अजय सेतिया / अभी कहा नहीं जा सकता कि कोरोना वायरस का प्रकोप कब तक जारी रहेगा | जब यह प्रकोप खत्म होगा तो दुनिया न जाने किस हाल में होगी | इस प्रकोप का दुनिया की आर्थिक स्थिति पर कितना असर पड़ेगा | दुनिया के अर्थशास्त्री इस तरह की भविश्यवाणी कर रहे हैं कि दुनिया की अर्थ व्यवस्था 30 साल पीछे चली जाएगी , यानी जहां 1991 में खडी थी , कुछ महीनों के लिए वहीं जा कर खडी हो जाएगी | लेकिन उस के बाद दो साल में अर्थव्यवस्था सुधर भी सकती है |
कोरोनावायरस का प्रकोप पिछले साल के आखिर में चीन से शुरू हुआ था , जिस का असर अब दुनिया के लगभग हर देश में देखा जा रहा है | दुनिया भर में हवाई सेवाएं बंद होने के करीब हैं | की देशों ने अपनी जनता को इस प्रकोप से बचाने के लिए कुछ बहुत ही सख्त कदम उठाए , कई देशों ने वीजा रद्द किए और अनेक देशों ने अपनी सीमाएं सील कर दीं | कुल मिला कर कोशिश इस बात की हो रही थी कि महामारी का असर कम से कम हो , इस लिए लोगों को घरों में बंद रहने की हिदायतें दी गई |
इन्हीं एहतियातों के कारण बाज़ारों की रौनक गायब हो रही है , लोग कम से कम एक एक महीने का राशन ले कर अपने घरों में बंद हो रहे हैं | किराना की दुकानों पर भीड़ बढ़ रही है , क्योंकि दहशत बढती जा रही है कि पता नहीं क्या होगा , अगर दुकानें बंद हो गई तो खाने पीने का सामान कहाँ से आएगा | इस के साथ ही कुछ अर्थ शास्त्रियों ने दुनिया भर में भारी मंदी की भविष्यवानिया करनी शुरू कर दी हैं | रोजगार का संकट खड़ा होने की खबरें भी आने लगी है | आशंका यह है कि अगर आने वाले तीन चार महीनों में कोरोना वायरस का तुरत इलाज न मिला तो अगस्त आते आते दुनिया के कई देशों में महामारी से क़ानून व्यवस्था का संकट भी खड़ा हो सकता है |
दुनिया भर में हो रही इन घटनाओं की जानकारियाँ सोशल मीडिया से तीन महीनों से मिल रही थी , कोरोनावायरस के बारे में जन जागृति फैलाने में सोशल मीडिया कहीं आगे रहा है | यह खबर भी जनता में पहले से थी कि सब से बढिया बचाव घर में बंद हो जाना , दूरी बनाए रखना और किसी से हाथ न मिलाना है | ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हाथ जोड़ कर अभिवादन वाले वीडियो से भारतीय अभिभूत हो चुके थे | उन्हें जहां एक तरफ महामारी की खबर मिल रही थी , तो वहीं दुनिया को नमस्कार मुद्रा में देख कर हिन्दू संस्कृति पर गर्व की अनुभूति होने लगी थी |
अपने बचाव ले लिए एहतिहात के तौर पर दूरी बनाए रखने और हाथ न मिलाने की खबर आते ही भारत में बशीर बद्र का शेयर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था , जिस में कहा गया था –“ यूं ही बे-सबब न फिरा करो , कोई शाम घर में भी रहा करो, वो गजल की सच्ची किताब है, उसे चुपके चुपके पढ़ा करो , कोई हाथ भी न मिलाएगा , जो गले मिलोगे तपाक से , यह नए मिजाज का शहर है , जरा फासले से मिला करो |”
भारत में कोरोना वायरस का असर मार्च में ही दिखना शुरू हुआ , जब राजस्थान में यात्रा कर रहे इटली के 17 यात्रियों में कोरोनावायरस पाया गया | इस के बाद हम ने देखा कि कुछ दिन तक लगातार सिर्फ उन्हीं लोगों में कोरोनावायरस के लक्ष्ण पाए गए थे , जो विदेश से लोटे थे | फिर उन के सम्पर्क में आने वालों में कोरोनावायरस के लक्ष्ण पाए गए | पन्द्रह मार्च तक देश में कोतुहल तो था , लेकिन कोई अफरातफरी नहीं थी | लेकिन राज्य सरकारों की ओर से कई ठोस एहतियाती कदम उठाए जाने के बाद से 19 मार्च से अफरा तफरी फ़ैलनी शुरू हो चुकी है |
राजस्थान में तो पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई , पंजाब में शुक्रवार रात से पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद की जा रही है , क्योंकि पंजाब में बहुत सारे लोग विदेशों से लोटे हैं , जिन में वायरस पाया गया है | देश भर में प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों को बंद कर दिया गया है , यहाँ तक कि नवरात्रों में भी वैष्णों देवी मंदिर बंद रहेगा | महाराष्ट्र में सब से ज्यादा वायरस ग्रस्त पाए गए हैं इस लिए मुम्बई में दुकानों पर औड-ईवन लागू किया गया है , वह जल्द ही दिल्ली में भी लागू किया जा सकता है | लोगों को घरों में बंद होने की हिदायतें दी जाने लगीं हैं |
भारत को पहले जागने का जरुर फायदा होगा | देश का सौभाग्य है कि इस समय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन खुद डाक्टर हैं , और डाक्टरों को किसी भी बीमारी के लक्षणों और उस के असर के बारे में ज्यादा पता होता है | डा. हर्ष वर्धन ने सारे देश के नागरिकों की उसी तरह फ़िक्र की जैसे कोई जिम्मेदार डाक्टर अपने मरीज की करता है | अपनी रूटीन प्रेस कांफ्रेंसों में वह छोटी छोटी बातें समझा रहे थे , यहाँ तक कि उन्होंने अपने ट्विटर हेंडल से कुछ पर्सनल वीडियों बना कर भी जारी किए |
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