मोदी हज सब्सिडी का कलंक भी धो डालेंगे

Publsihed: 07.Oct.2017, 23:59

 अजय सेतिया / अपन ने एक जगह पढ़ा था -"अल्लाह कभी भारतीय मुसलमानों का हज कबूल नहीं करेगा |" आप भी जानना चाहेंगे कि ऐसा क्यों ? क्योंकि, हज अपनी खून पसीने की कमाई से की जानी चाहिए | या अपने औलाद की कमाई से | पर कर्ज या दान से लिए गए पैसे से हज नहीं किया जाता | ऐसा मुसलमानों की ही किताबो में लिखा | पर अपन भारतीय मुसलमानों को काफिर नहीं कह सकते | भले ही सारे भारतीय मुसलमान सरकार के दान के पैसे से हज करते हैं | सब्सिडी को अपन सरकारी दान ही तो कह सकते हैं | वैसे अपन को पाकिस्तान का उदाहरण नहीं देना चाहिए | पर पाकिस्तान क्योंकि इस्लामिक देश है , सो उदाहरण देने में हर्ज नहीं | पकिस्तान हाईकोर्ट का आदेश है | जिसमे हज के लिए सब्सिडी देने को कुरआन के खिलाफ बताया गया | मुसलमान बाबरी ढांचा टूटने के कारण नरसिंह राव से खफा था | नरसिंह राव ने उन्हें खुश करने के लिए 1995 में मुसलमानों को हवाई जहाज से हज करवाने का लालच दिया | तब तक समुद्री जहाज से हज जाते थे | जिस में बहुत दिन लगते थे | नरसिंह राव ने कहा बढ़ा हुआ किराया सरकार भर देगी | भारत के मुसलमानों ने शाहबानों को गुजारा भत्ता देने के फैसले का विरोध किया था | पर हज के लिए सब्सिडी देने का विरोध नहीं किया | पाकिस्तान का मुसलमान प्रोग्रेसिव हो गया है | शहरों में युवतियां बुर्के में नहीं अलबत्ता जींस में दिखाई देती हैं | पर भारत में अभी पांच दस फीसदी युवतियों को ही जींस पहनना नसीब हुआ है | भले ही दुनिया भर की मुस्लिम औरतें अपने हकों के लिए लड़ाई के मूड में आईं हैं | पर भारत में तलाकशुदा औरतें ही मैदान में निकली हैं | टर्की में औरतें अपने पहरावे के हक़ की लड़ाई लड़ रहीं हैं | वे जींस और नेकर पहन कर सडकों पर प्रदर्शन कर रहीं हैं | मुस्लिम मर्द उन्हें पहनावे की आज़ादी देने को तैयार नहीं | इस लिए टर्की जैसे यूरोपीय देश में भी मुस्लिम औरतों पर मर्द की हिंसा बढ़ रही है | रमजान के महीने में बस पर एक मुस्लिम औरत की मुस्लिम मर्दों ने मिल कर पिटाई कर दी | वजह यह थी कि रमजान के महीने में औरत ने नेकर पहन रखी थी | इस लिए जुलाई में अपने पहनावे की आज़ादी के लिए मुस्लिम औरतें सड़कों पर उतरीं | क्या पहनावे से मुस्लिम का ईमान देखा जाएगा | और सब्सिडी से की गई हज यात्रा से मुस्लिम का ईमान नहीं देखा जाएगा | भारत में हज की सब्सिडी हमेशा से विवाद का मुद्दा रही है | हिन्दू सरकारी पैसे का इस्लाम के लिए इस्तेमाल करने का विरोध करते रहते हैं | हज की सब्सिडी मुस्लिमों का तुष्टिकरण बन गया है | इस लिए धर्म को न मानने वाले वामपंथी भी हज की सब्सिडी की पैरवी करते हैं | हज की सब्सिडी वोट बैंक की राजनीति बन गई है | भारत सरकार को हर साल 650 करोड़ की सब्सिडी देनी पड़ती है | मुसलमान हज की सब्सिडी का विरोध नहीं, अलबत्ता मांग करते हैं | भले ही अल्लाह उन की हज मंजूर करे या न करे | भाजपा के कई नेता गाहे-ब-गाहे हज की सब्सिडी का विरोध करते रहे हैं | पिछली एनडीए सरकार में वाजपेयी इस झमेले में नहीं पड़े | पर नरेंद्र मोदी अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं | मोदी ने आते ही अफजल अमानुल्लाह की रहनुमाई में एक कमेटी बना दी थी | अफजल अमानुल्लाह भारत सरकार से सक्रेटरी पद से रिटायर हुए हैं | कमेटी का काम पांच साल के लिए सब्सिडी की पालिसी बनाना है | पांच साल यानी 2018 से 2022 तक | मोदी के सारे एजेंडे 2022 तक के बन रहे हैं | 2022 में आज़ादी की स्वर्ण जयंती है | मोदी लोकसभा चुनाव से पहले हाजियों को दुबारा समुद्री जहाज पर बिठा देंगे | अगले साल यानि 2018 की हज सब्सिडी सिर्फ औरतों के लिए रह जाएगी | 2022 से तो हज की सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर देंगे | अफजल अमानुल्लाह ने पालिसी का ड्राफ्ट बना लिया है | कमेटी ने ड्राफ्ट अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी को सौंप दिया है | जो मोदी के एजेंडे के मुताबिक़ ही है | मोदी का एजेंडा मुस्लिम औरतों को अपने पाले में लाना है | इसी लिए तीन तलाक पर मोदी सरकार ने खुल्लम खुल्ला मुस्लिम औरतों का पक्ष लिया है | अफजल अमानुल्लाह ने मुस्लिम औरतों को ही सब्सिडी का ड्राफ्ट दिया है | वह भी 45 साल से ऊपर की औरतों के लिए | हज के लिए उड़ान के केंद्र भी मौजूदा 21 से घटाकर 9 करने का सुझाव है | जो दिल्ली , लखनऊ ,कोलकात्ता , अहमदाबाद , मुमबई , चेन्नई , हैदराबाद , बेंगलुरु और कोच्चि होंगे | यानि हाजियों करीब करीब हर राज्य से उड़ने की सुविधा अभी से खत्म होगी | 

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