अजय सेतिया / भाजपा के नेता और सुप्रीमकोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोप में गिरफ्तार और रिहा भी हो गए | पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उपाध्याय को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है | भारत के गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों पर काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने किस आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था , यह दिल्ली पुलिस अदालत को समझा नहीं सकी | उपाध्याय को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि उस के सामने जो साक्ष्य और वीडियो पेश किए गए हैं , उस से तो यह साबित ही नहीं हो रहा कि उपाध्याय ने जंतर मंतर पर मौजूद लोगों को किसी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी के लिए उकसाया था या उनके कहने पर किसी ने आपत्तिजनक नारेबाजी की है |
अदालत ने अमित शाह की दिल्ली पुलिस को लताड़ते हुए कहा कि जब वह अभी जांच कर रही है, उस के पास कोई सबूत नहीं है तो सिर्फ आशंका के आधार पर किसी को गिरफ्तार कर के उस की निजी स्वतंत्रता का हनन नहीं किया जा सकता | असल में अश्विनी उपाध्याय ने अंग्रेजो भारत छोडो की जयंती के मौके पर 8 अगस्त को जंतर मंतर पर अंगरेजी शासन में बने कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कार्यक्रम रखा था , जिस में सैंकड़ों की भीड़ जमा हो गई , क्योंकि अश्विनी उपाध्याय ने राजनीति के अपराधिकरण , जनसंख्या क़ानून और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे सुप्रीमकोर्ट में उठा कर जनता में अपनी साख बनाई है | तीन तलाक का मुद्दा भी अश्विनी उपाध्याय ने ही कोर्ट में उठाया था |
जंतर मंतर पर हिन्दूवादी भीड़ इक्कठी हो गई थी , जो जय श्रीराम के नारे लगाने लगी तो माहौल को देख कर अश्विनी उपाध्याय 12 बजे मंच से उठ का चले गए थे | मुसलमानों के खिलाफ नारेबाजी के जिस वीडियो के आधार पर अश्विनी और पांच अन्य को गिरफ्तार किया गया था , वह वीडियो जंतर मंतर में रिकार्ड ही नहीं किया किया | कार्यक्रम खत्म होने के बाद किसी यूट्यूबर ने जनर मंतर से दूर पार्क होटल के पास यह वीडियो शूट किया था | अश्विनी उपाध्याय के वकील ने अदालत को बताया कि जब यह नारेबाजी और भाषण हुआ उस समय उनका मुवक्किल यानी अश्विनी उपाध्याय मौके पर मौजूद ही नहीं था | बुधवार को जब अश्विनी उपाध्याय को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया तो वहा फिर सैंकड़ों की भीड़ जमा हो गई , जिस ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जम कर नारे बाजी की |
अब यह जांच का विषय है कि कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद वापस जा रही भीड़ को पार्क होटल के पास किस ने मुस्लिम विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया था | एक यूट्यूबर का एक वीडियो सामने आया है , जिस ने भीड़ को उकसाया तो भीड़ ने उसे कहा कि अगर वह हिन्दू है ,. ... तो जय श्री राम बोले | इसी यूट्यूबर की यूट्यूब पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी वाला वीडियो वायरल हुआ है | यही यूट्यूब इस से पहले नागरिकता संशोधन क़ानून और तीन तलाक के मुद्दे पर मुसलमानों को , दलितों को आरक्षण खत्म किए जाने की झूठी आशंका के मुद्दे पर और ओबीसी आरक्षण के नाम पर ओबीसी समुदाय को भडकाने वाले वीडियो भी जारी कर चुका है | लेकिन उस के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई | अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि दिल्ली पुलिस ने वायरल वीडियो बनाने वाले को गिरफ्तार करने की बजाए किस के कहने पर अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किया था | क्या पुलिस ने सीधे अमित शाह से निर्देश लिए थे या दिल्ली पुलिस के किसी अधिकारी ने हिन्दुओं को अमित शाह के खिलाफ भडकाने के लिए उपाध्याय को गिरफ्तार किय्या था |
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