यादव परिवार में अलग थलग पडते जा रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राम मनोहर लोहिया की लाईन अपना कर भाजपा की तरफ हाथ बढाने के संकेत देने शुरु कर दिए है. लोहिया और दीन दयाल उपाध्याय के जमाने में भारतीय संस्कृति को ले कर दोनो में समझौता हुआ था और अयोध्या में रामायण मेला शुरु हुआ था. अब केंद्र की भाजपा सरकार की इच्छा पूरी करते हुए अखिलेश यादव ने अयोध्या में रामलीला थीम पार्क बनाने के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है.
अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में सोमवार को अयोध्या में रामलीला थीम पार्क बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई . कल मंगलवार 18 अक्तूबर को केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा अयोध्या पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि महेश शर्मा यहां राम और रामायण म्यूजियम के लिए बड़ी रकम के साथ कई सौगातों की घोषणा कर सकते हैं.अयोध्या-फैजाबाद को विश्व पर्यटन के नक्शे पर उभारने के उद्देश्य से वैसे तो केंद्रीय स्तर पर कई बार प्रयास शुरू हुआ लेकिन परवान न चढ़ सका। चार माह पूर्व अयोध्या दौरे पर आए केंद्रीय पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने नगरी के विकास के लिए संभावित योजनाओं पर विमर्श किया था. केंद्र चाहता है अयोध्या में विकास के ऐसे ढांचे का निर्माण होना चाहिए जिसमें जो भी अयोध्या आए, वह राम और रामायण में खो जाए।
केंद्रीय मंत्री के आने के एक दिन पहले यूपी के सीएम अखिलेश यादव अयोध्या में जिस तरह अलग इंटरनेशल थीम पार्क को मंजूरी दे दी है उस के राजनीतिक अर्थ भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि लंबे समय से समाजवादी पार्टी का झुकाव मुस्लिम समुदाय की ओर रहा है. यूपी सरकार के इस थीम पार्क में रामायण और रामलीला के प्रसंग दिखाई देंगे. वहीं जानकारी में आया है कि सांस्कृतिक मंत्रालय ने राम म्यूजियम को भव्य बनाने के लिए इसकी ग्रांट 175 करोड़ को बढ़ाकर 225 करोड़ करने का फैसला लिया है.
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