नोटबंदी पर श्वेतपत्र क्यों जारी नहीं करती सरकार 

Publsihed: 06.Sep.2017, 10:42

नोटबंदी  से कितना फायदा हुआ ,कितना नुकसान | यह खोज का विषय है | विपक्ष सवाल उठा रहा है कि मोदी के इस एक कदम से देश दस साल पीछे चला गया | किसान फसल की बुआई नहीं कर सके | फसल उत्पादन तो गिरा ही , किसान भी बर्बाद हुए | उद्धोग बंद हो गए | उत्पादन रूक गया | मजदूरों की नौकरी-दिहाड़ी से छूट्टी कर दी गई | कई दिन तक उन के घरों के चूल्हे जलने मुश्किल हो गए | औद्योगिक उत्पादन घटा, बेरोजगारी बढी | वैसे तो अप्रेल से जून तक की जीडीपी 5.7 फीसदी बताई गई है | पर वित्तमंत्रालय की स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन वीरप्पा मोयली इसे भी सही नहीं मानते | वीरप्पा मोईली ने कहा है कि सरकार सच छुपा रही है | सच यह है कि इस तिमाही की जीडीपी सिर्फ 3.7 फीसदी है | अच्छा हो सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे | जिस में सब कुछ देश के सामने रखा जाए | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगर ट्रांसप्रेसी में थोड़ी सी भी आस्था है | तो श्वेत पत्र की मांग माननी चाहिए | पर यह विषय इतना आसान भी नहीं है , जितना कि 99 फीसदी नोटों की वापसी से समझा जा रहा है | इस के कई और पहलू भी हैं , जहां उन की बुद्धि काम नहीं करती | तीन पहलू क्या हैं, वे जरा समझ लें | पहला पहलू तो यह है कि नकली नोट , जो एक लाख करोड़ तक हो सकते हैं , बैंकों में तो आने ही नहीं थे, मार्केट में रद्दी हो गए | कम से कम एक लाख करोड़ के नकली नोट थे, जो पाकिस्तान से तो छप कर आ ही रहे थे, भारत में भी छप रहे थे | हाल ही में जमानत पर रिहा हुए कर्नल पुरोहित निकट भविष्य में नकली नोटों का राज खोलेंगे | उन्हें आतंकवाद में फर्जी फंसाए जाने का एक कारण नकली नोटों का धंधा भी था | वह नकली नोटों के धंधे में शामिल नेताओं तक पहुंच गए थे | दूसरा पहलू यह है कि मार्केट में जितना भी काला धन था  | वह टेक्स और  जुर्माने के साथ बैंकों में जमा हुआ है | इन में बहुत सारे लोग तो ऐसे हैं , जो आयकर देते ही नहीं थे |  उन ने टेक्स के साथ जुर्माना भी दिया है | नोंटबंदी से आयकर विभाग को कितना अतिरिक्त जुर्माना और टैक्स मिला है | उस के आंकड़े अभी अंतिम रूप से आने बाकी हैं | वह सरकार की शुद्ध आमदनी है, जो नोटबंदी के बिना संभव नहीं थी | तीसरा पहलू यह है कि नोटबंदी से करीब 60 लाख लोगों का नाम उजागर हुआ है, जिन के पास अच्छी-खासी नकदी थी | पर वे आयकर के दायरे में ही नहीं थे | अब उन्हें आपरेशन क्लीन मनी के तहत नोटिस जा रहा है  |  वे टेक्स के दायरे में जुड़ेंगे और आयकर दाता बनेंगे | आयकर देने वालों का दायरा बढेगा, तो सरकार की आमदनी में स्थाई बढौतरी होगी | आयकर विभाग को अपना दायरा बढाने का लम्बा प्रोजेक्ट मिल गया है | जिस के दूरगामी परिणाम निकलेंगे | चौथा पहलू फर्जी कम्पनियों का है | फर्जी कम्पनिया शेयर बाजार और हवाला का धंधा कर रही थी | ये काले धन को उधर से उधर करने की नाजायज दुकाने बनीं हुई थी | नोटबंदी के जारी ही 2,09,032 ऐसी कम्पनियों की पहचान हुई है | मोदी ने लालकिले की प्राचीर से एलान किया था -" करीब तीन लाख कम्पनिया सिर्फ हवाला का कारोबार करती थीं | उनमें से पौन 2 लाख कंपनियों पर ताले लटक गए |  कुछ तो ऐसी शेल कंपनियां थीं, जिनके एक ही पते पर कई कंपनियां चलती थीं |  देश में अब लूट नहीं चलेगी, जवाब देना पड़ेगा | भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी और आगे बढ़ेगी |" कुछ कम्पनिया बैंकों से लोन उठा कर बिना किसी उत्पादन किए सिर्फ शेयर मार्केट में खेलती थीं | पहले इन सभी कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया | मंगलवार को  मोदी सरकार ने  एक और बड़ी कार्रवाई की है | रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने  जिन दो लाख कंपनियों को बंद किया था | अब उनके बैंक खातों को भी सील कर दिया गया है |  सरकार की कोशिश है कि ये कथित फर्जी कंपनियां किसी हाल में ऑपरेट न कर पाएं | बैंकों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए |  इन कंपनियों के डायरेक्टर और अधिकारी अब पूर्व डायरेक्टर और पूर्व अधिकारी हो गए | कुछ कम्पनियों ने खुद के असली होने का दावा किया था | उन के दावे की सुनवाई नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल करेगा | जब तक ट्रिब्यूनल का फैसला नहीं आता , तब तक इन कंपनियों के बैंक अकाउंट ऑपरेट नहीं होंगे | इस लिए नोटबंदी का सिर्फ इतना विश्लेष्ण काफी नहीं कि 99 फीसदी नोट वापस आ गए | या इतना विश्लेष्ण भी काफी नहीं कि कृषी और औद्धोगिक उत्पादन घट गया | बेरोजगारी बढ़ गई, जीडीपी गिर गई | काले धन और हवाले धंधे को भी मार पडी है | फर्जी नोटों का धंधा भी चौपट हुआ है | सो मोदी श्वेत पत्र जारी करे और दूध का दूध , पानी का पानी करें | 

 

आपकी प्रतिक्रिया