मोदी के खिलाफ नफरत का दूसरा दौर 

Publsihed: 06.Feb.2020, 16:45

अजय सेतिया / कांग्रेस के पूर्व और भावी अध्यक्ष राहुल गांधी का वह भाषण जिस ने भी सूना उस ने माथा पीट लिया होगा | अपने इस भाषण में वह गली मोहल्ले के नेता की तरह कह रहे थे –“ छह महीनों के अंदर देखना देश के नौजवान मोदी को डंडे मारेंगे |”  बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में सामने बैठे राहुल गांधी की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि एक नेता ने भविष्यवाणी की है कि लोग छह महीने में उन्हें डंडे मारेंगे , लेकिन क्योंकि उन्होंने छह महीने की मोहलत दे दी है इस लिए वह अब ज्यादा सूर्य नमस्‍कार कर के अपनी पीठ को मजबूत बना लेंगे कि हर डंडा झेलने की क्षमता आ सके |

यह वीडियो सब ने सुना था इस लिए भाजपाई सांसदों ने शेम शेम के नारे लगाए | कांग्रेसी बैंचों पर मुर्दनी छाई थी क्योंकि वे भी अपने नेता की ऐसी अपरिपक्वता पर शर्मिंदा होंगें | मोदी को जवाब देने के लिए राहुल गांधी उठे , लेकिन उन की आवाज शोर शराबे में दब गई , मोदी ने यह कह कर उन पर एक और फब्ती कस दी कि वह पिछले 40 मिनट से बोल रहे थे लेकिन वहां करंट अभी पहुंचा है, बहुत सी ट्यूबलाइट्स ऐसी ही होती हैं | मोदी ने भले ही राहुल गांधी के डंडे मारने वाले भाषण की खिल्ली उडाई है , लेकिन राहुल गांधी के भाषण के इस वाक्य से देश को चिंतित होना चाहिए क्योंकि मोदी के खिलाफ नफरत फैलाने का दूसरा दौर शुरू हो चुका है |

शाहीन बाग़ में जिस तरह संविधान , राष्ट्रीय ध्वज और गांधी–अम्बेडकर को सामने रख कर मरने मारने की बातें हो रही हैं , उस के वीडियो सामने आ रहे हैं | यह काम मेन लाईन मीडिया नहीं कर रहा या नहीं कर पा रहा तो यूट्यूबर लुका छिपे कर रहे हैं | एक ताजा वीडियो सामने आया है , जिस में बुर्के वाली ही एक महिला सम्बोधित कर रही है | वह कहती है –“बता देना , हम मुसलमानों ने अपने बच्चों को लौरी नहीं सुनाई, ट्विंकल ट्विंकल नहीं पढाया , हम ने अपने बच्चों को बचपन में कर्बला का वाकया सुनाया है , कर्बला के मैदान में सिर्फ मर्दों ने नहीं बल्कि औरतों ने भी कुर्बानी दी है , हमें डराओं मत , हमारी शुरुआत सर कटाने से होती है , सुन लो मुसलमानों तुम्हें अपने बच्चों को हुसैन बना कर पेश करना पड़ेगा |”

वह आगे कहती हैं-“ तुम अगर नागरिकता सब को दे रहे तो हिन्दुस्तान के मुसलमान को भी नागरिकता दो , और तुम क्या दोगे , हम मुहताज नहीं हैं , हम को साबित करने की जरूरत नहीं है , आज इंडिया सरकार हमारी अब्बाजात की बनाई हुई इमारतों से करोड़ों कमा रही है , ताज महल देख लो, तुम जा कर क़ुतुब मीनार देख लो , किसी और ने नहीं बनाया |” इस वीडियो से भारत की आँखें खुल जानी चाहिए कि मुसलमान आबादी के आधार पर एक तिहाई हिस्सा लेने के बावजूद भारत को अपनी बपौती समझता है और वह अपने बच्चों को यही पढाता है कि भारत मुसलमानों का देश है | कुछ दिन पहले कुछ बच्चों के वीडियो भी सामने आए थे ,जिन में वे कह रहे थे कि हिन्दू हमें देश से भगाना चाहते हैं | यह नफरत मोदी के छह साल के शासन की ऊपज नहीं है | यह नफरत एक दिन में या 15-20 दिन में पैदा नहीं हुई है , इस के पीछे सालों की तैयारी है |

क्या विपक्षी दल इस नफरत को भारत के धार्मिक आधार पर एक और विभाजन की तैयारी के रूप में नहीं देखते | वे नागरिकता क़ानून की गलत व्याख्या क्यों कर रहे हैं , इस बुर्के वाली महिला ने अपने भाषण में नागरिकता क़ानून के सवाल पर कितनी गुमराहपूर्ण बातें कही हैं | मुस्लिम बच्चे कितनी गुमराहपूर्ण बातें कह रहे हैं | विपक्ष ने क़ानून में हिन्दू, सिख , जैन, बोद्ध, पारसी,ईसाई शब्दों का मुसलमानों को मोदी के खिलाफ भडकाने के लिए कितना बेहूदा इस्तेमाल किया है , यह इन नफरत भरे भाषणों से जाहिर है |

मोदी ने लोकसभा में गांधी और नेहरु का हवाला देकर क़ानून में हिन्दुओं , सिखों आदि का जिक्र किए जाने पर सफाई दी | दोनों ने बार बार पाकिस्तान के हिन्दुओं और सिखों को नागरिकता देने का जिक्र किया था | उन्होंने नेहरु की असम के मुख्यमंत्री गोपीनाथ को लिखी चिठ्ठी और 5 नवम्बर 1950 को लोकसभा में दिए उस भाषण का भी जिक्र किया जिन में पाकिस्तान के हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचारों का हवाला दे कर उन्हें नागरिकता देने के लिए क़ानून में संशोधन की बात कही थी | दोनों दस्तावेजों में नेहरु ने अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमान नहीं किया था | उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि वे अब भारत के मुसलमानों को क्यों भडका रहे है , जबकि इस क़ानून का भारत के मौजूदा नागरिकों को नागरिकता देने या लेने का कोई सवाल ही नहीं है | 

 

आपकी प्रतिक्रिया