नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट मीटिंग्स में मोबाइल फोन्स लाने से मना कर दिया गया है. कम्युनिकेशन डिवाइसेज को हैक होने की संभावना को रोकने के लिए कैबिनेट सचिवालय ने ये कदम उठाया है. इस संबंध में हाल में ही मंत्रियो के निजी सचिवों को निर्देश जारी किया गया है.
साइबर सुरक्षा खतरे के मद्देनजर पीएम मोदी ने मंत्री और शीर्ष स्तर के अधिकारियों को अब कैबिनेट की बैठक में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल यह फैसला खुफिया एजेंसियों द्वारा इन उपकरणों को हैक कर संवेदनशील जानकारियां लीक होने का अंदेशा जताने के बाद लिया. देश की खुफिया एजेंसियों ने फोन हैकिंग के जरिए जासूसी की आशंका जताई है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन और पाकिस्तानी हैकर्स की ओर से इन उपकरणों को हैक करने का जोखिम और ज्यादा बढ़ गया है. इसी को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों से कहा है कि वे अपने मोबाइल फोन को चार्जिंग या अन्य काम के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप से न जोड़ें.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह पहल इसलिए किया गया ताकि कैबिनेट की बैठकों में होने वाली संवेदनशील चर्चा को लीक होने से बचाया जा सके. इस तरह का निर्देश पहली बार सरकार द्वारा निर्गत की गयी है. इससे पहले मंत्रियों को साइलेंट मोड या स्विच ऑफ कर मोबाइल फोंस को साथ लाने की अनुमति थी.
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