अजय सेतिया / इमरान खान का पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना अब तय है | इमरान को पाकिस्तान की सेना का समर्थन था | सो भारत में आशंका जाहिर की जा रही है कि पाकिस्तान में फ़ौजी शाषण जैसी सरकार होगी | जैसे ही चुनाव नतीजे आ रहे थे , आशंकाएं बढ़ रही थीं | भारत के लिए खतरे की घंटी बताया जा रहा है | पाकिस्तान में फ़ौज के इशारों पर नाचने वाली सरकार ठीक उस दिन आई है | जिस दिन कारगिल युद्ध की साल गिरह थी | कारगिल की साजिश रचने वाले परवेज मुशर्रफ ने सब से पहले नतीजों का स्वागत किया | इमरान खान भले ही मोदी की ईमानदारी की तारीफ़ करते रहे हैं | पर मोदी की कश्मीर नीति के घोर आलोचक भी रहे हैं | पर वे सब बातें शायद अब उतने मायने नहीं रखतीं | मायने रखती है पाक फ़ौज की रणनीति , जिसे अब इमरान को अपनाना होगा | क्या चुनाव नतीजों से पाक फ़ौज इतनी उत्साहित हो जाएगी | क्या फिर एक कारगिल जैसी साजिश होगी | भारतीय सेना ने किसी भी हालात का सामने करने की तैयारी का बयान दिया है | पहली बार सांसद बन कर मंत्री बने राज्यवर्धन सिंह राठौर का बयान तो युद्ध की तैयारी वाला लगा | तो क्या लोकसभा चुनाव होने से पहले ही युद्ध के हालात बन जाएंगे |
इमरान खान को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है | उन्हें बाहरी समर्थन की जरूरत पड़ेगी | गुरूवार शाम तक नतीजे आ रहे थे | तब तक इमराम की तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी ने 122 सीटें जीती थी | बहुमत के लिए 137 चाहिए होती हैं | पर इमरान खान ने शायद वह इंतजाम कर लिया है | तभी उन ने गुरूवार शाम पाकिस्तान के आवाम को सम्बोधित भी कर दिया | इमरान खान की पहली यूरोपीय पत्नी जेमिमा ने उन्हें पीएम मान कर पहला ट्विट किया | इमराम खान जब 1996 में राजनीति में कूदे थे | तब 1997 के चुनाव में उन बीवी जेमिमा ने भी प्रचार किया था | अब वह तलाक ले कर अपने बच्चों के साथ यूरोप वापस जा चुकी है | जेमिमा ने इमरान खान को सुबह सवेरे ही बधाई का ट्विट कर दिया था | जेमिमा ने ट्विट किया –“ 22 साल के अपमान ,रुकावटों और बलिदानों के बाद मेरे बेटों के पिता अगले प्रधानमंत्री हैं | यह मजबूती से अड़े रहने और हार स्वीकार न करने का नतीजा है | अब उन के सामने चुनौती है कि वह इस बात को याद रखें कि वह राजनीति में क्यों आए थे | बधाई |”
पाकिस्तानी आवाम के नाम अपने सन्देश में इमरान खान ने सब धारणाएं तोडी | पाक सेना की तारीफ़ जरुर की ,पर भारत से दोस्ती का हाथ भी बढाया | कश्मीर पर दावे और भारत के साथ एक हजार साल तक लड़ने की डींग नहीं हांकी | कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात जरुर की , पर इसे सामान्य बात भी कहा । उन ने कहा-“ दुनिया में जहां जहां फ़ौज शहरी इलाकों में जाती है, मानवाधिकार हनन की बातें सामने आती ही हैं |” हां यह भारत की सेना पर आरोप है । पर यह आरोप भारत में भी लगता है। इमरान का भाषण भारत को धमकियां देने वाला नहीं | अलबता पाकिस्तान की समस्याओं को हल करने वाला था | अपने पीएम बनाने को इमरान खान ने ‘अल्लाह का हुक्म” कहा | शायद वह पहले पीएम बनने जा रहे हैं जिन ने पाकिस्तान की भूखमरी, गरीबी और आर्थिक दशा का जिक्र किया | बेरोजगारी , किसानों की दुर्दशा और भ्रष्टाचार का जिक्र किया | स्कूलों और शिक्षा से वंचित बच्चों की बात की | सब बातें मोदी जैसी थीं | पर मोदी के नाम का जिक्र तक नहीं किया | कुछ बातें अरविन्द केजरीवाल जैसी भी थी | जैसे सरकारी महलों में रहते रहे मंत्रियों , गवर्नरों और गेस्ट हाऊसों से बाहर निकालने की बात | उन ने एलान किया कि सारे बड़े बंगले होटल बना दिए जाएंगे | हालांकि इस मामले में केजरीवाल की बातें खोखली साबित हुई थीं |
यह ठीक है इमरान ने भारत का जिक्र आखिर में किया | चीन,अफगानिस्तान,अमेरिका, ईरान, सऊदी अरब,मीडिल ईस्ट देशों की बात पहले की | सब से ज्यादा चीन की बात की, पर चीन से दो बातें सीखने की बात की | भ्रष्टाचार से निपटने और बेरोजगारी खत्म करने के दो मुद्दे | भारत के साथ रिश्ते सुधारने का संदेश दिया है इमरान ने | भारत में उन के खिलाफ बने माहौल के लिए भारतीय मीडिया को कटघरे में खड़ा किया | इमरान ने कहा – “ भारत के मीडिया ने उन्हें बालीवुड के विलेन जैसा बना दिया है |” इमरान ने अपने क्रिकेट कैरियर का हवाला देते हुए भारतीयों के साथ बेहतर रिश्तों की याद दिलाई | उन ने टेबल पर बैठ कर हल निकालने की बात कही | पर यह कहते हुए उन्होंने कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया | भारत से व्यापार के रिश्ते और सुधारने का न्योता दिया है इमरान ने |
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