अजय सेतिया / याद होगी कांग्रेस की मोदी को बदनाम करने की रणनीति वाली टूलकिट , जिसे अपने ट्विटर हेंडल पर पोस्ट कर के भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने बवाल खड़ा कर दिया था | कांग्रेस ने इस टूलकिट से इनकार किया था और ट्विटर से इसे हटाने की मांग की थी | ट्विटर ने जब टूलकिट को मेनुपलेटिड मीडिया बता कर न सिर्फ हटा दिया था , बल्कि संबित पात्रा का अकाऊंट भी ब्लाक कर दिया था , तो कांग्रेस के नेता और कांग्रेस समर्थक मीडिया तालियाँ बजा रहा था | ये सब भारत सरकार की ओर से ट्विटर को दिए गए नोटिस की आलोचना कर रहे थे, जिस में ट्विटर को कहा गया था कि उसे भारत के लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी में दखल देने का अधिकार नहीं है | वह भारत के कानूनों का उलंघन न करे | ऐसा लगता था कि भारत का विपक्ष और विपक्ष समर्थक मीडिया उस समय ट्विटर के “पे रोल” पर थे , और ट्विटर के लिए काम कर रहे थे |
अब जब 9 वर्षीय बालिका की बलात्कार और हत्या के बाद राहुल गांधी ने बच्ची के मां-बाप का वीडियो ट्विट कर के भारत के पोक्सो एक्ट की धारा 23 का उलंघन किया और ट्विटर ने उन का ट्विट हटा दिया तो वही बात राहुल गांधी कहने लगे हैं , जो उस समय के मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कही थी | राहुल गांधी के ट्विट को शेयर करने वाले बड़े कांग्रेसी नेताओं - केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव समेत कई अकाऊंट लॉक किए गए हैं | यहाँ तक कि कांग्रेस पार्टी का अकाऊंट भी लाक किया गया क्योंकि उस पर भी वीडियो शेयर किया गया था | राहुल गांधी को हालांकि इस ट्विट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तलब किया है , लेकिन उन्होंने एक वीडियो जारी कर ट्विटर की आलोचना करते हुए कहा कि उन का ट्विटर अकाउंट ब्लाक किया जाना भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है |
राहुल गांधी ने "ट्विटर का खतरनाक खेल" शीर्षक से यूट्यूब पर एक वीडियो जारी किया, जिस में ट्विटर पर तंज कसते हुए आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप" कर रहा है | यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है | अपने वीडियो में राहुल ने कहा कि "भारतीयों के रूप में हमें यह सवाल पूछना है कि क्या हम कंपनियों को यह अनुमति देने जा रहे हैं कि वह सिर्फ भारत सरकार के लिए हमारी राजनीति को हमारे लिए परिभाषित करे ? क्या आगे आने वाले समय में यही होने वाला है? या हम खुद अपनी राजनीति को परिभाषित करेंगे ?" उन की बहन प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर पर हमला बोलते हुए कहा कि ट्विटर भारत सरकार के इशारों पर कांग्रेस नेताओं के अकाऊंट ब्लाक कर रहा है | राहुल गांधी और औत उन की बहन के सवाल अच्छे हैं , लेकिन यही सवाल तो उस समय टेक्नालाजी मंत्री रवि शंकर प्रसाद उठा रहे थे , जब ट्विटर भारत सरकार के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर रहा था और राहुल गांधी की पूरी कांग्रेस और उन के समर्थक ट्विटर के साथ खड़े थे |
जब राहुल गांधी की शिकायत पर इसी विदेशी कंपनी ने ट्विटर से टूलकिट हटा दिया था और संबित पात्रा का ट्विटर अकाउंट ब्लाक कर दिया था , क्या तब भारत के लोकतंत्र पर हमला नहीं था , क्या तब भारत की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला नहीं था | तब क्यों कांग्रेस ने तालियाँ बजाई थी और अब क्यों ट्विटर की आलोचना कर रहे हैं , जबकि अब तो राहुल गांधी ने पोक्सो एक्ट की धारा 23 का खुला उलंघन किया है , जिस में बच्ची या उस के माता पिता की पहचान जाहिर करने पर 6 महीने से एक साल तक की सजा का प्रावधान है | तेजस्वी सूर्य ने सही तो कहा है कि रेप और मर्डर की शिकार के परिवार की फोटो ट्वीट करने के बाद राहुल अब अभिव्यक्ति की आजादी के तर्क की आड़ नहीं ले सकते |
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