हिन्दू राष्ट्र का मतलब सम्प्रदाय से नहीं है

Publsihed: 19.Sep.2018, 15:06

अजय सेतिया / राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के पहले दिन के भाषण पर अपन ने लिखा था-“ उन के पहले दिन के भाषण का अंतिम वाक्य हिन्दू और हिन्दू राष्ट्र था | यही आरएसएस विरोधियों का संघ के खिलाफ सब से बड़ा हथियार है कि संघ सेक्युलर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है | वह भारत के संविधान को नहीं मानता , अब संघ चालक उसी पर अपनी सफाई देंगे |” दूसरे दिन के अपने भाषण में मोहन भागवत ने इन्हीं दो बातों को स्पष्ट किया | उन्होंने कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र इस लिए है क्योंकि हमारी नजर में यह देश एक भूभाग नहीं , एक संस्कृति है | जिस के अंग यहाँ पर रहने वाले सभी हैं | आप इसे भारतीय कहें , हमें कोई एतराज नहीं | उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघ भारत के संविधान को मानता है | यह संविधान सर्वानुमति से बना है | भारतीय संस्कृति में यहाँ रहने वाले हम सब भारत मां की संताने हैं |

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा-“ सर सैयद अहमद खान पहले मुस्लिम बैरिस्टर थे | जब उन्हें बैरिस्टर की डिग्री मिली तो आर्य समाज ने उन्हें सम्मानित किया | खान ने अपने भाषण में कहा- “ मुझे बड़ा दुःख हुआ कि आप ने हम को अपने में नहीं शुमार किया | क्या हम भारत माता के पुत्र नहीं है | अरे , इतिहास में बदल गई हमारी पूजा की पद्दति और क्या बदला है | हमारी संस्कृति तो वही है |” उन्होंने यह नहीं कहा कि आज कुछ मुसलमान सर सैयद खान की तरह खुद को भारत माता के बेटे नहीं मानते | वे हमलावर आतताईयों को अपने पूर्वज मानने लगे हैं | पिछले दिनों खंडवा में ईद के मौके पर लगाए गए होर्डिंग में जिस तरह हिन्दुओं को चुनौती दी गई ,वह उन की बदली मानसिकता का सबूत था | सबूत यह भी है कि बंदेमातरम के बाद अब भारत माता की जय पर भी एतराज हो रहा है | मोहन भागवत ने कहा कि 1881 तक भारतीय मुसलमानों की धारणा और विचार सर सैयद अहमद खान जैसे थे | यहाँ रहने वाला हर कोई खुद को भारत माता की संतान कहता था | उसी विचार को वापस लाना होगा |     

हिन्दू राष्ट्र की अपनी अवधारणा स्पष्ट करते हुए मोहन भागवत ने कहा-“ हम कहते हैं कि हमारा हिंदू राष्‍ट्र है | हिंदू राष्‍ट्र है इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें मुसलमान नहीं चाहिए, ऐसा बिल्‍कुल नहीं होता | जिस दिन ये कहा जाएगा कि यहां मुस्लिम नहीं चाहिए, उस दिन वो हिंदुत्‍व नहीं रहेगा | हिंदुत्व का मतलब ही है सब का संरक्षण |  उन्‍होंने कहा, हिंदुत्व संघ का विचार है,  लेकिन इसे संघ ने नही खोजा, देश में चलता आया विचार है |“ मोहन भागवत ने कुछ और भी स्पष्ट किया | जब  उन्होंने कहा कि हिन्दू का मतलब धर्म या सम्प्रदाय से नहीं है | हिन्दू समाज के कारण ही भ्रम बना रहा है | हिंदुत्व विविधता को स्वीकार करता है | नौवीं सदी में हिन्दू शब्द ग्रन्थों में आया , इस से पहले हिन्दू शब्द नहीं था | हिन्दू आया तो लोकभाषा में हिन्दुस्तान आया | गुरुनानक देव ने इस भूमि को हिन्दुस्तान कहा | मक्का जाने वाले मुसलमानों का रजिस्ट्रेशन भी वहां हिन्दवी मुसलमान के तौर पर होता है | इन्डक का मतलब भी यही है | हमारा शब्द को लेकर विरोध नहीं है , आप भारतीय कहिए |

मोहन भागवत ने कहा कि भ्रम धर्म को लेकर है , भारत से बाहर धर्म शब्द का इस्तेमाल नहीं होता | भारत से बाहर जिसे रिलिजन कहते हैं , वह कर्मकांड है | जिसे हम सरल भाषा में सम्प्रदाय कह सकते हैं | हिन्दू धर्म शास्त्र नहीं है, मानव धर्म शास्त्र है , जो सारे विश्व के लिए है | हिंदुत्व प्रांत, प्रदेश, पूजा पद्दति को लेकर नहीं चलता | हिंदुत्व मानता है कि सब के कल्याण में अपना कल्याण | भारत के सभी सम्प्रदाओं का मूल हिंदुत्व है | सब को साथ लेकर चलना ही हिंदुत्व है | हम जहां जहां गए हम ने लूटपाट नहीं की , अन्य देशों के लोग जहां जहां जाते हैं लूटपाट करते हैं | मोहन भागवत ने भारत पर कब्जा करने वाले हमलावर लूटरों का इस तरह जिक्र मात्र किया | जिस का उल्लेख प्रणव मुखर्जी ने भी संघ के कार्यक्रम में दिए भाषण में किया था | मोहन भागवत ने भी सिर्फ जिक्र कर के छोड़ दिया | उन्होंने हिन्द निवासियों को जबरी मुसलमान बनाए जाने का जिक्र तक नहीं किया | हाँ यह जरुर कहा कि पूजा पद्दति बदल जाने से संस्कृति नहीं बदलती | हम ने सब को गले लगाया, हमारी नजर में बंधुभाव ही धर्म है |

हमारे पूर्वज समान हैं , सब लोग अपने हैं.  सम्पूर्ण समाज का संगठन ही हिन्दू संगठन है | आज हम जो हिन्दू शब्द का अर्थ लेते हैं , वह सही नहीं है , हम ने अज्ञान से कर्मकांड को हिन्दू मान लिया | देश काल परिस्थिति के अनुसार मानव धर्म का आचरण आए , किसी को बुरा या पराया नहीं कहें , संघ उस विचार पर हिन्दू को मानता है | इस तरह हिन्दू और हिंदुत्व की मोहन भागवत ने वही व्याख्या की , जिसे सुप्रीमकोर्ट पहले ही कर चुका है | हिन्दू धर्म नहीं , यहाँ की संस्कृति है , देश है |   

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