अजय सेतिया / अविश्वास प्रस्ताव ने कांग्रेस और भाजपा का एजेंडा तय किया है | सदन में प्रधानमंत्री मोदी को झप्पी डालने वाले राहुल गांधी डबल गेम खेल रहे हैं | अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान दोनों ने राफेल सौदे में एक दूसरे पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया था | उस दिन के भाषण को आधार बना सदन में कर तल्खी पैदा हो गई है | राहुल ने मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के पांच नोटिस दिलवाए है | पांच नोटिस रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ भी दिलाए हैं | भाजपा ने भी राहुल गांधी के खिलाफ चार सांसदों से नोटिस दिलवा दिए हैं | कांग्रेस का दोनों के खिलाफ एक-एक नोटिस मंजूर हुआ है | भाजपा का एक नोटिस मंजूर हुआ है | इस बीच सरकार ने अपने चहेते न्यूज चेनलों को सौदे के पेपर लीक करने शुरू कर दिए हैं | अगर लीक किए गए पेपर सही हैं , तो राहुल गांधी के बुरे फसने के आसार हैं | उन ने उस दिन कहा था ,यूपीए राफेल जेट विमान को 520 करोड़ में खरीद रही थी |उसी राफेल जेट विमान को मोदी सरकार ने 1600 करोड़ रूपए में खरीदा |
पर अब लीक हुए कागजों से कुछ और ही निकला है | ये कागज बता रहे हैं कि यूपीए के समय बेसिक राफेल जेट विमान की कीमत 911 करोड़ रूपए थी | एनडीए ने उसी विमान का सौदा 688 करोड़ रूपए में तय किया है | यूपीए जिन जिन सुविधाओं के साथ विमान को 1627 करोड़ रूपए में खरीद रही थी | एनडीए ने उन्हीं सुविधाओं के साथ उसे 1372 करोड़ रूपए में खरीदा है | पर भारतीय वायु सेना ने इन लड़ाकू वाहनों में कुछ ख़ास चीजें माँगी थीं | जिस कारण विमानों की कीमत 1646 करोड़ रूपए प्रति विमान हो गई है | यूपीए ने इन ख़ास चीजों के साथ यह सौदा 1705 करोड़ रूपए प्रति विमान किया था | अपन इन लीक कागजों की सच्चाई नहीं जानते | कई बार फर्जी कागज भी लीक किए जाए हैं | पर अगर ये आंकड़े सही हैं तो राहुल गांधी अपने ही साथियों के हाथों गुमराह हुए हैं | क्या राहुल गांधी ने यूपीए के समय रक्षा मंत्री रहे ए.के.एंटनी से कुछ नहीं पूछा था | एंटनी को तो सब पता होगा | कुछ ऐसे कागज भी लीक हुए हैं , जिन पर एंटनी के दस्तखत हैं | तो क्या नरेंद्र मोदी ने राहुल को जाल में फंसाने के लिए अपने सूत्रों से गलत दस्तावेज भिजवाए थे |
कुछ भी हो, राहुल गांधी अपनों या पराओं के जाल में फंस रहे हैं | वरना रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद उन्हें प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने की खबर न आती | छुटभैये कांग्रेसी जरुर चाहते थे कि गठबंधन राहुल को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करे | पर कांग्रेस कार्यसमिति ने ऐसा कोई प्रस्ताव पास नहीं किया था | छोटे कद के नेताओं सचिन पायलट, रमेश चेन्नीथला जैसों ने जरुर कार्यसमिति में यह आवाज उठाई थी | पर कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने उन का समर्थन नहीं किया था | बावजूद इस के कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को गलत खबर दी | खबर फ़ैल गई कि कांग्रेस राहुल को प्रोजेक्ट कर चुनाव लडेगी | अब प्रवक्ता बोलेगा , तो खबर बनेगी ही | कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता के बयान का खंडन नहीं करवाया | तो इस का अपन क्या मतलब निकालें | अपन यह मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस ने विपक्ष को सूंघने के लिए कंकड़ फैंका था | वैसे तो आज के हालात में कोई भी जानता है कि मोदी अभी भी नम्बर वन है | आज लोकसभा के चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस पच्चीस-तीस सीटें ही बढेंगी |
यूपी में मायावती-अखिलेश का गठबंधन जरुर भाजपा को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है | कांग्रेस से बड़ी ताकत ममता, अखिलेश, मायावती ,चंद्रबाबू नायडू, लालू यादव ,नवीन पटनायक वगैहरा की रहने वाली है | अगर किसी को बहुमत न मिला तो मोदी को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन सरकार बनेगी | उस गठबंधन में राहुल कहीं नहीं ठहरेंगे | राजनीति की ज़रा सी समझ रखने वाला इतने समीकरण तो जानता है | फिर राहुल गांधी ने किस की सलाह से राजनीति के तालाब में कंकड़ फैन्कवाया था | राहुल और कांग्रेस को उस की औकात बताने के लिए क्षेत्रीय दलों ने तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया दी | मायावती ने तो बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस में राहुल को ठुकराया | चारों तरफ से राहुल को ठुकराने की ख़बरें आईं, तो कांग्रेस के समझदारों ने राहुल को प्रोजेक्ट करने का खंडन किया | सुरजेवाला भी मीडिया के सामने मिमियाने लगे | इस तरह 48 घंटे में पीएम बनने का सपना चूर चूर हो गया |
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