अजय सेतिया / रांची में बुधवार को बच्चों की बिक्री का भंडाफोड़ हुआ । यह विस्फोटक खुलासा तब हुआ , जब मंगलवार को एक परिवार ने जिला बाल कल्याण समिति में जा कर दरख्वास्त दी | इस परिवार का कहना था कि एक अस्पताल ने उन से सवा लाख रूपए ले कर एक बच्चा दिया था | दो महीने से वह बच्चा उन के पास था | अस्पताल में किसी औरत को बच्चा हुआ था । वह पाल नहीं सकती थी । उन से अस्पताल की फीस के नाम पर सवा लाख लिया और बच्चा उन्हें सौंप दिया | पर अब उस बच्चे की असली मां ने धोखे से बातचीत के लिए बुलाया और बच्चा ले लिया | बच्चा उन्हें वापस दिलाया जाए | बाल कल्याण समिति ने उन का बयान रिकार्ड किया और पुलिस को सौंप दिया |
बाल कल्याण समिति से पुलिस को यह खबर गुरूवार को मिली | उस समय रांची के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में राज्य भर के डीएसपी जेजे एक्ट की पेचीदगियां समझ रहे थे | संयोग से मैं ही उन्हें पेचीदगियां समझा रहा था | जैसे ही बच्चों की खरीद फरोख्त और गैर कानूनी गौद लेने पर सजा की धाराओं का चेप्टर खत्म हुआ रांची के डीएसपी फोन पर चिपक गए | अपन को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और अपन ने बोलना रोक दिया | डीएसपी ने फोन रखते ही इस नए घटनाक्रम की जानकारी मीटिंग में शेयर की | तब तक बच्चे की असली मां को थाने लाया जा चुका था और दो नर्सों का नाम भी सामने आ गया था | यह पेचीदगी वाला मामला था | डीएसपी ने मुझ से पूछा कि इस में किस के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए । मैंने उन्हें बताया कि तुरन्त खरीदने और बेचने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें । पहली बच्चे की खरीद फरोख्त की धारा 81, जिस में पांच साल तक की कैद और एक लाख रुपए तक जुर्माने की सजा है । बच्चा बेचने का काम खुद मां ने किया है, अत उसे न्यूनतम तीन साल और अधिकतम सात साल की सजा होगी । खरीदने वाले को पांच साल तक कैद हो सकती है। नर्सों पर भी धारा 81 लगेगी और उन्हें भी न्यूनतम तीन साल सजा होगी । दूसरी एफआईआर अवैध तौर पर बच्चा गौद लेने की दायर की जाए | जेजे एक्ट में अवैध बच्चा गौद लेने की धारा 80 है | उस में भी तीन साल तक कैद और एक लाख रुपए जुर्माना है।
शाम होते होते बात बहुत आगे बढ़ गई | कई खुलासे हो रहे थे और डीएसपी मुझ से शेयर कर रहे थे | अस्पताल के नाम का खुलासा उन ने नहीं किया था | अपन को उस की जरूरत भी नहीं थी | पर इतना खुलासा हो गया था कि अस्पताल से बच्चों की बिक्री का धंधा जोरों पर है | शाम तक 32 बच्चों की बिक्री होने की खबर आ गई थी | शाम चार बजे ट्रेनिंग खत्म हो गई और अपन होटल में जा कर सौ गए | अस्पताल के नाम की जानकारी अपन को सुबह का अखबार पढ़ कर मिली | वह अस्पताल मदर टेरेसा की ईसाई मिशनरी का है | जिस मदर टेरेसा को भारत में कुश्ट रोगियों की सेवा के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था | हालांकि भारत सेवा आश्रम कुश्त रोगियों की सेवा बहुत पहले से और उन से ज्यादा कर चुका था | यह सवाल हमेशा से उठता रहा था कि मदर टेरेसा की मिशनरी बच्चों को गौद देने के नाम पर बच्चों की बिक्री करती है | पर बड़ा नाम और ईसाई धर्म के कारण कोई हाथ नहीं डालता था | कांग्रेस राज में तो बिलकुल नहीं | जब मदर टेरेसा नोबल लेकर लौटी थी तो इंदिरा गांधी खुद एयरपोर्ट पर लेने गई थी | मोदी सरकार आने के बाद जेजे एक्ट बहुत सख्त हुआ है | खासकर गौद लेने-देने की प्रक्रिया मजबूत की गई है | ताकि गौद लेने के नाम पर विदेशों में बच्चों की तस्करी रुक सके | ईसाई मिशनरियों ने तब नए जेजे एक्ट में रुकावटें डाली थी | शशि थरूर ने ईसाई मिशनरियों की ओर से लोकसभा में जम कर विरोध किया था | विरोध का मुख्य मुद्दा बच्चों को गौद लेने की प्रक्रिया को सख्त करना ही था | जैसे ही बिल पास हुआ ईसाई मिशनरियों ने घोषणा की कि वे अब अनाथ बच्चों को गौद दिलाने की समाज सेवा नहीं करेंगे |
ईसाईयों का गरीबो के बच्चों को ईसाई परिवारों और विदेशों में भेजने का धंधा बंद हो गया | जिस से ईसाई मिशनरियों को विदेशों से खूब चंदा मिलता था | पर घोषणा के बावजूद बच्चों की बिक्री का अवैध धंधा जारी रहा | जिस का खुलासा रांची की घटना से हो गया है | अपन को जानकारी दी गई कि मिशनरी के लोग कुवारी गर्भवती माओं को ढूंढते रहते हैं | गर्भवती विधवाओं को भी ढूंढते रहते हैं | उन्हें मिशन में पनाह देते हैं | बच्चा होने पर मिशन में रख लेने की बात कह कर मां को रिलीव कर देते थे | रांची के जेल रोड चेरेटी के बाहर अनेक औरतें मिल जाएँगी | जो बताती हैं कि यहाँ उन का बच्चा हुआ था , जिसे मिशनरी ने अपने पास रख लिया था | अब वे बच्चे को मिलना चाहती हैं, तो मिलने नहीं देते |
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