नवजोत सिंह राजनीति के अनाडी साबित हुए हैं. कांग्रेस को गाली निकालते निकालते अब उसी कांग्रेस के दरवाजे पर जा कर खडे हो गए हैं. बिना सोचे समझे भाजपा और राज्यसभा छोड दी. केजरीवाल के बाद सुच्चा सिन्ह ने भी सिद्ध को भाव नहीं दिया तो अब वह कांग्रेस के दरवाजे पर पहुंच गए. दोनो की मुलाकात करवाने प्रशांत किशोर की भूमिका है, बताया ये भी जा रहा है कि मोहम्मद अजहरुद्दीन ने राहुल-सिद्धू की मुलाकात में अहम भूमिका निभाई. वहीं इस विषय में कांग्रेस नेता चरनजीत सिंह चन्नी बोले कि बात चल रही है पर स्टेटस मुझे पता नहीं ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।
सूत्रो के मुताबिक हर जगह सिध्दु की राजनीतिक अपरिपक्वता आडे आ रही है. खबर कि 3 अक्तूबर को सिद्ध ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर उनके सामने सीटो के तालमेल का प्रस्ताव रखते हुए एक शर्त रख दी है. हालांकि बातचीत अभी जारी है,लेकिन सिद्धु की शर्त माने जाने की सम्भावना यहाँ भी नहीं दिखती. सिद्ध ने शर्त यह रखी है कि अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद का उम्मींदवार घोषित न किया जाए. अमरेंद्र सिंह तो छोडिए, उन के घोर विरोधी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाजवा भी बिना मुख्यमंत्री पद का उम्मेंदवार घोषित किए चुनाव मैदान में उतरने के खिलाफ हैं, हालांकि वह भी अमरेंद्र को घोषित किए जाने के खिलाफ हैं, इसी लिए अभी तक कांग्रेस ने उन्हेन उम्मींदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस सूत्रो का कहना है कि अभी उम्मींदवार घोषित करने का समय नहीं आया है.
राहुल गांधी आज छ्ह अक्तूबर को अपनी किसान यात्रा से दिल्ली पहुंच रहे हैं, उन्होने कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिल्ली बुलाया था. अपने सारे प्रोग्राम रद्द कर के राहुल गांधी के बुलावे पर कैप्टन दिल्ली पहुंच गए हैं. उन्होने 10 अक्तूबर तक के अपने सारे प्रोग्राम रद्द कर दिए हैं. दूसरी ओर ‘आप’ पार्टी के संजय सिंह ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई दिनों से राहुल गांधी और सिद्धू के बीच मुलाकात कराने की कोशिश में थे.
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