अजय सेतिया / पिछले दो दिन में कई वारदातें हो गईं , उन में से कुछ तो दुर्घटनाएं हुई ही हैं , जैसे पंजाब के होशियारपुर में लडाकू विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना और महाराष्ट्र में सोते हुए लोगों का ट्रेन से कुचले जाना | लेकिन कुछ वारदातें कोरोना वायरस की तरह मानव निर्मित लगती हैं | बृहस्पतिवार को सुबह आंध्र प्रदेश के विजाग में एक फेक्ट्री में गैस का रिसाव हुआ , जिस में 10 लोगों की जान चली गई और एक हजार से ज्यादा मौत से जूझ रहे हैं | दोपहर को छतीसगढ़ में गैस रिसाव की घटना हुई और शाम को तमिलनाडू में गैस रिसाव की घटना हुई | ये तीनों सामान्य घटनाएं तो नहीं हो सकती और न ही इत्तेफाक लगता है |
यह भी संयोग नहीं है कि इन तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं | आशंका यह है कि अब भाजपा शासित किसी राज्य में बड़ी अनहोनी हो सकती है , ताकि उसे इसी कड़ी में जोड़ कर देख कर भी अनदेखा कर दिया जाए | इस से पहले महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की हत्या को भी गलतफहमी में हुई वारदात मानने को मन नहीं करता , जैसा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कह रहे है | अब कुछ इस तरह के खुलासे भी हो रहे हैं कि साधुओं को किसी ने जानबूझकर पालघर के रास्ते से जाने का सुझाव दिया था , रास्ते में वह कौन था , जिस ने साधुओं को यह सुझाव दिया था , क्या वह साजिश का अंग था , जब उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख पहले ही फैसला कर चुके हैं कि यह गलतफहमी में हुई घटना है तो साफ़ सुथरी जांच की उम्मींद कैसे की जा सकती है | जांच किसी बाहरी एजेंसी से हो तो कोई राज खुलेगा |
कोरोना वायरस की महामारी शुरू होने से पहले भारत में जो कुछ चल रहा था , उसे भी ध्यान में रखना पड़ेगा | पूरे भारत को शाहीन बाग़ बनाने की धमकियां दी जा रही थीं , और गांधी अम्बेडकर के चित्र लगा कर देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही थी | भारत के साथ समस्या यह है कि भारत के दुश्मन सिर्फ सरहद पर ही नहीं है , भारत के भीतर भी लम्बे समय से सक्रिय हैं , जो लोग वाजपेयी मनमोहन शासन काल में पाकिस्तानी आतंकवादियों के स्लीपिंग सेल के तौर पर काम कर रहे थे , उन्हें अब पाकिस्तान से नई भूमिका मिल चुकी है |
पाकिस्तान के निर्वासित नेता आरिफ आज्किया ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान ने भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए बड़ी योजना पर काम शुरू किया है | उन्होंने संडे गार्जियन की 10 मार्च की रिपोर्ट का हवाला तो दिया ही है , इस के अलावा पाकिस्तान की एक सीनेट रिपोर्ट का भी जिक्र किया है जिस में कहा गया है कि पाकिस्तान की सरकार भारत में मोदी और हिंदू विरोधी राजनीतिक ग्रुपों , पत्रकारों , सिविल सोसायटी के लोगों का समर्थन करेंगी | आरिफ आज्किया कहते हैं कि इस रिपोर्ट के बाद भारत में इन सभी वर्गों की गतिविधियों , बयानों और धरातल पर किए गए आंदोलनों की समीक्षा करेंगे तो पाएंगे कि वही हो रहा है |
क्या यह संयोग था कि पाकिस्तान के नेताओं के बयान और भारत के तथाकथित बुद्धिजीवियों के बयान हूँ-ब-हूँ एक जैसे आ रहे थे और अभी भी आ रहे हैं | पहले हम भारत में शहरी नक्सलियों को ही बड़ा खतरा मानते रहे हैं , लेकिन नागरिकता संशोधन क़ानून आने के बाद दिल्ली और इस के आस पास हुई हिंसा , उस के बाद शरजिल इम्माम जैसे कुछ लोगों के हिंसा भडकाने वाले सार्वजनिक बयानों ने शहरी जेहादियों का खतरा भी महसूस करवा दिया है | शहरी जेहादियों का निर्माण पिछले छह साल से जेएनयू में हो रहा था | नक्सली और कम्युनिस्ट पैदा करने की फेक्ट्री बन चुका जेएनयू अब शहरी नक्सली और शहरी जेहादी भी पैदा कर रहा है |
पिछले छह साल में जेहादियों और कम्यूनिस्टों का गठजोड़ ज्यादा मजबूत हुआ है | इन दोनों तरह की शक्तियों का मकसद भारत को कमजोर करना है , इस से इन दोनों के लक्ष्य पूरे होते हैं | जेहादियों और कम्यूनिस्टों का लक्ष्य केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों को अस्थिर कर के किसी तरह भाजपा को सत्ता से बाहर करना है , यही पाकिस्तान का एजेंडा है | यह कितना आश्चर्यजनक है कि जिस देश में कम्यूनिस्ट राज है वहां मुसलमानों को आज़ादी नहीं , जिस देश में इस्लामिक राज है , वहां कम्यूनिस्टों को पार्टी चलाने की आज़ादी नहीं , लेकिन भारत में दोनों एकजुट हैं , क्योंकि दोनों का मकसद भारत को कमजोर करना है | कोई आश्चर्य नहीं होगा कि तीनों फेक्टरियों से गैस रिसने और पालघर में साधुओं की हत्या में जेहादी-कम्युनिस्ट गठजोड़ का हाथ हो |
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