यह नेहरु परिवार की कांग्रेस है, आज़ादी के आन्दोलन वाली नहीं

Publsihed: 04.Dec.2017, 22:49

 अजय सेतिया / कांग्रेस को अपन दो हिस्सों में बाँट कर देखें | तो कांग्रेस को समझना आसान होगा | आज़ादी के पहले की कांग्रेस और आज़ादी के बाद की कांग्रेस | कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28  दिसंबर 1885 में हुई थी |  इसके संस्थापक  ए ओ ह्यूम थे | जो ब्रिटिश आईसीएस अफसर थे | जब 1857 का पहला विद्रोह हुआ | तो वह इटावा में कलेक्टर थे | तब उन्होंने विद्रोह के खिलाफ 30 मई 1857 को "राजभक्त" जमीदारों की रक्षक सेना बनाई थी | इस सेना का मकसद इटावा में विद्रोह को कुचलना था | इस की सफलता ही कांग्रेस के गठन का आधार बना | कांग्रेस स्थापना के वक्त  ए ओ ह्यूम ने कुलीन वर्ग के 72 लोग जुटाए थे | पहली बैठक बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी | पहले महासचिव महासचिव ए ओ ह्यूम खुद चुने गए | उन्होंने कलकत्ते के व्योमेश चन्द्र बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था | कांग्रेस ब्रिटिश शासन के साथ तालमेल और सामाजिक संस्था के तौर पर काम कर रही थी | राजनीतिक रूप 1907 में जा कर लिया | जब काँग्रेस में दो दल बन चुके थे - गरम दल और नरम दल | गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और  बिपिन चंद्र पाल कर रहे थे | जो लाल-बाल-पाल के तौर पर मशहूर हुए | नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता एवं दादा भाई नौरोजी कर रहे थे | गरम दल पूर्ण स्वराज की माँग कर रहा था | पर नरम दल ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था | पहले  विश्व युद्ध के समय 1916 में लखनऊ में बैठक हुई | जिस में दोनों दल फिर एक हो गये | होम रूल आंदोलन की शुरुआत हुई | जिसमें  ब्रिटिश राज के भीतर ही भारत के लिये डोमिनियन स्टेटस की माँग की गयी थी | महात्मा गांधी 1914 में अफ्रीका से लौटे | वह गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर भारत आए थे | आते ही वह कांग्रेस में शामिल हो गए | जलियावाला बाग हत्याकांड के बाद गांधी काँग्रेस के महासचिव चुने गए | तब तक काँग्रेस कुलीन वर्गीय संस्था थी | गांधी ने कांग्रेस को सामान्य जन की संस्था बनाया | तब कांग्रेस का नया नेतृत्व उभरा | जिन में पटेल,नेहरू, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, महादेव देसाई और सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे | तब पहली बार प्रदेश काँग्रेस कमेटियों का गठन किया गया | 2015 में जब देश की आबादी 125 करोड़ थी | तब भाजपा ने दावा किया कि उस के 11 करोड़ सदस्य बन चुके हैं | भारत में जब राजनीतिक जागरिकता नहीं थी | भारत की आबादी जब 25 करोड़ थी | राजनीतिक सत्ता नहीं, जेल भरो आन्दोलन थे | तब कांग्रेस के डेढ़ करोड़ सदस्य बन गए थे | सात करोड़ लोग कांग्रेस के आंदोलनों का हिस्सा बने थे | यह थी आज़ादी से पहले की कांग्रेस, जो एक आन्दोलन था | आजादी मिल गई, तो महात्मा गांधी चाहते थे कि कांग्रेस भंग कर दी जाए | गांधी दूरदर्शी थे | उन्हें लगता था कि कांग्रेस ज़िंदा रही ,तो आज़ादी के आन्दोलन का बेजा फायदा उठाएगी | अपन इसे 2012-13 में हुए अन्ना हजारे के आन्दोलन के नजरिए से देखें | यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल क़ानून बनाने को तैयार हो गई थी | अन्ना का आन्दोलन कामयाब रहा था | अन्ना का अपने आन्दोलन को राजनीतिक पार्टी का रूप देने का कोई इरादा नहीं था | पर सत्ता के लालची केजरीवाल गैंग ने आन्दोलन का फायदा उठाया | उन ने आम आदमी पार्टी बना ली | अन्ना उस से अलग हो कर अपने आश्रम में वापस चले गए | ठीक इसी तरह महात्मा गांधी कांग्रेस से अलग हो गए थे | पर कांग्रेस बनी रही | गांधी सही थे , कांग्रेस पर नेहरु परिवार का कब्जा हो गया | अपने दामाद फिरोज गांधी के उपनाम के बहाने गांधी की विरासत भी हथिया ली | वह आज़ादी के आन्दोलन की वारिस भी बन बैठी | आजादी के शुरुआती 30 साल छोड़ दीजिए | उस के बाद कांग्रेस पर नेहरू परिवार का ही कब्जा है | तीस साल में भी चार साल नेहरु खुद और एक साल इंदिरा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थी | बीच के बीस साल भी नेहरु परिवार के दास कांग्रेस अध्यक्ष थे | जो इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा कहते थे | बीच में नरसिंह राव जब नेहरु परिवार के मुताबिक़ नहीं चले | तो सीताराम केसरी को बिठाया गया, वह नेहरु परिवार के लिए पद छोड़ने को राजी नहीं हुए | तो उन्हें निकाल बाहर किया गया | पिछले 19 साल से नेहरु की बेटी की बहू सोनिया गांधी अध्यक्ष थी | तो अब उन के बेटे की बारी है | भाजपा के संगठन महासचिव रामलाल ने सोमवार को चुटकी  ली-" सोनिया गांधी 19 साल कांग्रेस की अध्यक्ष रही | इस दौरान भाजपा में आठ अध्यक्ष रहे | " अब मंगलवार को उनके बेटे राहुल गांधी की ताजपोशी हो जाएगी | क्योंकि उन के सामने कोई खड़ा ही नहीं होगा | इस लिए मणिशंकर अय्यर का कहना बिलकुल ठीक है | जब शाहजहां ने जहांगीर की जगह ली थी क्या तब चुनाव हुए थे | जब औरंगजेब ने शाहजहां की जगह ली ,तब क्या चुनाव हुए थे | यह सब जानते हैं कि जो बादशाह है उसकी संतान को ही सत्ता मिलेगी |
 

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