खुद ही कटघरा बना लेती है कांग्रेस

Publsihed: 28.Aug.2019, 12:48

अजय सेतिया / यह तो सुना था कि राजनीति में एक दूसरे को कटघरे में खड़ा किया जाता है और उन से जवाब तलबी होती है , पर कांग्रेस अपना कटघरा खुद बनाती है और फिर से में खडी हो जाती है | ऐसे लगता है कि कांग्रेस में राजनीतिक बौद्धिक कौशल का अकाल पड गया है | एक बार एक पत्रकार ने अमित शाह को राजनीतिक ज्ञान देने की कोशिश की थी , तो अमित शाह ने उसे कहा था कि आप पत्रकारिता करो, राजनीति मुझे करने दो, मुझे पता है कि मुझे क्या करना है | कांग्रेस में ठीक इस के उल्ट है , राहुल गांधी को आजकल एक विचारधारा के पत्रकारों ने घेरा हुआ है , जो उन को उल्टी सीधी सलाहें देकर उन के लिए कटघरे तैयार करवाते रहते हैं |

अपन याद करवाते हैं कि 2016 में पाक पर हुए सर्जिकल स्ट्राईक की जानकारी देने के लिए हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से शामिल गुलाम नबी आज़ाद ने सरकार का समर्थन किया था | सीपीएम को छोड़ कर बाकी विपक्षी दलों ने आपरेशन का समर्थन किया , सीताराम येचुरी ने बाद में कहा था कि सैनिक कार्रवाई कश्मीर समस्या का हल नहीं है | कुछ दिन बाद राहुल गांधी ने पलटी मारते हुए सर्जिकल स्ट्राईक के सबूत मांग लिए क्योंकि कुछ लोगों ने उन के कान भर दिए थे | राहुल गांधी ने वह कटघरा खुद अपने लिए खड़ा किया था |

डोकलाम के मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने वही गलती दोहराई | जब चीन के राजदूत से गोपनीय मुलाक़ात के बाद सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की , जबकि भारतीय सेना और सरकार के कूटनीतिक प्रयास से चीनी सेना खुद डोकलाम से हट गई थी | एक ख़ास किस्म का बुद्धिजीवी वर्ग डोकलाम पर चीन का समर्थन कर रहा था , यह वही वर्ग है , जिस ने 1962 में भी भारत को गलत और चीन को सही बताया था | कांग्रेस ने राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाक़ात का खंडन कर के फंसने का कटघरा खुद तैयार किया था | बाद में 2019 के बालाकोट सर्जिकल स्ट्राईक पर भी पाकिस्तानी मीडिया और ख़ास किस्म की विचारधारा के बहकावे में आ कर कांग्रेस कहने लगी कि सेना जंगलों में बम गिरा कर आ गई |

अब कश्मीर के मुद्दे पर भी कांग्रेस खुद के बनाए कटघरे में खडी है | राज्यसभा में गुलामनबी आज़ाद ने जैसे ही 370 हटाए जाने का जबर्दस्त विरोध शुरू किया कांग्रेस में दरार पडनी शुरू हो गई , पार्टी के भीतर की आवाज और जनमानस की हवा पहचान कर कांग्रेस अगले दिन लोकसभा में अपना स्टेड सुधार सकती थी | लेकिन कांग्रेस ने वही गलती दोहराई जो जवाहर लाल नेहरु ने कांग्रेस कार्यसमिति और डा. अम्बेडकर जैसे लोगों की अनसुनी कर के संविधान में 370 जुड़वाई थी| अलबत्ता लोकसभा में तो कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर को विवादास्पद मुद्दा बता कर 370 हटाने के भारत के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया था | पाकिस्तान में विपक्ष ने अधीर रंजन के बयान को इमरान खान पर हमला करने का हथियार बनाया और कहा कि उन से अच्छी तो भारत की कांग्रेस पार्टी है |

370 के मुद्दे पर कांग्रेस के स्टेंड के कारण पार्टी के भीतर विद्रोह की स्थिति पैदा है, इसके बावजूद कांग्रेस वामपंथियों की ओर से कश्मीर पर आयोजित धरने में हिस्सा लेती है और विपक्ष के कश्मीर कूच का हिस्सा बन कर खुद को कटघरे में खड़ा करती है | श्रीनगर कूच की विफलता के बाद राहुल गांधी ने एक ट्वीट में  कहा,  “ जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्वतंत्रता और नागरिक आजादी पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो गए हैं, विपक्ष और मीडिया को तब जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे कठोर बल प्रयोग और प्रशासनिक क्रूरता का अहसास हुआ, जब उन्होंने शनिवार को श्रीनगर का दौरा करने की कोशिश की|” इस ट्विट से पाकिस्तान और पाकिस्तानी मीडिया को बैठे बिठाए भारत के खिलाफ मुद्दा मिल गया और राहुल गांधी पाकिस्तान में छा गए |कांग्रेस यह भी नहीं देख पा रही कि अपनी कश्मीर नीति के कारण वह पाकिस्तान के मीडिया में लोकप्रिय होती जा रही है , लेकिन भारत में अलोकप्रिय के शिखर छू रही है |

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