अजय सेतिया / हिन्दू होने के कारण सुनील जाखड को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज पंजाब में कांग्रेस के हिन्दू नेताओं का कांग्रेस छोड़ना शुरू हो गया है | पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस से अपना 46 साल का रिश्ता तोड़ते हुए सोनिया गांधी को पार्टी से इस्तीफा भेज दिया | सुनील जाखड को कांग्रस के 78 विधायकों में से 42 का समर्थ था , लेकिन सोनिया –राहुल ने चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया , जबकि उसे सिर्फ 2 विधायकों का समर्थन था | उधर पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड ने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का एलान किया है | क्योंकि पहले सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया गया और बाद में बहुमत विधायकों का समर्थन होने बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया |
पंजाब की कांग्रेस चुनावों के दौरान ही बिखराव के मुहाने पर आ कर खडी हो गई है | मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किए जाने से खफा नवजोत सिंह सिद्धू ने अब खुद को अपने निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित कर लिया है | सिद्धू ने राहुल गांधी के सामने जरूर वायदा किया था कि भले ही किसी को भी मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जाए सब मिल कर कांग्रस को जिताएंगे , लेकिन सिद्धू का असली चेहरा अब सामने आ गया है | उन्होंने खुद कह दिया है कि कांग्रेस की 60 सीटें आएंगी , तभी तो चन्नी मुख्यमंत्री बनेंगे | इस से साफ़ जाहिर है कि वह कांग्रेस को हराने के लिए काम कर रहे हैं , उन की पत्नी नवजोत कौर तो खुल कर कांग्रेस को हराने के लिए काम कर रही हैं | उन्होंने एक ट्विट में कहा कि चन्नी को यह कह कर मुख्यमंत्री प्रोजेकटकिया गया कि वह एक गरीब आदमी है , जबकि चन्नी हम से अमीर है | सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ही नहीं , कांग्रेस की सांसद और अमरेन्द्र सिंह की पत्नी कांग्रेस से इस्तीफा दिए बिना ही भाजपा की मीटिंग में पहुंच गई | जिस की फोटो वायरल हो गई | भले ही देर से . लेकिन कैप्टन अमरेन्द्र सिघ को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर पार्टी के भीतर की नाराजगी भी सामने आनी शरू हो गई है | पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस छोड़ने के बाद कहा कि जिस तरह अमरेन्द्र सिंह को अपमानित कर के हटाया गया , वह शर्मनाक था | उन्होंने कहा –“मैं इससे दुखी हुआ, मैं इसकी निंदा करता हूं |” भले ही वह 4 महीने बाद जागे , लेकिन 46साल से अधिक समय तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद चुनावों के बीच पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में विस्तार से उन्होंने कहा कि उन कामानना है कि एक समय आता है जब इससे ज्यादा आप सहन नहीं कर पाते | उनकी कई दिनों से रातों की नींद हराम थी | उन्होंने खुद ही सोचा कि जब वह इतना असहज महसूस कर रहे हैं , तो कांग्रेस से चिपके रहने का कोई मतलब नहीं | उन्होंने कहा- “ मुझे लगता है समय आ गया है कि गलत को गलत कहा जाए और कठिन निर्णय लिया जाए |” यानी साफ़ हा कि उन्होंने अमरेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के राहुल गांधी के निर्णयक खिलाफ बगावत की है | हालांकि उन्होंने अभी तय नहीं किया है कि वह भाजपा में जाएंगे या नहीं , लेकिन जिस अमरेन्द्र सिंह के समर्थन में अश्विनी कुमार ने इस्तीफा दिया है , वह भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं | एक तरह से उन्होंने पंजाब के हिन्दू मतदाताओं को भाजपा का समर्थन करने का संकेत दे दिया | उन्होंने कहा कि वह बीजेपी में किसी से नहीं मिले हैं और न ही इस बारे में अभी कुछ सोचा है | सम्भवत वह चाहते हैं कि भाजपा ही उन से संपर्क साधे | भाजपा को भी इस से कोई परहेज नहीं होगा , क्योंकि यहपहले बार होगा कि पंजाब में हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण होगा | अश्विनी कुमार ने यह कह कर कांग्रस के सफाए की भविष्यवाणी कर दी कि वह निकट भविष्य में कांग्रेस को और रसातल मेंजाते देख रहे हैं |
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