अजय सेतिया / उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुलायम सिंह की मिमिक्री करते हुए सोनिया गांधी के नाम जारी एक आडियो में मुलायम सिंह ने कहा था –“ तुमारे लौंडे ने म्हारे लौंडे की बैंड बजा दी “ | उत्तर प्रदेश में ग्रामीण भाषा में लडके को लौंडा कह कर बुलाते हैं | अब कोई मिमिक्री करने वाला लालू यादव की मिमिक्री करते हुए वही बात दोहरा सकता है | राहुल गांधी ने 2017 में जैसी बैंड मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव की बजाई थी , वैसे ही अब बिहार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की बजा दी है | राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठतम नेता शिवा नन्द तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस ने तेजस्वी की लुटिया डुबो दी | कांग्रेस कम से कम 70 सीटें लेने पर अड़ गई थी , उस ने महा गठबंधन तोड़ने की धमकी दे दी थी | अगर वह अपनी औकात के मुताबिक़ 50 सीटों पर लडती तो महा गठबंधन की सरकार बन गई होती | यही बात सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीता राम येचुरी ने कही है , उन्होंने कहा कि अगर 70 में से 35 सीटें वामपंथियों को लड़ने को मिल जाती तो भी सरकार बन गई होती | तेजस्वी खुद कुछ नहीं बोल रहे ,लेकिन गुस्सा तो उन के भीतर भी होगा |
आप हैरान होंगे कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और विकासशील इन्साफ पार्टी का स्ट्राईक रेट कांग्रेस से बेहतर रहा है | कांग्रेस ने 2015 में 41 सीटों पर चुनाव लड कर 27 सीटें जीतीं थी , इसी कारण वह 70 सीटों पर अड़ गई जबकि उस का दावा ज्यादा से ज्यादा 50 सीटों पर बनता था | कांग्रेस 27 सीटें भी जीत जाती तो तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो जाता क्योंकि ऐसी हालत में एनडीए की 117 सीटें होती और महा गठबंधन की 118 सीटें होती | राष्ट्रीय जनता दल की अपनी सीटें भी भाजपा से एक ज्यादा 75 हैं , इस लिए राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने का मौक़ा देना पड़ता | राजद और वामपंथी ही नहीं , कांग्रेस के अपने नेता भी कांग्रेस की परफोर्मेंस पर हताश और दुखी हैं | कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा है कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही बिहार में महा गठबंधन की सरकार नहीं बन सकी , उन्होंने कांग्रेस को आत्मचिंतन की सलाह दी है | कांग्रेस से ज्यादा स्ट्राईक रेट से चार सीटें जीतने वाले हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम माझी ने कांग्रेस विधायकों को अपनी पार्टी से बगावत कर नीतीश के समर्थन का न्योता दिया है |
बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों की दो बातें गौर करने लायक हैं | पहली यह कि स्ट्राईक रेट में भाजपा के बाद कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया मार्क्सवादी लेनिनवादी आई है | जो खतरे की घंटी है | भाजपा ने 110 सीटें लड कर 74 जीती हैं , इस तरह उस का स्ट्राईक रेट 67.27 प्रतिशत बनता है | सीपीआई एमएल 19 सीटें लड़ कर 12 जीती है , इस तरह उस का स्ट्राईक रेट 63.16 प्रतिशत बनता है | तीसरे नम्बर पर 4 सीटें जीतने वाली माझी की पार्टी का स्ट्राईक रेट 57.14 प्रतिशत बनता है | सब से ज्यादा 75 सीटें और 23.1 प्रतिशत वोट पाने वाले राष्ट्रीय जनता दल का खुद का स्ट्राईक रेट 52.08 प्रतिशत बनता है , क्योंकि वह 144 सीटें लड़ कर 75 जीती है , जबकि भाजपा 110 लड़ कर 74 जीती है | स्ट्राईक रेट में पांचवे नम्बर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 50.00 प्रतिशत, छटे नम्बर पर जनता दल यू 35.54 प्रतिशत , सातवें पर सीपीआई 33.33 प्रतिशत, आठवें पर विकासशील इन्साफ पार्टी 30.77 प्रतिशत और नीवें नम्बर पर कांग्रेस का स्ट्राईक रेट सिर्फ 26 प्रतिशत रहा |
चुनाव नतीजों की दूसरी गौर करने लायक बात यह है कि 30 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली 32 विधानसभा सीटों में से सब से ज्यादा 12 सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती हैं | भाजपा की सहयोगी जदयू 6 सीटों के साथ दूसरे नम्बर पर रही , ओवेसी की एआईएम्आईएम 5 सीटों के साथ तीसरे नम्बर पर रही , कांग्रेस को भी 5 सीटें मिली हैं , एक समय में मुस्लिम यादव गठजोड़ के बूते सत्ता में आने वाली और इन दोनों वर्गों के वोट बैंक को अपनी बपौती समझने वाली राजद को सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल हुई | एक सीट सीपीआई एमएल जीती | यानी 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटों वाली 32 सीटों में से आधी से ज्यादा 18 सीटें एनडीए ने जीती हैं | चुनाव की महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सिर्फ एक सीट जीतने वाली चिराग पासवान की लोजपा ने जदयू को 27 सीटों पर हरवाया | कांग्रेस ने महा गठबंधन का बंटाधार किया , तो लोजपा ने एनडीए का बंटाधार किया | लोजपा अगर पेशकश की गई 27 सीटें लड़ लेती तो एनडीए और लोजपा दोनों फायदे में रहते , तब एनडीए का आंकडा 150 से ज्यादा का होता |
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