क्या मुस्लिम पाक के वफादार है ?

Publsihed: 02.Nov.2021, 06:04

अजय सेतिया / अखिलेश यादव का जिन्ना की तारीफ वाला बयान सुन कर अपन को लाल कृष्ण आडवानी याद आ गए | न तो लाल कृष्ण आडवानी ने कोई बात गलत की थी , न ही अखिलेश यादव ने गलत बात की है | लाल कृष्ण आडवानी का यह कहा सच था कि जिन्ना पाकिस्तान को एक सेक्यूलर देश बनाना चाहते थे | आडवानी का यह बयान पाकिस्तान बनने के बाद जिन्ना के एक भाषण पर आधारित था | पर संघ परिवार को उन का वह बयान इस लिए नहीं पचा क्योंकि जिन्ना भारत बंटवारे के प्रमुख जिम्मेदार थे | भारत बंटवारे के जिम्मेदार नेहरु भी थे | गांधी और पटेल भी इसलिए जिम्मेदार थे , क्योंकि वे नेहरू के आगे झुक गए , जिन्हें प्रधानमंत्री बनने की जल्दी थी | आडवानी के उस बयान के पीछे की राजनीति वही थी , जो आज अखिलेश यादव के बयान के पीछे की राजनीति है | भाजपा जब 2004 का लोकसभा चुनाव हार गई थी , तो अटल बिहारी वाजपेयी सक्रिय राजनीति से रिटायर हो गए थे | तब आडवानी के सलाकार सुधीन्द्र कुलकर्णी ने उन्हें सर्वमान्य बनाने के लिए जिन्ना की तारीफ़ में कसीदे पढने के लिए मनाया था | अब अखिलेश यादव ने मुस्लिम वोटरों को सपा के पीछे खड़ा करने के लिए जिन्ना की तुलना गांधी नेहरू और पटेल से की है |

वैसे सच यही था कि जिन्ना पाकिस्तान को सेक्यूलर बनाना चाहते थे , लेकिन भारत या भारत के किसी नेता को इस बात से क्या लेना देना कि जिन्ना क्या चाहते थे , भारत के लिए इतना काफी है कि वह बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे | इसी तरह जिन्ना की भी देश की आज़ादी में भूमिका थी , लेकिन आज़ादी की खुशी से ज्यादा देश के बंटवारे का दर्द आज भी उन करोड़ों परिवारों को सालता है , जिन्हें हिन्दू होने के कारण अपना कई पीढ़ियों का घर बार , जायदाद सब छोड़ कर शरणार्थियों की जिंदगी जीनी पड़ी थी , अपनी औरतों की अस्मत लूटते देखी थी , अपनी बच्चों को कटते देखा था | वीर सावरकर की आज़ादी में भूमिका जिन्ना से कहीं ज्यादा थी , लेकिन अखिलेश यादव उन का जिक्र नहीं करेंगे , क्योंकि उन्हें यूपी के चनाव में फिर से एम-वाई का समीकरण खड़ा करना है , इस लिए वह जिन्ना को स्वतन्त्रता सेनानी बताएंगे | तो वह क्या कहना चाहते हैं , यह कि भारत के मुसलमान पाकिस्तान और जिन्ना के वफादार हैं , भारत के नहीं | अगर अखिलेश के इस बयान के कारण यूपी के मुस्लिम एकजुट हो कर समाजवादी पार्टी को वोट देते हैं , तो निश्चित रूप से यह साबित होगा कि यूपी के मुस्लिम पाकिस्तान के वफादार हैं |

अखिलेश यादव ने क्या मौके की नजाकत को देख कर यह बयान दिया है | मौके की नजाकत यह है कि जब टी-ट्वंटी मे पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था तो भारत के अनेक मुसलमानों ने जगह जगह पर जश्न मनाया था | अखिलेश ने इसे बैरोमीटर की तरह लिया है | अब इस का खतरा मायावती और असादुद्दीन ओवैसी को भी सताने लगा है , क्योंकि वे भी मुसलमानों को अपनी बपौती मानते हैं | उन्हें लगता है कि अखिलेश यादव ने मुस्लिमपरस्ती कर के उन के वोटों में सेंध लगा दी है | ओवैसी ने भडकते हुए कहा है किभारतीय मुसलमानों के पूर्वजों ने पाकिस्तान को ठुकरा कर सेक्यूलर भारत में रहना स्वीकार किया था | अगर  अखिलेश यादव को लगता है कि ऐसे बयान देकर वह मुसलमानों को खुश कर सकते हैं तो उन्हें अपने सलाहकार बदल लेने चाहिए, उन्‍हें खुद को शिक्षित भी करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए | मायावती ने भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि अखिलेश ध्रुविकरण करना चाहते हैं , जिस से भाजपा को फायदा होगा | यह बात सच है कि भारत का हिन्दू जिन्ना से नफरत करता है , इसलिए अखिलेश की ओर से जिन्ना की तारीफ़ भाजपा को फायदा ही पहुंचाएगी | और इसे भांप कर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अखिलेश यादव के खिलाफ वही लाईन अपनाई है , जो संघ ने आडवानी के बयान के वक्त अपनाई थी |

 

 

आपकी प्रतिक्रिया