सोनिया गांधी की अपील का मतलब

Publsihed: 14.Apr.2020, 21:58

अजय सेतिया / जैसी उम्मींद थी उसी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाक आउट को बढा दिया | उम्मींद तो 30 अप्रेल तक की थी , लेकिन मोदी ने 3 मई तक बढा दिया | शायद इस का कारण यह है कि पहली मई को मजदूर दिवस की छुट्टी होती है , दो मई को शनिवार है और 3 मई को रविवार , इस लिए मोदी ने तीन दिन और जोड़ दिए | इस से कुछ लोगों को झटका लगा , जिन्होंने पहली मई से कुछ योजनाएं बना ली थीं |

अपने घरों से दूर बैठे मजदूर उम्मींद लगा कर बैठे थे कि शायद सरकार एक- दो दिनों की राहत देगी , जिस से वे अपने घर जा सकेंगे | हालांकि 14 अप्रेल की रात 12 बजे से लाक आउट खत्म होना था , लेकिन ऐसी उम्मींद तो कतई नहीं थी कि जब प्रधानमंत्री 14 अप्रेल को सुबह दस बजे राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे , तो उसी समय ट्रेने चलनी शुरू हो जाएँगी | इस लिए इस के पीछे तो कोई बड़ी साजिश लगती है कि सैंकड़ों की तादाद में मजदूर मुबंई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए | भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा |

रेलवे मंत्रालय की सब्सिडरी आईआरसीटीसी ने ट्रेनों की टिकटें बुक करनी शुरू कर के लोगों में उम्मींदे बढा दीं थी कि  15 अप्रेल से ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएँगी | आईआरटीसीटी का यह कहना कि उसे रेल मंत्रालय ने टिकटें बुक करने के लिए मना नहीं किया है , बहुत ही हास्यस्पद है , क्योंकि मंत्रालय ने तो उसे यह भी नहीं कहा था कि 15 अप्रेल से बुकिंग शुरू कर दो |

प्रधानमंत्री ने 3 मई तक लाक डाउन बढाया , लेकिन यह मान कर नहीं चलना चाहिए कि 4 मई से लाक डाउन खुल जाएगा | प्रधानमंत्री ने 20 अप्रेल को नए सिरे से आकलन करने की बात कही है , लेकिन वह आकलन लाक आउट बढाने या नहीं बढाने का नहीं होगा | वह आकलन बंदोबस्त का होगा कि तब तक के बंदोबस्त से भारत कोरोना वायरस का प्रभाव रोकने में कितना कामयाब हुआ और आगे क्या क्या करने की जरूरत है |

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के सीमित साधनों में ही बेहतरीन बंदोबस्त होने की तारीफ़ हो रही है | बाकी देशों से मुकाबला करें , तो भारत में अपेक्षाकृत मौतें कम हुई हैं | इस लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी अब लगने लगा है कि कोरोना वायरस के मुद्दे पर खामियों की आलोचना से आम जनता खुश नहीं है , इस लिए प्रधानमंत्री के संबोधन से तीन घंटे पहले सोनिया गांधी ने यूट्यूब मेसेज के जरिए खुद राष्ट्र को सम्बोधित किया , जिस में राष्ट्र से सरकार का सहयोग करने की अपील की गई है |

यह बात इस लिए महत्वपूर्ण है कि नरेंद्र मोदी जिस सोशल डिस्टेंस की अपील कर रहे हैं , मुस्लिम समाज उस का विरोध कर रहा है , कांग्रेस ने तबलीगी जमात के खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया था | इंदौर , बरेली , बिजनौर , हल्द्वानी और जम्मू कश्मीर में मुसलमानों ने जांच करने आए डाक्टरों , नर्सों और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से मारपीट की तो उस का भी विरोध नहीं किया गया | शायद सोनिया गांधी की ताज़ा अपील का मुसलमानों पर असर हो और वे सोशल डिस्टेंस में सरकार को अब सहयोग दें | सोनिया गांधी 2 अप्रेल की कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में ही यह स्टेंड लेती तो कांग्रेस का सकारात्मक कदम माना जाता |

कांग्रेस ने 22 मार्च को ताली बजाने और 5 अप्रेल को दिया जलाने की खिल्ली उडाई थी , जबकि 14 अप्रेल को अपनी उसी गलती को सुधारने के लिए वीडियों में नर्सों , डाक्टरों और पुलिस वालों की तारीफ़ की , जिन के लिए मोदी ने ताली, थाली और दीप जलवाए थे | कांग्रेस कितनी कन्फ्यूज है , इस का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि सोनिया के गलती सुधार वीडियों के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी की सप्तपदी पर सात सवाल दाग दिए | आनंद शर्मा और पी.चिदम्बरम आर्थिक मुद्दों पर मोदी के खिलाफ अलग मोर्चा खोले हुए हैं |  

 

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