भाजपा की कोशिश है कि अगर इतनी सीटें बरकरार न रहें , तो नुक्सान कम से कम हो | इस लिए पंजाब में फ़िल्मी हीरो सन्नी दयोल , दिल्ली में गायक हंस राज हंस और क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गम्भीर को उतारा गया है | ताकि उतर भारत में उन आकर्षक हस्तियों का असर हो |
इंडिया गेट से अजय सेतिया
लोकसभा की 543 सीटों में से 303 सीटों पर मतदान हो चुका है , अब सिर्फ 240 सीटों का चुनाव बाकी रह गया है | पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जो 44 सीटें मिलीं थीं, उनमें से 35 सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो चुका है | भाजपा जो 283 सीटें जीतीं थीं , उन में से अभी सिर्फ 121 सीटों पर चुनाव हुआ है , 162 सीटों पर चुनाव बाकी है | भाजपा ने उतर भारत की इन 162 सीटों को बरकरार रखने के लिए सारा जोर लगा दिया है | भाजपा की कोशिश है कि अगर इतनी सीटें बरकरार न रहें , तो नुक्सान कम से कम हो | इस लिए पंजाब में फ़िल्मी हीरो सन्नी दयोल , दिल्ली में गायक हंस राज हंस और क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गम्भीर को उतारा गया है | ताकि उतर भारत में उन आकर्षक हस्तियों का असर हो |
कांग्रेस की जिन 35 सीटों पर चुनाव हो चुका है , वे मौटे तौर पर दक्षिण भारत की हैं , जिनमें सर्वाधिक 9 सीटें कर्नाटक ,8 सीटें केरल ,8 पूर्वोतर, 4 बंगाल की थीं | जनता दल सेक्यूलर से गठबंधन के कारण कांग्रेस कर्नाटक में भी अपनी सीटें बढ़ाएगी | लेकिन जमीनी खबर यह भी आ रही है कि कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर के कार्यकर्ताओं में मनमुटाव का नुक्सान कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा और भाजपा अपनी यथास्थिति 17 सीटें बनाए रखने में कामयाब रहेगी | तमिलनाडू में द्रमुक के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस तीन-चार सीटों की उम्मींद पाले हुए है, पिछली बार उस का खाता भी नहीं खुला था |
केरल में सबरीमाला घटनाक्रम के कारण भाजपा तिरुअनंतपुरम , पत्रमतिटा , जिस के अंतर्गत सबरीमाला मंदिर आता है, और पालाकाट सीटों पर उम्मींद लगाए हुए है , उसे सीट भले ही एक भी न मिले, या तिरुअनंतपुरम मिल जाए , लेकिन उस का वोट बैंक 10 प्रतिशत से बढकर 15-16 प्रतिशत तक हो सकता है | महत्वपूर्ण यह है कि भाजपा के वोटों की बढ़ोतरी कांग्रेस गठबंधन की कीमत पर नहीं होगी | केरल में कांग्रेस के यूडीएफ़ गठबंधन को मुस्लिम-ईसाई गठबंधन के तौर पर जाना जाता है , हिन्दू वोट बैंक लेफ्ट गठबंधन के साथ रहा है | इस लिए जो नुक्सान होगा वह माकपा-भाकपा का होगा , हिन्दू वोट बटने का लाभ कांग्रेस को होगा और उस की सीटों में बढ़ोतरी होगी | महाराष्ट्र में जहां कांग्रेस पिछली बार सिर्फ 2 सीटों पर सिमट गई थी , कांग्रेस वहां सीटें बढने की उम्मींद कर सकती है | छतीसगढ़ एक अन्य ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस 2014 की एक सीट के मुकाबले 6-7 सीटों की उम्मींद लगाए हुए है |
भाजपा को जहां महाराष्ट्र, कर्नाटक और छतीसगढ़ में थोड़ा बहुत नुक्सान हो सकता है , वहां पूर्वोतर , उड़ीसा और बंगाल से उस की पूर्ति हो जाएगी , अलबता नुक्सान से ज्यादा सीटें बढेंगी | लेकिन भाजपा का सब से बड़ा नुक्सान उत्तरप्रदेश की अब तक सम्पन्न हुई 26 सीटों पर होता दिख रहा है , इन 26 में से 23 भाजपा के पास थी | सपा-बसपा गठबंधन के कारण दलित,यादव और मुस्लिम एकजुट हुए हैं | हालांकि भाजपा ने गैर जाटव दलितों और गैर यादव पिछड़ा वर्ग को केन्द्रित किया है ,लेकिन भाजपा को आधी सीटों का नुक्सान सम्भावित है | अब तक सम्पन्न चुनाव में जमा घटाओ के बाद यूपी को छोड़ कर भाजपा को ज्यादा नुक्सान नहीं हुआ है |
अब बाकी बचे चार दौर के चुनाव में भाजपा को अपनी पुरानी 162 सीटों को बचाने का दबाव है , जब कि कांग्रेस का भविष्य इन्हीं 240 सीटों पर निर्भर है | मध्यप्रदेश ,राजस्थान और उत्तरप्रदेश ( बाकी बची 54 सीटें ) ,हिमाचल , हरियाणा , पंजाब अन्य की बाकी बची 135 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 8 सीटें जीतीं थी | जबकि बाकी यूपी की 51, मध्यप्रदेश 27 , राजस्थान की सभी 25 , हरियाणा की 7 , हिमाचल की चारों और पंजाब की दो सीटें भाजपा के पास थीं | हिमाचल और हरियाणा में किसी बदलाव की कोई उम्मींद नहीं है, हुआ भी , तो हरियाणा में भाजपा की सीटें बढ़ेंगी | यूपी में सपा-बसपा गठबंधन को भले ही फायदा होगा , लेकिन कांग्रेस की सीटें बढीं भी तो एक-आध | कांग्रेस मध्यप्रदेश , राजस्थान और झारखंड से ही कोई उम्मींद रख सकती है | जो 15 से 20 सीटों तक हो सकता है |
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