सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कॉलेजियम द्वारा हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए सुझाए गए 77 नामों में से 34 की नियुक्ति हो गई है और 44 सिफारिशों को दोबारा जांच के लिए वापस भेजा गया है.
कॉलेजियम ने फरवरी 2016 में हाई कोर्ट में जजो की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को 75 जजों की लिस्ट सौंपी थी, लेकिन सरकार ने अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कहीं ऐसी नौबत न आ जाए कि जजों की कमी के कारण कोर्ट को ही बंद करना पड़े.सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि यदि आपको कॉलेजियम के सुझाए नामों पर दिक्कत है तो लिस्ट को वापस भेजा जाए. कॉलेजियम उसकी जांच करेगा. सरकार 9 महीने से चुप क्यों बैठी है. उसकी जवाबदेही होनी चाहिए.
जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनी है. इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र को फटकारते हुए कहा था कि प्रशासनिक उदसीनता का ही नतीजा है कि कोर्ट में ताला लगाने तक की नौबत आ गई है. कर्नाटक हाई कोर्ट के ग्राउंड फ्लोर में ताला लगा है तो क्यों न पूरे कोर्ट में ही लगा ताला दिया जाए और लोगों से कह दिया जाए कि न्याय का दरवाजा बंद हो गया है.
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