थी | उन्होंने जमीन की देखरेख के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बनाया गया था , उसे जमीन किसी ओर को देने का हक नहीं था , लेकिन इंदिरा गांधी ने दबाव बना कर यह जमीन मुसलमानों को दिला दी | यह जमीन भी वह है , जहां कंस की जेल थी | इसी जेल में श्रीकृष्ण पैदा हुए थे |

 

वैसे तो श्रीकृष्ण अखिलेश यादव के सपने में आए थे | लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव को जन्मभूमि मुक्त करवाने के लिए नहीं कहा | क्योंकि श्रीकृष्ण को पता था कि वह चुनाव जीत कर भूल जाएगा | खुद को श्री कृष्ण का असली वारिस बताने वाले मनीष यादव कई साल से केस लड़ रहे हैं | जब सिविल कोर्ट ने 1991 के क़ानून को आधार बना कर याचिका खारिज कर दी थी , तो मनीष हाईकोर्ट गए थे | हाईकोर्ट ने जिला जज को चार महीने में केस निपटाने को कहा | हालांकि मनीष की याचिका वारिस और आस्था पर आधारित है | लेकिन इस बीच हिन्दुओं की छह याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है | फैसला जमीन के मालिकाना हक का होना है , क्योंकि याचिका 1968 के फैसले को आधार बना कर स्वीकार की गई है | 26 मई को हिन्दू पक्ष ने मालीकाना हक के कागजात कोर्ट में जमा करवा दिए | मुस्लिम पक्ष कहीं ईदगाह में खुदाई कर के कोई सबूत न मिटा दे , इसलिए 27 मई को मनीष यादव ने ईदगाह में सीसीटीवी लगवाने की अर्जी लगाई है | अब जब जिला जज ने 1991 वाली दलील खारिज कर दी तो मुसलमानों में हडकंप मचा है |

 

देश में अनेक हिंसक वारदातों के लिए जिम्मेदार मुस्लिम आतंकी संगठन पीएफआई ने मोदी सरकार , अदालतों और हिन्दुओं का मुकाबला करने की चेतावनी दी है | पीएफआई ने 24 मई को एक प्रस्ताव पास कर के हिन्दुओं का मुकाबला करने के लिए मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की है | इस अपेक को 26 मई की रात को जाहिर किया गया | यह हिंसा के लिए भडकाने वाली अपील 1946 की जिन्ना की सीधी कार्रवाई जैसी ही है , जिस में 50 हजार हिन्दुओं को कत्ल कर दिया गया था | बंगाल की सडकों और गलियों में लाशें ही लाशें बिछी थी | उस समय के अखबारों में छपी नरसंहार की फोटो आज भी दिल दहला देती हैं | 2006 में सीमी पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के बाद सीमी के कार्यकर्ताओं ने ही 17 फरवरी 2007 को केरल में पीएफआई का गठन किया था | देश के 24 राज्यों में पीएफआई अपनी ब्रांचें खोल चुका है , जिन में मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ हिंसक वारदातों की ट्रेनिंग दी जा रही है | आम आदमी पार्टी के समर्थन से पीएफआई ने अपना हेड ऑफिस दिल्ली के शाहीन बाग में खोल लिया है ,  शाहीन बाग वही इलाका है, जिसे धुरी बना कर सीएए और एनआरसी के खिलाफ पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था |
 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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