एनडीए सरकार का हिस्सा होने के बावजूद भाजपा के साथ हर मुद्दे पर टकराव की भूमिका निभाने वाली शिवसेना ने अब एक फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट का भी खुला विरोध किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है इसलिए चुनाव के दौरान संसद में आम बजट प्रस्ताव नहीं पेश किया जाना चाहिए, क्योंकि सत्ताधारी दल इसका फायदा ले सकते हैं.
विपक्ष ने राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को गुहार लगाई है कि बजट को रोका जाए और मतदान की आखिरी तारीख 8 मार्च के बाद पेश किया जाए. विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यचुनाव आयुक्त से मिला था. इस के बाद वित्तमंत्री अऋण जेतई ने न सिर्फ बजट पहली फरवरी को ही पेश करने की बात कही, बल्कि यह भी कहा कि विपक्ष तो कह रहा है कि सारा देश नोटबंदी की वजह से सरकार के खिलाफ है, इस लिए वे विधानसभाओ में जीत रहे हैं, फिर वे बजट से क्यो डर रहे हैं. पता चला है कि सरकार आयोग को पहले ही पहली फरवरी को बजट पेश करने की सूचना दे कर अनुमति ले चुका है.
मजेदार बात यह है कि मोदी सरकार हिस्सा होने के बावजूद शिवसेना ने चुनावो के दौरान बजट को रुकवाने के लिए राष्ट्रपति तक से अपील कर दी है कि वे विशेषाधिकार का उपयोग करें. उद्धव ने कहा कि आम बजट प्रस्ताव में लोक लुभावन योजनाएं घोषित की जाती हैं। इससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। इस तरह की योजनाएं बजट प्रस्ताव में घोषित होने से विपक्षी पार्टियों को चुनाव में नुकसान हो सकता है जबकि सत्ताधारी दल इसका फायदा उठा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि केंद्रीय बजट पांच राज्यों के चुनाव संपन्न होने के बाद पेश किया जाए।
पीएम पर भी साधा निशाना
महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले मुंबई सहित राज्य के 10 महानगरपालिका चुनाव और जिला परिषद चुनाव की तैयारी को लेकर उद्धव ने बांद्रा स्थित रंग शारदा में राज्य स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने आम बजट प्रस्ताव का डटकर विरोध किया.
उन्होंने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उद्धव ने सवाल किया कि इस नोटबंदी से आम जनता को तकलीफ के अलावा कुछ भी नसीब नहीं हुआ. 31 दिसंबर को पीएम मोदी ने गर्भवती महिलाओं के लिए 6000 रुपये देने की घोषणा की जबकि इसमें नया कुछ भी नहीं है. यह पुरानी योजना है.
उद्धव ने धर्म, जाति और भाषा के आधार पर वोट मांगने को गैरकानूनी करार दिए जाने पर कहा कि शिवसेना क्या कहती है इस पर पूरे देश की निगाह होती है. हम हिंदू धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगते लेकिन जब हिंदू धर्म की रक्षा की नौबत आएगी तो हम उससे पीछे नहीं हटेंगे.
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