अजय सेतिया / भारत पर कोरोना वायरस का कहर टूटना अब शुरू हुआ है | आप अंदाज लगा सकते हैं कि 15 दिन के लाक डाउन के बावजूद हम संक्रमण को नही रोक पाए | हालांकि कोरोना वायरस पोजिटिव को भी सिर्फ 14 दिन एकांतवास में रहने के लिए कहा जाता है | पन्द्रह दिन के सामूहिक एकांतवास के बावजूद मरीजों की संख्या में बढौतरी जारी है | रोज हो रही स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की साझा प्रेस कांफ्रेंस की सब से डरावनी खबर बुधवार को आई जब स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि एक दिन में 773 नए मामले सामने आए हैं | पिछले 24 घंटों में 32 मौतों की खबर भी चौंकाने वाली थी | अब डर लगने लगा है कि कोरोना वायरस फैलने का तीसरा दौर शुरु हो गया तो क्या हालत होगी , अभी तो हम दूसरे दौर में ही हैं |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से समय पर उठाए कदमों की दुनिया भर में तारीफ़ हो रही थी , इस लिए विपक्षी दल चुप्पी साधे हुए थे | जब भारत में कोरोना वायरस फैलने का ठीकरा तबलीगी जमात पर फोड़ा जा रहा है और सरकारी प्रवक्ता भी हर रोज अपनी प्रेस कांफ्रेंस में बता रहा है कि कोरोना वायरस से पीड़ित कुल लोगों में से तबलीगी मरकज में शामिल हुए लोग कितने हैं, तब भी वे तबलीगी जमात का बचाव करने सामने नही आए | राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने तबलीगी जमात के आंकड़े रखना और केंद्र सरकार को देना बंद कर के अपना विरोध जरुर जता दिया , लेकिन इस का कोई अच्छा संदेश नहीं गया , अलबत्ता कांग्रेस ने खुद को तबलीगी जमात के साथ जोड़ लिया , जो भारत में इस समय नफरत की पात्र बनी हुई है |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक शब्द से मोदी विरोधियों को बोलने का मौक़ा मिल गया | उन्होंने कहा था कि भारत उन्हें हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन नहीं देगा तो अमेरिका रिटेलिएट करेगा | अब अंगरेजी के शब्द रिटेलिएट की अपने अपने तरीके से व्याख्या की जा रही है | रिटेलिएट का डिक्शनरी अनुवाद प्रतिकार है | भावार्थ यह था कि अगर संकट की इस घड़ी में भारत हमारे साथ ऐसा करेगा तो हम से भी अच्छे की उम्मींद न रखे | यह स्वाभाविक है कि जब संकट की इस घड़ी में भारत अमेरिका की मदद नहीं करेगा , तो अमेरिका भी किसी मुद्दे पर हमारे साथ क्यों खड़ा होगा | पर मोदी विरोधियों को अच्छा मौक़ा मिल गया और उन्होंने इसे धमकी बता कर हल्ला बोल दिया | भारत ने क्योंकि अगले ही दिन हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया तो सोशल मीडिया में मोदी की 56 ईंच की छाती को 5.6 ईंच (साढ़े पांच ईंच) की छाती बताया जा रहा है |
सच यह है कि मोदी सरकार ने 4 अप्रेल को ही कुछ दवाईयों के निर्यात पर अस्थाई प्रतिबंध लगाया था | दूसरी तरफ सच यह भी है कि दुनिया को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन की 70 प्रतिशत सप्लाई भारत करता है | इस लिए सिर्फ ट्रम्प नहीं , बल्कि 30 अन्य देश भी हम से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन की सप्लाई मांग रहे हैं | दवा बनाने का कच्चा माल चीन और ब्राजील से आता है , जिस की सप्लाई और बढा दी गई है | भारत अगले 30 दिन में 40 टन यानी 200 एमजी की 20 करोड़ गोलियां बना सकता है और सारी दुनिया को सप्लाई कर सकता है | भारत ने सिर्फ उपलब्धता का आकलन करने के लिए अस्थाई रोक लगाई थी , लेकिन दो दिन की रोक से अमेरिका में खलबली मच गई |
ट्रम्प की धमकी से मोदी पर कटाक्ष करने से पहले कुछ बडबोले कांग्रेसी नेता सिर्फ व्यवस्था को ले कर कभी कभी सवाल उठा रहे थे | एक सवाल तो यही उठ रहा था कि मोदी जब फ़िल्मी हस्तियों से बात कर रहे हैं , खिलाड़ियों से बात कर रहे हैं , मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं तो राजनीतिक दलों से बात क्यों नहीं कर रहे , तो बुधवार को मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं से भी बात कर के उन की यह शिकायत भी दूर कर दी | जिस का भारत इन्तजार कर रहा था , वह राज भी मोटे तौर पर मोदी की विपक्षी दलों के नेताओं से हुई बातचीत में खुल गया है कि 15 अप्रेल को लाक डाउन नहीं खुलेगा , बल्कि कुछ अदारों को अस्थाई छूट दे कर लाक डाउन को और मजबूत किया जाएगा | केंद्र को काफी मुख्यमंत्रियों का समर्थन मिल चुका है | राहुल गांधी की यह मांग स्वाभाविक तौर पर उचित है कि किसानों फसल कतई की छूट मिलनी चाहिए |
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