पर रोटी,कपड़ा मकान जीएसटी के दायरे में 

Publsihed: 30.Jun.2017, 22:42

देश में जीएसटी का बवाल है | सीमाओं पर युद्ध के हालात हैं | संसद के सेंट्रल में मध्यरात्रि फंक्शन से जीएसटी लागू हुआ | संसदीय इतिहास में यह चौथा मिड नाईट फंक्शन है | बीस साल की कोशिशों से जीएसटी आया | कांग्रेस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही | पर जब टेक्स रिफार्म लागू होने का वक्त आया | तो कांग्रेस बच्चों की तरह रूठ गई | किस्मत की बात है, अरुण जेटली को श्री मिलना था , मिल गया | पर अरुण जेटली वित्तमंत्री के नाते जीएसटी की शुरुआती समस्याएं झेलेंगे | तो सिक्किम सीमा पर चल रहे तनाव की आंच भी उन्हें आएगी | वित्त मंत्री के साथ रक्षा मंत्री भी वही हैं | कुछ महीनें दोनों समस्याओं से जूझते रहेंगे जेटली | कांग्रेस ने सेंट्रल हाल के फंक्शन का बायकाट कर व्यापारियों का मन जीता | तो जेटली को बताना पडा कि कांग्रेस नौटंकी कर रही है | बिल तो कांग्रेस ही लेकर आई थी | उसी के समर्थन से ही पास हुआ है | कांग्रेस की सारी राज्य सरकारों ने भी समर्थन किया है | जेटली इधर कांग्रेस को जवाब दे रहे थे | तो उधर चीन की धमकी आ गई | चीन ने अपन को 1962 याद करा कर धमकाया था | तो अरुण जेटली ने चीन को भी पलट कर जवाब दिया | उनने कहा -" यह 2017 है, 1962 नहीं |" चीन के खिलाफ अपनी भाषा कभी ऐसी हमलावर नहीं होती थी | पाकिस्तान के खिलाफ तो नेताओं के मन में जो आए बोलते हैं | पर चीन की किसी हमलावर टिप्पणी का भी जवाब नहीं देते थे | अपना विदेश मंत्रालय पिछले चार दिन से मिमिया ही रहा था | जेटली का बयान मोदी सरकार के कानफिडेंस का सबूत है | सिक्किम से लगती चीन सीमा पर  तनाव है | तो उस की वजह चीन की विस्तारवादी नीति है | तिब्बत पर कब्जा कर के उस का पेट नहीं भरा | उस की निगाह भूटान पर भी है | चीन ने एक दशक पहले सीमाओं के नजदीक तक सड़कें बनाने का सिलसिला शुरू किया था |  ताकि जरुरत पड़े तो फ़ौज,हथियार और रसद कुछ घंटों में पहुंच जाए | अपनी सरकार तो सब जान बूझ कर सोई ही रही | बिलकुल 1962 की तरह | मोदी सरकार बनने के बाद सीमाओं तक सड़कों का जाल बिछाने की योजना बनी है | उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग को आल वैदर रोड बनाने के पीछे भी यही वजह है | वे सड़कें चीन बार्डर तक पहुंचेंगी | चीन अब चुंबी घाटी में सड़क बना रहा है  | यह क्षेत्र सिक्किम-भूटान और तिब्‍बत का मिलन बिंदु स्‍थल है | नक़्शे में यह हंसिए की तरह का हिस्‍सा है  | जो भारत के चिकन नेक से ठीक ऊपर स्थित है |अभी इस क्षेत्र में भू-सामरिक लिहाज से भारत बेहतर स्थिति में है | चीन ने यह सड़क बना ली, तो वह आधे घंटे में भारत घुस आएगा|गुरूवार को भूटान ने भी चीन को डीमार्श जारी किया था | भूटान ने कहा कि चीन 1988 और 1989 के समझौते का उलंघन कर रहा है |तनाव इतना हो गया है कि अपन को आखिरकार मानसरोवर यात्रा रद्द करनी पडी | पर चीन की ताज़ा साजिश की अंदरुनी वजह भारत में जीएसटी लागू होना भी है | भारत में बिक रहे चीनी माल में टेक्स का बड़ा घपला है | अब जब जीएसटी लागू होगा , तो चीन का माल रेगुलेट होगा | रेगुलेट होगा, तो चीन के उद्योगपति प्रभावित होंगे | अभी जीएसटी से पहले मार्किट में चीन का माल कौड़ियों के भाव बीका है | चीन को लगता है , भारत तिहरा प्रहार कर रहा है | पहला प्रहार भारत-अमेरिका का गठबंधन | दूसरा प्रहार - ग्वादर पोर्ट तक बन रही सिल्क रोड पर भारत का बढ़ता विरोध | इतना ही नहीं, सिल्क रोड पर भारत ने बमबारी भी शुरू की है | तीसरा प्रहार -जीएसटी से आर्थिक मोर्चे पर | खैर यह अलग विषय है | देश में जीएसटी लागू हो चुका है | बीती रात संसद के सेंट्रल हाल में जीएसटी लांच करने का जश्न हुआ | नई टेक्स प्रणाली लागू करने के लिए जश्न पहली बार सुना-देखा | इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण ढूंढें नहीं मिला | अपन जीएसटी के खिलाफ नहीं | सवा सौ देश पहले ही लागू कर चुके हैं | पर जीएसटी की  टेक्स स्लेब पर सहमति बनानी थी | न तो एकरूप टेक्स स्लेब पर सहमति बनी, न शराब और पेट्रोल पर सहमति बनी | और छह-आठ महीने लग जाते, तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ता | और साल के बीच में टेक्स लागू करने की जरुरत क्या थी | बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा का कहना है -यह नोटबंदी जैसा ब्लंडर साबित होगा | जीएसटी क़ानून में गिरफ्तारी का अधिकार सब से आपत्ति वाला है | इसलिए व्यापारी सडकों पर आए हैं | जीएसटी लागू करना बेहतरीन कदम है | पर उस में खामियां अनेक हैं | अब कोई पूछे कि क्या भारत में रोटी,कपड़ा,मकान सब के नसीब में है | तो जवाब मिलेगा-"नहीं |" टेक्स प्रणाली में क्रान्ति तो तब होती | जब रोटी, कपड़ा, मकान को टेक्स फ्री करा जाता | पर जीएसटी में जिन्दगी जरूरियात की इन तीनों चीजों पर टेक्स है | हाँ  हेल्थ केयर को जरुर जीएसटी से मुक्त किया गया है | कांग्रेस का विरोध तो बचकाना है | नितिन गडकरी ने इसे जब राजनीतिक कुंठा कहा | तो गलत नहीं कहा उनने कहा व्यापारियों को 60 दिन देखना चाहिए | छोटे व्यापारियों पर तो जीएसटी है ही नहीं | समस्या आए, तो बात कर हल निकालेंगे | जीएसटी कौंसिल लगातार काम करेगी | पर कांग्रेस ने विरोध कर व्यापारियों को उकसा दिया है | जो दो नम्बर का धंधा खत्म होता देख कर कुपित थे | एक सवाल आम आदमी पूछ रहा है- जब टेक्स उस से वसूला जाना है ,तो व्यापारियों को क्या प्राब्लम है ? उन की ओर से विरोध क्यों ? तो उस का जवाब यूपी के एक मंत्री ने दिया -" ये वो व्यापारी हैं ,जो जनता से टैक्स तो  ले लेते हैं , पर उसे सरकारी खजाने में नहीं जमा करते | अब यह असंभव हो जाएगा |" 

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