नई दिल्ली | भारत सरकार ने अलगाववादियों , आतंकवादियों और पाकिस्तान के खिलाफ कडा रूख अपनाने के बाद पीओके से व्यापार बंद करने पर मंथन शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक़ कश्मीर में हिंसा और आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान से आ रहे पैसे के प्रवाह को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मुद्दे पर गंभीर है। एनआईए की जांच में पाकिस्तान से हवाला के जरिये अलगाववादियों को मिल रहे धन में पीओके व्यापार से जुड़े कुछ व्यापारियों के नामों का खुलासा हुआ है। इन्ही सब कारणों की वजह से केंद्र ने पीओके से व्यापार के विस्तार के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। महबूबा ने पीओके से व्यापार के चार नए रास्ते खोलने और पीओके जाने के लिए जारी परमिट व्यवस्था को खत्म करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बातचीत कर पीओके से होने वाले व्यापार के बारे में विस्तृत जानकारी ली है। अलगाववादियों से एनआईए की पूछताछ और बाद में डाले गए छापे में जम्मू और पांपोर के दो बड़े ड्राई फ्रूट व्यापारियों के नाम सामने आए। अब तक की जांच के मुताबिक अलगाववादियों को अराजकता फैलाने के लिए पाकिस्तान से आने वाले धन में कुछ और व्यापारियों के नामों की खुलासा हो सकता है।
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