नीतीश ने पंक्चर किए राष्ट्रीय महागठबंधन के मसूबे 

Publsihed: 26.Jul.2017, 21:07

सात-आठ महीने पहले ही नीतीश को अपनी गलती का एहसास हो गया था | वह लालू से साथ गठबंधन में घुटन महसूस कर रहे थे | नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में कई दिनों से खिचडी पक रही थी | महागठबंधन कैसे तोड़ा जाए , भाजपा से कैसे गठबंधन किया जाए | क्या क्या शर्तें होंगी , भाजपा बाहर से समर्थन देगी या भीतर से | भाजपा की सत्ता में भागेदारी होगी | मोदी सरकार में यूनाईटेड जनता दल की कितनी भागेदारी होगी | अपन को पिछले हफ्ते संसद के सेंट्रल हाल में किसी ने बताया कि केंद्र में जदयू के तीन मंत्री बनेंगे | इस सब का मतलब यह था कि तेजस्वी यादव को इस्तीफा न करवाने की लालू की जिद्द से नीतीश टूट गए थे |  नरेंद्र मोदी के सामने नीतीश हार कबूल कर चुके थे | राष्ट्रपति के चुनाव में राजग का समर्थन नीतीश का पहला कदम था | शरद यादव ने भी बीच-बचाव की बहुत कोशिश की थी | पर नीतीश कुमार ने शरद यादव की एक नहीं सुनी | उधर नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकातें बढ़ रहीं थी | सोनिया-राहुल-लालू को भ्रम में रखने के लिए उप-राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति महागठबंधन के समर्थन की थी | शरद यादव और केसी त्यागी भी भ्रम में रहे | अपन ने कभी नहीं लिखा कि नीतीश उपराष्ट्रपति चुनाव में गठबंधन उम्मीन्द्वार का समर्थन करेंगे | सेक्यूलर किस्म के पत्रकार बड़े दावे कर रहे थे | अपन हमेशा कहते रहे कि इन्तजार करो | नीतीश कुमार ने यूपी-उत्तराखंड-पंजाब के चुनाव से पहले ही मन बनाना शुरू कर दिया था | नीतीश ने सर्जिकल स्ट्राईक का समर्थन किया | जबकि राहुल और लालू सर्जिकल स्ट्राईक के सबूत मांग रहे थे | फिर नोट बंदी का समर्थन किया | जबकि राहुल-लालू नोट बंदी का विरोध कर रहे थे | जब नरेंद्र मोदी ने हजार और पांच सौ के नोट बंद किए | तब नीतीश कुमार शराब बंदी की यात्रा पर थे | उसी दौरान उनने रैलियों में नोटबंदी पर लोगों की राय पूछी थी | राय नोटबंदी के पक्ष में उभर रही थी | तो उन ने महागठबंधन को पहला धक्का मारा था | सोनिया-राहुल-लालू को ठोकर मारते हुए नीतीश ने नोटबंदी का समर्थन कर दिया था | अपन को याद है, तब नीतीश कुमार ने कहा था-" नोटबंदी काले धन के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम है | अब मोदी सरकार को बेनामी सम्पत्ति के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए |" अब आप खुद सोचो मोदी सरकार ने जब लालू यादव की बेनामी संपत्तियों का भंडा फोड़ा | तो नीतीश कुमार किस मुहं से चुप्पी साध लेते |  नीतीश ने बहुत इशारे किए कि वह ज्यादा देर चुप्पी नहीं साधे रखेंगे | उन ने लालू यादव को कहा था कि वह और तेजस्वी मीडिया में बेनामी सम्पत्ति पर सफाई दें | पर लालू ने यह कह कर सफाई देने से इनकार कर दिया कि वकीलों ने चुप रहने को कहा है | नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को बता दिया था कि यथास्थिति नहीं रहेगी | राहल गांधी से भी कह दिया था कि भ्रष्टाचार पर वह जीरो टोलरेंस की नीति पर चलेंगे | पर सोनिया-राहुल ने आँख-कान बंद कर लिए | नीतीश के पास मोदी से हाथ मिलाने के सिवा चारा क्या था | चौबीस जुलाई को नीतीश कुमार  दिल्ली आए और पट्टकथा लिख दी | राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में सिर्फ दो मुख्यमंत्रियों को पहली लाईन में बिठाया गया था | नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू | यह बदल चुके समीकरणों का साफ़ संकेत था | बुधवार शाम साढे छह बजे का मुहूर्त तय हो गया था | भनक लालू यादव को भी लग गई थी | उन ने भी बुधवार को विधायक दल की बठक बुला ली | इस बैठक में लालू ने कहा था कि नीतीश कुमार तेजस्वी को हटा सकते हैं | पर उन्हें नहीं पता था कि नीतीश तो जद-भाजपा सरकार की पटकथा भी लिख चुके थे | उधर पटना में जदयू विधायक दल और भाजपा विधायक दल की बैठकें शुरू हुई | इधर दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक | उधर नितीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा | इधर नरेंद्र मोदी और सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की तारीफ़ में कसीदे पढ़े | लालू यादव को उम्मींद नहीं थी कि नीतीश कुमार ठोकर मार देंगे | वह जख्मी शेर की तरह दहाड़ रहे हैं | उन ने कहा है कि नीतीश कुमार हत्या के केस में फंसे हुए हैं | जिस में उन को उम्र कैद या फांसी हो सकती है , इस लिए डर कर इस्तीफा दिया है.....हमें बताते हैं..जीरो टोलरेंस | पर लालू -राहुल-सोनिया का महा गठबंधन ही टूट गया | जिस की तर्ज पर 2019 के गठबंधन की तैयारी हो रही थी | सोनिया के मंसूबों पर पानी फेर दिया नीतीश ने | 

 

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