समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रहे समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश ने चाचा शिवपाल के पैर छू कर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की, लेकिन चाचा फिर भेरे नही माने, उन्होने अपने भाषण में कहा 'चाहे जितना अपमान कर लो, बर्खास्त कर लो, लेकिन मैंने भी बहुत काम किया है. मुझे कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना.
भावुक होते हुए शिवापल ने बताया ' सरकार में मेरा भी बहुत योगदान है. मुझे जो जिम्मेदारी मिली उसे मैने अच्छे से निभाया. काम न करने वाले मंत्रियों ने अखिलेश सरकार में सत्ता का मजा लिया. कुछ लोगों को विरासत में सबकुछ मिल जाता है. कुछ लोगों को काम करके भी कुछ नहीं मिलता. जो चाहे मांग लेना उफ तक नहीं करुंगा. पर नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं करुंगा.' अभी कुछ दिन पहले ही शिवपाल ने भरी सभा में कहा था मुख्यमंत्री झूठा है.
अखिलेश यादव ने साफ शब्दों में कहा कि- लोहिया कहा करते थे कि मेरी लोग तब सुनेंगे जब मैं मर जाऊंगा. इसी तरह मैं कहता हूं कि मेरी लोग सुनेंगे जरुर पर तब जब सारी बात बिगड़ जाएगी. हमारा लक्ष्य है कि बीजेपी हारे, बीएसपी हारे समाजवादी पार्टी जीते. अखिलेश इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा- किसी को परीक्षा देने की जरूरत नहीं है, किसी को परीक्षा देनी है तो मैं तैयार हूं. उन्होंने कहा कि आप हमें तलवार भेंट कर रहे हैं, अब हम इसका इस्तेमाल भी करेंगे. विचारधारा को बचाने के लिए तलवार चलानी जरूरी है. बहुत सी बातों का जवाब नहीं दूंगा लेकिन साढ़े चार साल के अंदर यूपी की सरकार ने अच्छा काम करके पूरे देश के सामने उदाहरण पेश किया है.
समारोह में लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और एचडी देवेगौड़ा मौजूद हैं. इन नेताओं की मौजूदगी ने साफ कर दिया है कि यूपी में महागठबंधन होकर रहेगा.लालू यादव ने कहा कि जैसे बिहार से बीजेपी को खदेड़ा था, वैसे ही यहां से भी खदेड़ेंगे. वहीं शरद यादव ने कहा कि महागठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई है, आगे क्या होता है, देखते हैं. पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने भी अभी महागठबंधन की बात से इनकार किया. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी मंच पर पहुंचे और सभी नेताओं के साथ हाथ ऊपर उठाया. वहीं लालू यादव ने अखिलेश और शिवपाल यादव के हाथ पकड़कर हवा में उठाए.
पार्टी की 25वीं सालगिरह को यादगार और शानदार बनाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अपनी पूरी ताकत लगाई है. लखनऊ के जिस जनेश्वर मिश्र पार्क में पार्टी का रजत जयंती समारोह हो रहा है उसे एशिया के सबसे बड़े पार्क में से एक कहा जाता है. अखिलेश यादव को अपने जिन कामों पर फख्र है उसने यह पार्क बनवाना में शामिल है.
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