प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित 15 खंडो के संग्रह का विमोचन करते हुए कहा कि दीन दयाल उपाध्याय जी इस बात पर जोर देते थे कि हमें अपने आप को सामर्थ्य बनाना होगा.वह व्यक्ति, समाज और देश को बलशाली बनाने पर बल देते थे. उन्होने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सुबह सुबह कसरत करता है तो उस के लिए पडौसी को डरने की जरूरत नहीं, क्योकि वह तो अपने लिए कसरत करता है. उन के इस वाक्य को एनडीए सरकार की ओर से देश को सैन्य तौर मजबूत किए जाने के संकल्प के साथ जोड कर देखा गया, इस लिए हाल में मौजूद श्रोताओ ने देर तक तालिया बजाई.
नरेंद्र मोदी के इस बयान को पडौसी देश पाकिस्तान को चेतावनी के रूप में में देखा जा सकता है कि भारत अब अपनी सैन्य तैयारी कर रहा, अगर वह अब भी नहीं सुधरा तो अपना भविष्य सोच ले. इस से पहले प्रोग्राम के शुरुआत में ही देशवासियो को दशहरे की बधाई देते हुए नरेंद्र मोदी ने जब यह कहा कि इस बार की विजय दशमी देश के लिए खास है,तब भी श्रोताओ ने देर तक तालिया बजाई. मंच पर अमित शाह, सह संघचालक भैया जी जोशी, महेश शर्मा, रामबहादुर राय, अच्युता नंद मिश्रा,राहुल देव मौजूद थे, जब कि श्रोताओ में लाल कृष्ण आडवानी, राम नाईक , कई अन्य राज्यपाल एंव संघ-भाजपा के नेता मौजूद थे.
पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश शर्मा द्वारा सम्पादित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित 15 खंडो का संग्र्ह राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने कहा कि 1967 में लोहिया और दीन दयाल उपाध्याय के विजन से सन्युक्त सरकारे सम्भव हो सकी. उन्होने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की परिकल्पना दीन दयाल उअपाध्याय की ही देन है, उन्होने अपना सारा जीवन संगठन खडा करने में लगा दिया. पिछले 50 साल में जिन राजनीतिक दलो की सरकारे रही, उन के कार्यो की समीक्षा की जानी चाहिए.
उन्होने कहा कि भारत एक विशाल देश है. दीन दयाल जी ने एक जगह लिखा है कि जनसंघ रूढियो को नहीं मानेगा, हम राष्ट्र और समाज के अनुरूप अपने को ढालने वाले लोग हैं, उन्होने कहा कि इसी लिए हम इतने अल्प काल में हम यन्हा तक पहुंचे हैं. भारत की जडो से जुडी हुई राजनीति ही विकास के मार्ग पर चल सकती है..
मोदी ने कहा कि यह दीन दयाल जी का शताब्दी वर्ष है, इस लिए सरकार ने इस वर्ष को "गरीब कल्याण वर्ष" मनाना तय किया है, सभी विभाग इस दृष्टि से काम करेंगे.उन्होने कहा कि वह हमें चैरेवैती-चैरैवेती का मंत्र दे गए हैं और हमें इसी का पालन करनस है. उन्होने महेश शर्मा को बधाई, जिन्होने इन 15 खंडो का सम्पादन किया है. उन्होने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय बहुत सामान्य व्यक्तित्व जीने वाले थे. उन का जीवन सादगी से भरा था.पच्चास साल के छोटे काल में 15 खंड दे कर गए दीन दयाल जी. वे विपक्ष से विकल्प तक ले गए. संगठन आधारित राजनीतिक दल खडा किया.
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